हैदराबाद: नई दिल्ली में बनकर तैयार हुए नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर राजनीति तेज हो गई है. जहां कांग्रेस पार्टी सहित 19 विपक्षी दलों ने मांग की है कि यदि राष्ट्रपति नए भवन का उद्घाटन करेंगी, तो वे इस समारोह में शामिल होंगे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने पर वे समारोह में शामिल नहीं होंगे. वहीं वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी), अकाली दल और टीडीपी ने समारोह में शामिल होने की बात कही है.
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#WATCH | Prime Minister Narendra Modi should not inaugurate this. If Lok Sabha Speaker Om Birla will not inaugurate the new Parliament building, then we (AIMIM) will not attend the ceremony: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/D5cYMuUGCN
— ANI (@ANI) May 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) May 24, 2023#WATCH | Prime Minister Narendra Modi should not inaugurate this. If Lok Sabha Speaker Om Birla will not inaugurate the new Parliament building, then we (AIMIM) will not attend the ceremony: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/D5cYMuUGCN
— ANI (@ANI) May 24, 2023
अब इस मुद्दे को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान सामने आया है. कांग्रेस पार्टी और अन्य 19 विपक्षी दलों से अलग ओवैसी ने अलग ही मांग रख दी है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नए संसद भवन की इमारत का उद्घाटन नहीं करना चाहिए. अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करेंगे तो हम (एआईएमआईएम) समारोह में शामिल नहीं होंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रविवार 28 मई को संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर बुधवार को टीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत करने की पुष्टि की है, वहीं, वाईएसआरसीपी सांसद विजयसाई रेड्डी ने भी इस समारोह में शामिल होने पर सहमति जतायी है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का कांग्रेस, आप, तृणमूल कांग्रेस, जद (यू), माकपा, राजद समेत 19 दलों ने ऐलान किया है.
एक बयान में, राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जब हमें पता चला कि प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, तो हमने सुझाव दिया था कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए. यह संसदीय प्रणाली की परंपरा के अनुसार होता, लेकिन प्रधानमंत्री किसी की नहीं सुनते. उन्होंने कहा कि 20-25 साल बाद जब इतिहास लिखा जाएगा, तो लोगों को पता चलेगा कि विपक्षी दलों ने संविधान को सर्वोच्च मानते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया था. हम अभी भी प्रधान मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे इसमें सुधार करें.