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UP : शूज कारोबार को मिली 500 करोड़ के ऑर्डर की संजीवनी

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से बेपटरी हुआ आगरा का शूज और फुटवियर कारोबार फिर से पटरी पर आने लगा है. आगरा के एक्सपोर्टरों को हाल ही में 500 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं. कारोबारी इस ऑर्डर को संजीवनी मान रहे हैं.

शूज कारोबार
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Published : Sep 4, 2021, 12:29 AM IST

आगराः कोरोना काल में बेपटरी हुआ लेदर शूज और फुटवियर कारोबार अब पटरी पर लौटने लगा है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद आगरा के शूज एक्सपोर्टरों को संजीवनी मिलने लगी है. दुनिया के तमाम देशों ने कोरोना के चलते चाइना से शूज एक्सपोर्ट का कारोबार बंद कर दिया है. इसका फायदा इंडिया के शूज एक्सपोर्ट कारोबार को मिल रहा है. यही वजह है कि जुलाई और अगस्त में ही करीब 500 करोड़ रुपये के विंटर शूज के एक्सपोर्ट के ऑर्डर शूज कारोबारियों को मिले हैं. शूज एक्सपोर्टर्स को यूरोपियन देशों के साथ ही अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से बड़े स्तर पर विंटर शूज कलेक्शन के ऑर्डर मिले हैं. इससे आगरा के शूज एक्सपोर्टर्स के चेहरे खिले हुए हैं. शूज एक्सपोर्टर्स का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब शूज कारोबार पटरी पर आ रहा है. तमाम देशों से चाइना के व्यापारिक संबंध खराब होने का फायदा आगरा के शूज कारोबार को मिलने लगा है.

आगरा के लेदर शूज और फुटवियर कारोबारियों को मिले 500 करोड़ के ऑर्डर.

अलग-अलग देशों से लगातार मिल रहे हैं ऑर्डर
फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमैक) के प्रेसिडेंट पूरन डावर का कहना है कि आगरा का हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये का शूज और फुटवियर एक्सपोर्ट का कारोबार है. बाइंग हाउसेस के थ्रू करीब 4000 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट होता है. वहीं, मेजर एक्सपोर्ट साल के फर्स्ट हाफ में होता है, जिसमें विंटर के ऑर्डर आते हैं. समर के लिए एक्सपोर्ट के ऑर्डर अगस्त-सितंबर में आना शुरू होते हैं. लेकिन इस बार समर एक्सपोर्ट के ऑर्डर में एक अलग ही ट्रेंड देखने के लिए मिला है. इस बार जुलाई और अगस्त में ही करीब 450-500 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट ऑर्डर आए हैं. उन्होंने बताया कि इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया से भी लगातार ऑर्डर आ रहे हैं.

मेड इन इंडिया पर जोर
शूज एक्सपोर्टर श्रुति कौल ने बताया कि चाइना अभी पूरी तरह से एक्सपोर्ट के लिए खुला नहीं है. वहीं, इंडिया में जितने भी डोमेस्टिक के बड़े ब्रांड हैं, वे अब मेड इन इंडिया पर ही जोर दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि यूएई के बड़े-बड़े ब्रांड जो बिल्कुल चाइना पर डिपेंड थे, वो भी अब इंडिया की ओर रुख कर रहे हैं. जिसकी वजह से यूएई को शूज एक्सपोर्ट किया है. उन्होंने बताया कि सिर्फ पैटर्न और बाइंग में फर्क नजर आ रहा है. कोरोना की वजह से जो कंपनियां साल में चार बार माल खरीदती थीं, वे अब सिर्फ दो ही बार खरीद रही हैं. इसके साथ ही क्वांटिटी भी मिनिमम रख रही हैं.

आगरा में जूतों का कारोबार.
आगरा में जूतों का कारोबार.

दुनिया के हर कोने में आगरा से भेजे जाते हैं जूते
शूज एक्सपोर्टर माला खेरा ने बताया कि आगरा से दुनिया के हर कोने-कोने में शूज एक्सपोर्ट किया जाता है. आगरा का यूरोप के साथ सबसे ज्यादा शूज एक्सपोर्ट का कारोबार है. सबसे ज्यादा फैशनेबल कंट्री जर्मनी, फ्रांस, हालैंड, डेनमार्क, इटली, बेल्जियम, स्पेन से शूज एक्सपोर्ट का कारोबार होता है. आगरा से विंटर शूज एक्सपोर्ट सबसे ज्यादा है. विंटर के मुकाबले समर शूज व फुटवियर एक्सपोर्ट का काम कम है. उन्होंने बताया कि आगरा से अमेरिका भी शूज एक्सपोर्ट का कारोबार खूब बड़ा है. आगरा की कई फैक्ट्रियां ऐसी हैं जो अमेरिका के लिए स्पेशली शूज एक्सपोर्ट करती हैं. उन्होंने बताया कि इस समय न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया से भी शूज के खूब ऑर्डर आ रहे हैं.

