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अलर्ट जारी : सुरक्षा बलों और धार्मिक स्थलों पर हमला कर सकते हैं आतंकवादी

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Published : Jun 27, 2022, 7:46 PM IST

खुफिया एजेंसियों ने भारत में अल कायदा और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के द्वारा सुरक्षा बल ओर धार्मिक स्थलों पर हमला करने की योजना किए जाने की बात कही है. इसको देखते हुए गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट....

Ministry of Home Affairs
गृह मंत्रालय

नई दिल्ली: खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन सुरक्षा बलों पर बड़े हमले की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर हमला करने की कोशिश कर सकते हैं. इस बारे में खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया है.

गृह मंत्रालय ने अपने अलर्ट नोट में सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को धार्मिक स्थलों और तीर्थों पर अतिरिक्त निगरानी रखने के लिए कहा है ताकि भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक ताकतों की सभी गतिविधियों को नाकाम किया जा सके. बता दें कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के गिरफ्तार आतंकी तालिब हुसैन गुर्जर से पूछताछ के बाद खुफिया एजेंसियों ने आतंकी संगठनों के ऐसी बड़ी साजिश का खुलासा किया.

गुर्जर को सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने इस महीने की शुरुआत में जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले से गिरफ्तार किया था. इस बारे में एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि गुर्जर जम्मू-कश्मीर में भी बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान चला रहा था. इसी क्रम में पिछले हफ्ते, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर के 14 स्थानों पर एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया, जिसमें पाकिस्तान स्थित संगठनों द्वारा अल्पसंख्यकों, सुरक्षा कर्मियों और धार्मिक तीर्थयात्रियों को निशाना बनाकर आतंकी साजिश रची गई थी.

खुफिया अधिकारी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा ने विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल किया है. अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादी संगठन मुख्य रूप से सुरक्षा बलों और अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी और इसी तरह के अन्य धार्मिक तीर्थस्थलों को निशाना बना सकते हैं.'

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर : हाइब्रिड आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों को मिली 'हरी' झंडी

भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (al-Qaeda in the Indian subcontinent) जो विभिन्न राज्यों में अपना आधार बनाने की कोशिश कर रहा है, वह जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और मध्य भारत के अन्य माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में भी सक्रिय पाया गया है. विशेष रूप से ऐसे समय में जब 43 दिनों की अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने वाली है, खुफिया एजेंसियों के इस तरह के इनपुट बहुत अधिक महत्व रखते हैं. गृह मंत्रालय ने इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 300 कंपनियों की प्रतिनियुक्ति की है जिसमें सीआरपीएफ की 110 कंपनियां शामिल हैं.

नई दिल्ली: खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा के साथ मिलकर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन सुरक्षा बलों पर बड़े हमले की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर हमला करने की कोशिश कर सकते हैं. इस बारे में खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने पूरे देश में अलर्ट जारी कर दिया है.

गृह मंत्रालय ने अपने अलर्ट नोट में सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को धार्मिक स्थलों और तीर्थों पर अतिरिक्त निगरानी रखने के लिए कहा है ताकि भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक ताकतों की सभी गतिविधियों को नाकाम किया जा सके. बता दें कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के गिरफ्तार आतंकी तालिब हुसैन गुर्जर से पूछताछ के बाद खुफिया एजेंसियों ने आतंकी संगठनों के ऐसी बड़ी साजिश का खुलासा किया.

गुर्जर को सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने इस महीने की शुरुआत में जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले से गिरफ्तार किया था. इस बारे में एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि गुर्जर जम्मू-कश्मीर में भी बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान चला रहा था. इसी क्रम में पिछले हफ्ते, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर के 14 स्थानों पर एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया, जिसमें पाकिस्तान स्थित संगठनों द्वारा अल्पसंख्यकों, सुरक्षा कर्मियों और धार्मिक तीर्थयात्रियों को निशाना बनाकर आतंकी साजिश रची गई थी.

खुफिया अधिकारी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा ने विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों को शामिल किया है. अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादी संगठन मुख्य रूप से सुरक्षा बलों और अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी और इसी तरह के अन्य धार्मिक तीर्थस्थलों को निशाना बना सकते हैं.'

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भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (al-Qaeda in the Indian subcontinent) जो विभिन्न राज्यों में अपना आधार बनाने की कोशिश कर रहा है, वह जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और मध्य भारत के अन्य माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में भी सक्रिय पाया गया है. विशेष रूप से ऐसे समय में जब 43 दिनों की अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने वाली है, खुफिया एजेंसियों के इस तरह के इनपुट बहुत अधिक महत्व रखते हैं. गृह मंत्रालय ने इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 300 कंपनियों की प्रतिनियुक्ति की है जिसमें सीआरपीएफ की 110 कंपनियां शामिल हैं.

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