नई दिल्लीः सीबीआई ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला (Agusta Westland scam) मामले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत (Christian Michel, accused in the AgustaWestland scam case) याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो सुनवाई की अगली तिथि को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैसे का जो लेनदेन हुआ उसका विस्तृत ब्याेरा दाखिल करें. इस मामले पर अगली सुनवाई 14 जनवरी को होगी.
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील डीपी सिंह ने कहा कि मिशेल ने एक बिचौलिये का काम किया. उसने इस घोटाले में कुछ करारों के लिए पैसे लिए. वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होंने इटली की एक कोर्ट में मिशेल के बयान का जिक्र किया जिसमें मिशेल ने कहा था कि उसने झूठे करारों पर अगस्ता वेस्टलैंड के आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर हस्ताक्षर किए थे.
19 जुलाई 2021 को कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान जोसेफ ने कहा था कि इस मामले के सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. मिशेल चार दिसंबर 2018 से हिरासत में है. उन्होंने कहा था कि आरोपी के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग वाले आरोपों कानून में संशोधन के बाद लगाए गए हैं, इसलिए ये उसके खिलाफ लागू नहीं होते.
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18 जून 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था. मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था. 23 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 13 को आरोपी बनाया गया है. 19 सितंबर 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.
चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंट इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी सापोनारो और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपी बनाया गया है. इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपी नहीं बनाया गया है क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है.