आगराः कोरोना काल में बेपटरी हुआ लेदर शूज और फुटवियर कारोबार अब पटरी पर लौटने लगा है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद आगरा के शूज एक्सपोर्टरों को संजीवनी मिलने लगी है. दुनिया के तमाम देशों ने कोरोना के चलते चाइना से शूज एक्सपोर्ट का कारोबार बंद कर दिया है. इसका फायदा इंडिया के शूज एक्सपोर्ट कारोबार को मिल रहा है. यही वजह है कि जुलाई और अगस्त में ही करीब 500 करोड़ रुपये के विंटर शूज के एक्सपोर्ट के ऑर्डर शूज कारोबारियों को मिले हैं. शूज एक्सपोर्टर्स को यूरोपियन देशों के साथ ही अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से बड़े स्तर पर विंटर शूज कलेक्शन के ऑर्डर मिले हैं. इससे आगरा के शूज एक्सपोर्टर्स के चेहरे खिले हुए हैं. शूज एक्सपोर्टर्स का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब शूज कारोबार पटरी पर आ रहा है. तमाम देशों से चाइना के व्यापारिक संबंध खराब होने का फायदा आगरा के शूज कारोबार को मिलने लगा है.

आगरा के लेदर शूज और फुटवियर कारोबारियों को मिले 500 करोड़ के ऑर्डर.

अलग-अलग देशों से लगातार मिल रहे हैं ऑर्डर
फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (एफमैक) के प्रेसिडेंट पूरन डावर का कहना है कि आगरा का हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये का शूज और फुटवियर एक्सपोर्ट का कारोबार है. बाइंग हाउसेस के थ्रू करीब 4000 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट होता है. वहीं, मेजर एक्सपोर्ट साल के फर्स्ट हाफ में होता है, जिसमें विंटर के ऑर्डर आते हैं. समर के लिए एक्सपोर्ट के ऑर्डर अगस्त-सितंबर में आना शुरू होते हैं. लेकिन इस बार समर एक्सपोर्ट के ऑर्डर में एक अलग ही ट्रेंड देखने के लिए मिला है. इस बार जुलाई और अगस्त में ही करीब 450-500 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट ऑर्डर आए हैं. उन्होंने बताया कि इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया से भी लगातार ऑर्डर आ रहे हैं.

मेड इन इंडिया पर जोर
शूज एक्सपोर्टर श्रुति कौल ने बताया कि चाइना अभी पूरी तरह से एक्सपोर्ट के लिए खुला नहीं है. वहीं, इंडिया में जितने भी डोमेस्टिक के बड़े ब्रांड हैं, वे अब मेड इन इंडिया पर ही जोर दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि यूएई के बड़े-बड़े ब्रांड जो बिल्कुल चाइना पर डिपेंड थे, वो भी अब इंडिया की ओर रुख कर रहे हैं. जिसकी वजह से यूएई को शूज एक्सपोर्ट किया है. उन्होंने बताया कि सिर्फ पैटर्न और बाइंग में फर्क नजर आ रहा है. कोरोना की वजह से जो कंपनियां साल में चार बार माल खरीदती थीं, वे अब सिर्फ दो ही बार खरीद रही हैं. इसके साथ ही क्वांटिटी भी मिनिमम रख रही हैं.

आगरा में जूतों का कारोबार.
आगरा में जूतों का कारोबार.

दुनिया के हर कोने में आगरा से भेजे जाते हैं जूते
शूज एक्सपोर्टर माला खेरा ने बताया कि आगरा से दुनिया के हर कोने-कोने में शूज एक्सपोर्ट किया जाता है. आगरा का यूरोप के साथ सबसे ज्यादा शूज एक्सपोर्ट का कारोबार है. सबसे ज्यादा फैशनेबल कंट्री जर्मनी, फ्रांस, हालैंड, डेनमार्क, इटली, बेल्जियम, स्पेन से शूज एक्सपोर्ट का कारोबार होता है. आगरा से विंटर शूज एक्सपोर्ट सबसे ज्यादा है. विंटर के मुकाबले समर शूज व फुटवियर एक्सपोर्ट का काम कम है. उन्होंने बताया कि आगरा से अमेरिका भी शूज एक्सपोर्ट का कारोबार खूब बड़ा है. आगरा की कई फैक्ट्रियां ऐसी हैं जो अमेरिका के लिए स्पेशली शूज एक्सपोर्ट करती हैं. उन्होंने बताया कि इस समय न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया से भी शूज के खूब ऑर्डर आ रहे हैं.

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