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अकाल तख्त के जत्थेदार ने सिख युवकों को रिहा करने के लिए सरकार को 24 घंटे का समय दिया

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह (Jathedar Giani Harpreet Singh) ने सभी युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है.

Jathedar Giani Harpreet Singh
जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह
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Published : Mar 27, 2023, 10:40 PM IST

अमृतसर : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह (Jathedar Giani Harpreet Singh) ने सोमवार को राज्य सरकार को उन सभी युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिन्हें कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया है. उन्होंने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की. सिखों की सर्वोच्च पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ने यहां सिख संगठनों, बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें 18 मार्च को अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पंजाब के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई.

जत्थेदार ने सभा को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार को सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सिख समुदाय का गुस्सा उबलता रहेगा. उन्होंने कुछ टीवी चैनलों पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने कथित तौर पर उन युवकों को अलगाववादी बताकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई. जत्थेदार ने राज्य सरकार से एनएसए के तहत हिरासत में लिए कुछ लोगों को छोड़ने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए लोगों को पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, ताकि कानून अपना काम कर सके. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हिरासत में लिए गए सिखों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 'हिंदू राष्ट्र' की बात करने वालों के खिलाफ भी एनएसए लगाया जाना चाहिए. जत्थेदार ने कहा कि वह उन 'निर्दोष सिखों' की पूरी मदद करेंगे, जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया है.

अमृतसर : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह (Jathedar Giani Harpreet Singh) ने सोमवार को राज्य सरकार को उन सभी युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिन्हें कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया है. उन्होंने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की. सिखों की सर्वोच्च पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ने यहां सिख संगठनों, बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें 18 मार्च को अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पंजाब के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई.

जत्थेदार ने सभा को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार को सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सिख समुदाय का गुस्सा उबलता रहेगा. उन्होंने कुछ टीवी चैनलों पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने कथित तौर पर उन युवकों को अलगाववादी बताकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई. जत्थेदार ने राज्य सरकार से एनएसए के तहत हिरासत में लिए कुछ लोगों को छोड़ने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए लोगों को पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, ताकि कानून अपना काम कर सके. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हिरासत में लिए गए सिखों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 'हिंदू राष्ट्र' की बात करने वालों के खिलाफ भी एनएसए लगाया जाना चाहिए. जत्थेदार ने कहा कि वह उन 'निर्दोष सिखों' की पूरी मदद करेंगे, जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया है.

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(पीटीआई-भाषा)

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