बारामती : महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में शामिल होने के बाद शनिवार को पहली बार बारामती पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार का इस क्षेत्र में भव्य स्वागत हुआ. बारामती राकांपा प्रमुख शरद पवार का गढ़ कहलाता है. महाराष्ट्र विधानसभा में अजित पवार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. सफेद कुर्ता-पायजामा और पगड़ी पहनकर बारामती पहुंचे अजित पवार पर फूलों की बारिश की गई और उन्हें एक बड़ी माला भेंट की गई. वह एक वाहन में 'रोड शो' का नेतृत्व करते हुए रैली स्थल तक पहुंचे.
रैली में अजित पवार ने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में शामिल होने का एकमात्र कारण राज्य का विकास था. उन्होंने देश में कई परियोजनाओं को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री मोदी जैसा मेहनती कोई और नेता नहीं है. अजित पवार ने कहा, ‘भारत ने नेहरू जी को उनके नेतृत्व कौशल के लिए स्वीकार किया है. लोग इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी को भी उनके गुणों के लिए पसंद करते थे. मनमोहन सिंह जी ने दस साल तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, लेकिन वह कम बोलते थे. अब, मोदी जी कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
अजित पवार ने रैली में किसी का नाम लिए बिना कहा 'मैं बारामती के लोगों का भरोसा नहीं तोडूंगा. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फणनवीस की सरकार में शामिल होने का एकमात्र कारण महाराष्ट्र का विकास था. मैं कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहता था, मैंने तो बस सच्चाई को स्वीकार किया है.'
बता दें, पिछले महीने अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सभी को चौंका दिया था. उनके साथ राकंपा के आठ बागी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. बारामती लोकसभा क्षेत्र से अजित पवार की चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं. राकंपा प्रमुख शरद पवार के शुक्रवार को दिए इस बयान के बाद खलबली मच गई थी कि पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुआ है और अजित पवार अभी भी इसके नेता हैं. हालांकि, वह कुछ ही घंटों बाद ही अपने इस बयान से मुकर गए थे.
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(पीटीआई-भाषा)