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कोविन के बारे में जानने की जरूरत है और यह दुनिया भर के देशों के लिए कैसे उपयोगी होगा? - प्रोफेसर हर्ष वी पंत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करने के साथ महामारी कोविड-19 से जूझने में कोविन (CoWIN) वैक्सीन ट्रैकिंग डिजिटल  प्लेटफॉर्म को दुनिया भर के अन्य देशों के लिए डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में पेश किया. इसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए पढ़िए वरिष्ठ संवाददाता चन्द्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

हर्ष वी पंत
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Published : Jul 6, 2021, 10:51 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करने के साथ महामारी कोविड-19 से जूझने में कोविन (CoWIN) वैक्सीन ट्रैकिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म को दुनिया भर के अन्य देशों के लिए डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में पेश किया. मंच का एक ओपन-सोर्स संस्करण बनाने और इसे किसी भी देश के साथ साझा करने के सरकार के फैसले को दुनिया भर में सराहना मिली है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए नई दिल्ली के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में रणनीतिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख प्रोफेसर हर्ष वी पंत (Professor Harsh V Pant) ने कहा, 'कोविन प्लेटफॉर्म का एक ओपन-सोर्स संस्करण बनाने का भारत सरकार का निर्णय काफी हद तक भारत की नीतियों के अनुरूप है. जब यहां कोविड -19 की बात आती है, तब यह हमेशा चुनौती के प्रबंधन और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है ताकि खतरे को नियंत्रित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म को साझा करके भारत को न केवल प्रासंगिक दवाओं या टीकों की आपूर्ति कर व अन्य देशों की मदद करके एक जिम्मेदार वैश्विक हितधारक बने रहने की अनुमति देता है, बल्कि प्रासंगिक तकनीक को साझा करने की भी अनुमति देता है जिससे राष्ट्रों के लिए कोविड-19 चुनौती से निपटना आसान हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह यह विकास उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है जहां अधिकांश देश बहुत अंतर्मुखी रहे हैं, विशेष रूप से विकसित दुनिया के संदर्भ में जो इस प्रश्न पर विकासशील दुनिया के साथ जुड़ने के लिए अनिच्छुक है.

उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से दुनिया के साथ भारत के जुड़ाव का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है और जिस तरह से भारत दुनिया के साथ अपने जुड़ाव को अलग कर रहा है. भारत एक जिम्मेदार वैश्विक हितधारक के रूप में, वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य वस्तुओं के प्रदाता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में अपनी साख को रेखांकित करना चाहता है जो विशेष रूप से उन देशों के साथ काम करने के इच्छुक हैं जो कम भाग्यशाली हैं. कनाडा, मैक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और युगांडा सहित 50 से अधिक देशों ने कोविन प्लेटफॉर्म को अपनाने में रुचि दिखाई है.

कोविन क्या है?

कोविन का मतलब कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस वर्क है जिसे जनवरी 2021 में भारत सरकार द्वारा तब शुरू किया गया था जब देश में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. यह वेबसाइट विशेष रूप से टीकाकरण प्रक्रिया से जुड़े लाभार्थियों और अधिकारियों के लिए बनाई गई थी. यह स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को वैक्सीन स्टॉक का ट्रैक रखने और आवश्यकता के अनुसार इसे प्रबंधित करने में भी मदद करता है.

कोविन की मदद से कोई क्या कर सकता है?

पोर्टल उपयोगकर्ताओं को कोविन वेबसाइट पर मोबाइल नंबर के माध्यम से पंजीकरण करने और अपनी पसंद के अनुसार टीकाकरण स्लॉट बुक करने की अनुमति देता है.इस प्लेटफॉर्म के जरिये यूजर अपने प्रोफाइल में परिवार के चार सदस्यों को स्लॉट बुक कर सकता है, जिससे अधिक लोगों को टीकाकरण कराने में सुविधा होती है.इसके अलावा, उपयोगकर्ता टीकाकरण के बाद टीकाकरण प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं जो जल्द ही विदेश और देश के अन्य हिस्सों में यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज बन जाएगा.विदेश मंत्रालय ने भी आशा व्यक्त की है कि कोविन प्रमाणपत्र को अन्य देशों द्वारा टीकाकरण के वैध प्रमाण के रूप में भी मान्यता दी जाएगी. कोविन प्लेटफॉर्म वैक्सीन प्रमाणपत्र में किसी भी त्रुटि को ठीक करने का विकल्प भी प्रदान करता है.

