नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी टीका लगाया गया. इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनकी सराहना की. अस्पताल के एक सफाई कर्मी मनीष कुमार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया.
हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके- भारत बायोटेक के स्वदेशी कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक 'संजीवनी' हैं.स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों के टीकाकरण की लागत केंद्र सरकार वहन करेगी.
इस दौरान ईटीवी भारत ने डॉ. वीके पॉल से बात की. उन्होंने बताया कि आज भारत के लिए गर्व का समय है. आज भारत ने कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी है. इसको लेकर किसी प्रकार की कोई भ्रांति नहीं फैलानी चाहिए. भारत के दोनों वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित हैं. दोनों वैक्सीन को जांच परख के बाद जारी किया गया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि हमने भी वैक्सीन एम्स में लगवाई है. देखिए हम बिल्कुल ठीक हैं, कोई दिक्कत नहीं है. जिसको जो वैक्सीन एलॉट होती है उसको वह लगवाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगले कुछ समय में भारत में कुछ और वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी.
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डॉ. रणदीप गुलेरिया ने लगवाई वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन को लेकर सभी आशंकाओं, अफवाहों और भ्रम को दूर करने के लिए दिल्ली स्थित एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने आज खुद कोरोना वैक्सीन की डोज ली है. देश भर में आज कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है. पीएम मोदी ने देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की. दिल्ली के एम्स में कोरोना वायरस का पहला टीका लगाया गया.
वैक्सीन लगवाने के बाद एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि भारत की वैक्सीन सुरक्षित है. बिना कोई झिझक के लोगों को इसे लगवाना चाहिए. देश में सरकार ने पहले हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत की है. उसी के हिसाब से आज वैक्सिनेशन की शुरुआत की गई है. एम्स में तमाम व्यवस्था वैक्सीनेशन को लेकर की गई है.