लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 2017 में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है, प्रदेश में लगातार पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या हो रही है, जो कि दुखद है.
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भाजपा सरकार आने के बाद 2017 से पुलिसकर्मियों की हत्याओं का दौर जारी है। आज आगरा में एक एसआई प्रशांत यादव की गोली मारकर की गयी हत्या अत्यंत दुःखद है। दुःख के इन पलों में हम परिवार व पुलिस के साथ हैं।
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उप्र में बेहद दबाव में काम करने वाले पुलिसकर्मियों का न वेतन निश्चित है न जीवन।
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— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 25, 2021
उप्र में बेहद दबाव में काम करने वाले पुलिसकर्मियों का न वेतन निश्चित है न जीवन।भाजपा सरकार आने के बाद 2017 से पुलिसकर्मियों की हत्याओं का दौर जारी है। आज आगरा में एक एसआई प्रशांत यादव की गोली मारकर की गयी हत्या अत्यंत दुःखद है। दुःख के इन पलों में हम परिवार व पुलिस के साथ हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 25, 2021
उप्र में बेहद दबाव में काम करने वाले पुलिसकर्मियों का न वेतन निश्चित है न जीवन।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, जिस तरह से आगरा में एसआई प्रशांत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई, यह अत्यंत दुखद है. दुख के इन पलों में समाजवादी पार्टी पुलिस के साथ खड़ी है. प्रदेश में बेहद दबाव में काम करने वाले पुलिसकर्मियों का न तो वेतन निश्चित है और न ही जीवन.
किसानों पर पड़ रही दोगनी मार
अखिलेश यादव ने कहा, किसान पहले से ही फसल का उचित मूल्य न मिलने के कारण परेशान हैं, लेकिन अब उनकी परेशानी और बढ़ चुकी है, क्योंकि डीएपी के दाम में 300 तक की वृद्धि हो गई है. भाजपा सरकार किसानों पर अत्याचार बंद कर बढ़ी हुई कीमतों को वापस ले.
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जनता को गुमराह कर रही है भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, सत्ता में आने से पूर्व जो भी वादे भाजपा ने किए थे, एक भी वादे पूरे नहीं किए गए हैं. आज नौजवान बेरोजगार परेशान हैं. महिला हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसे रोक पाने में प्रदेश सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है. बताते चलें कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार केंद्र व प्रदेश सरकार पर हमलावर हैं. कभी कानून व्यवस्था को लेकर तो कभी किसानों के मुद्दे को लेकर.
उन्होंने कहा कि भाजपा की जनविरोधी आर्थिक नीतियों के चलते जनता गम्भीर संकटों में घिर गई है. मंहगाई की मार ने लोगों की कमर तोड़ दी है. जनता की आय बढ़ी नहीं, रोजगार के अवसर सृजित नहीं हुए और बाजार अभी तक मंदी से उबर नहीं पाया है. समाज का हर वर्ग परेशान है.
अखिलेश यादव ने कहा, होली का त्योहार सिर पर है, लेकिन मंहगाई ने लोगों का उत्साह फीका कर दिया है. खाद्य तेल, घी, मेवा सब कुछ आम जनता की खरीद से बाहर है. दिसंबर से अब तक लगभग हर चीज 25 फीसदी मंहगी बिकने लगी है. बाजार में जो खाद्य पदार्थ बिक रहे हैं, उनमें भी भारी मिलावट होने से जहर खाकर लोग बीमारी का शिकार होंगे. भाजपा की सरकार को इससे कुछ लेना-देना नहीं है. वह तो मुनाफाखोरों को लूट का अवसर देने को प्रतिबद्ध है. इसी को तो भाजपा आपदा में अवसर करार देती है.
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भाजपा की आंखों में खटक रहे किसान
अखिलेश यादव ने कहा, किसान तो भाजपा सरकार की आंख में बुरी तरह खटक रहा है. महीनों से किसान अपनी फसल की न्यायोचित कीमत एमएसपी दिलाने और तीनों काले कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण धरना दे रहा है, लेकिन भाजपा सरकार उनकी बात सुनने को ही तैयार नहीं है. 250 से ज्यादा किसान आंदोलन में अपनी बलि दे चुके हैं, लेकिन भाजपा ने अब तक उस पर संवेदना के दो शब्द भी नहीं बोले हैं. किसानों को डर है कि नए कृषि कानून से उनकी खेती पर बड़े उद्योग घरानों का आधिपत्य हो जाएगा और वे खेत मालिक की जगह खेतिहर मजदूर बन जाने को मजबूर होंगे. किसान पर भाजपा राज में दोगुनी मार पड़ रही है. एक तो फसल के लाभप्रद दाम न मिलने और फसल की लागत भी न निकलने से वह वर्ष प्रतिवर्ष कर्जदार बनता जा रहा है.