पासपोर्ट को वैक्सीन सर्टिफिकेट से लिंक करें

वैक्सीन प्लेटफॉर्म की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह भी है कि यह किसी के पासपोर्ट को कोविड -19 प्रमाण पत्र से जोड़ने का विकल्प प्रदान करता है जो कोविड प्रतिबंधों में ढील के साथ विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे भारतीयों के लिए मददगार हो सकता है.

भारत की काेविन तकनीक से अन्य देशों को कैसे लाभ होगा?
केंद्र द्वारा घोषित किया गया है कि कोविन को ओपन-सोर्स बनाया जाएगा और यह किसी भी देश के लिए उपलब्ध होगा जो इसे मुफ्त में उपयोग करना चाहता है. देशों को उनकी स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रौद्योगिकी प्रदान की जाएगी. सरकार ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी के किसी भी व्यावसायिक उपयोग के रूप की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पीएम ने भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था

वहीं विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयोजित कोविन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक समुदाय के साथ अनुभव, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था. इस दौरान उन्होंने वैश्विक प्रथाओं से सीखने के लिए भारत की उत्सुकता भी व्यक्त की.मोदी ने कहा कि सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने आगे दोहराया कि लगभग 200 मिलियन उपयोगकर्ताओं के साथ, आरोग्य सेट ऐप डेवलपर्स के लिए आसानी से उपलब्ध पैकेज है. भारत में उपयोग किए जाने के बाद, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि गति और पैमाने के लिए वास्तविक दुनिया में इसका परीक्षण किया गया है.

गौरतलब है कि कोविन पोर्टल के माध्यम से, भारत ने एक दिन90 लाख लोगों सहित, कोविड के टीकों की 350 मिलियन खुराक दी जा चुकी है. वहीं 5 जुलाई तक कोविन पोर्टल पर कुल 36, 58, 03,983 लोगों ने पंजीकरण कराया है. साथ ही 21 जून को भारत ने लगभग 90, 86,514 खुराकें दीं जो एक दिन में सबसे अधिक है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करने के साथ महामारी कोविड-19 से जूझने में कोविन (CoWIN) वैक्सीन ट्रैकिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म को दुनिया भर के अन्य देशों के लिए डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में पेश किया. मंच का एक ओपन-सोर्स संस्करण बनाने और इसे किसी भी देश के साथ साझा करने के सरकार के फैसले को दुनिया भर में सराहना मिली है.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए नई दिल्ली के ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में रणनीतिक अध्ययन कार्यक्रम के प्रमुख प्रोफेसर हर्ष वी पंत (Professor Harsh V Pant) ने कहा, 'कोविन प्लेटफॉर्म का एक ओपन-सोर्स संस्करण बनाने का भारत सरकार का निर्णय काफी हद तक भारत की नीतियों के अनुरूप है. जब यहां कोविड -19 की बात आती है, तब यह हमेशा चुनौती के प्रबंधन और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया है ताकि खतरे को नियंत्रित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म को साझा करके भारत को न केवल प्रासंगिक दवाओं या टीकों की आपूर्ति कर व अन्य देशों की मदद करके एक जिम्मेदार वैश्विक हितधारक बने रहने की अनुमति देता है, बल्कि प्रासंगिक तकनीक को साझा करने की भी अनुमति देता है जिससे राष्ट्रों के लिए कोविड-19 चुनौती से निपटना आसान हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह यह विकास उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है जहां अधिकांश देश बहुत अंतर्मुखी रहे हैं, विशेष रूप से विकसित दुनिया के संदर्भ में जो इस प्रश्न पर विकासशील दुनिया के साथ जुड़ने के लिए अनिच्छुक है.

उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से दुनिया के साथ भारत के जुड़ाव का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है और जिस तरह से भारत दुनिया के साथ अपने जुड़ाव को अलग कर रहा है. भारत एक जिम्मेदार वैश्विक हितधारक के रूप में, वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य वस्तुओं के प्रदाता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में अपनी साख को रेखांकित करना चाहता है जो विशेष रूप से उन देशों के साथ काम करने के इच्छुक हैं जो कम भाग्यशाली हैं. कनाडा, मैक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और युगांडा सहित 50 से अधिक देशों ने कोविन प्लेटफॉर्म को अपनाने में रुचि दिखाई है.

कोविन क्या है?

कोविन का मतलब कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस वर्क है जिसे जनवरी 2021 में भारत सरकार द्वारा तब शुरू किया गया था जब देश में टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था. यह वेबसाइट विशेष रूप से टीकाकरण प्रक्रिया से जुड़े लाभार्थियों और अधिकारियों के लिए बनाई गई थी. यह स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को वैक्सीन स्टॉक का ट्रैक रखने और आवश्यकता के अनुसार इसे प्रबंधित करने में भी मदद करता है.

कोविन की मदद से कोई क्या कर सकता है?

पोर्टल उपयोगकर्ताओं को कोविन वेबसाइट पर मोबाइल नंबर के माध्यम से पंजीकरण करने और अपनी पसंद के अनुसार टीकाकरण स्लॉट बुक करने की अनुमति देता है.इस प्लेटफॉर्म के जरिये यूजर अपने प्रोफाइल में परिवार के चार सदस्यों को स्लॉट बुक कर सकता है, जिससे अधिक लोगों को टीकाकरण कराने में सुविधा होती है.इसके अलावा, उपयोगकर्ता टीकाकरण के बाद टीकाकरण प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं जो जल्द ही विदेश और देश के अन्य हिस्सों में यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज बन जाएगा.विदेश मंत्रालय ने भी आशा व्यक्त की है कि कोविन प्रमाणपत्र को अन्य देशों द्वारा टीकाकरण के वैध प्रमाण के रूप में भी मान्यता दी जाएगी. कोविन प्लेटफॉर्म वैक्सीन प्रमाणपत्र में किसी भी त्रुटि को ठीक करने का विकल्प भी प्रदान करता है.

पासपोर्ट को वैक्सीन सर्टिफिकेट से लिंक करें

वैक्सीन प्लेटफॉर्म की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह भी है कि यह किसी के पासपोर्ट को कोविड -19 प्रमाण पत्र से जोड़ने का विकल्प प्रदान करता है जो कोविड प्रतिबंधों में ढील के साथ विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे भारतीयों के लिए मददगार हो सकता है.

भारत की काेविन तकनीक से अन्य देशों को कैसे लाभ होगा?
केंद्र द्वारा घोषित किया गया है कि कोविन को ओपन-सोर्स बनाया जाएगा और यह किसी भी देश के लिए उपलब्ध होगा जो इसे मुफ्त में उपयोग करना चाहता है. देशों को उनकी स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रौद्योगिकी प्रदान की जाएगी. सरकार ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी के किसी भी व्यावसायिक उपयोग के रूप की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पीएम ने भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था

वहीं विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयोजित कोविन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक समुदाय के साथ अनुभव, विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था. इस दौरान उन्होंने वैश्विक प्रथाओं से सीखने के लिए भारत की उत्सुकता भी व्यक्त की.मोदी ने कहा कि सॉफ्टवेयर एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें संसाधनों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने आगे दोहराया कि लगभग 200 मिलियन उपयोगकर्ताओं के साथ, आरोग्य सेट ऐप डेवलपर्स के लिए आसानी से उपलब्ध पैकेज है. भारत में उपयोग किए जाने के बाद, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि गति और पैमाने के लिए वास्तविक दुनिया में इसका परीक्षण किया गया है.

गौरतलब है कि कोविन पोर्टल के माध्यम से, भारत ने एक दिन90 लाख लोगों सहित, कोविड के टीकों की 350 मिलियन खुराक दी जा चुकी है. वहीं 5 जुलाई तक कोविन पोर्टल पर कुल 36, 58, 03,983 लोगों ने पंजीकरण कराया है. साथ ही 21 जून को भारत ने लगभग 90, 86,514 खुराकें दीं जो एक दिन में सबसे अधिक है.

Last Updated : Jul 6, 2021, 11:03 PM IST
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