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आगरा में एसिड अटैक में दो दशक बाद दर्ज हुई FIR, महिलाओं पर 1997 और 2002 में फेंका गया था तेजाब

आगरा में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर आगरा में एसिड अटैक (Agra acid attack FIR registered after two decades) का शिकार दो पीड़िताओं के मामले में अलग-अलग थानों में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए हैं. संस्थाओं की मदद से एसिड अटैक (acid attack) पीड़िताओं ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगायी थी.

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Published : Jan 9, 2023, 7:49 AM IST

Updated : Jan 9, 2023, 11:19 AM IST

आगराः जिले में पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद 20 और 25 साल बाद दो थानों में एसिड अटैक (Agra acid attack FIR registered after two decades) के मामले दर्ज हुए हैं. बीते 6 जनवरी को सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा (civil society of agra) और छांव फाउंडेशन (Chhaon Foundation) के सदस्यों ने दोनों पीड़िताओं को लेकर पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से उनके कार्यलय पर मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों संस्थाओं ने खुले में आसानी से बिकने वाले तेजाब को लेकर भी आपत्ति दर्ज करायी थी. दोनों पीड़िताओं की आपबीती सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना एत्मादौला और ताजगंज पुलिस को एसिड अटैक (acid attack) के मामले दर्ज कर जांच करने के आदेश जारी किये थे.

बहन के देवर ने फेंका था तेजाब
एत्मादौला थाना क्षेत्र में 20 साल बाद एसिड अटैक (acid attack) का मामला दर्ज कराने वाली पीड़िता का कहना है कि 'जब उस पर 2002 में एसिड अटैक (acid attack) हुआ था, तब उसकी उम्र 14 साल थी. अब पीड़िता 34 साल की है. पीड़िता 2002 में अपनी बहन की ससुराल अलीगढ़ गई थी, जहां बहन के देवर आरिफ पुत्र हनीफ ने उस पर एसिड फेंका था. इस एसिड हमले में पीड़िता का मुंह और अन्य अंग बुरी तरह झुलस गए थे, लेकिन परिजनों ने बहन का बसा-बसाया घर उजड़ने की दुहाई देकर पीड़िता को शांत कर दिया. अब संस्थाओं के समझाने पर एसिड सर्वाइवर पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ 20 साल बाद एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज कराया है.

लोक-लज्जा के डर से नहीं की थी शिकायत
वहीं, दूसरी पीड़िता का कहना है कि माह जून साल 1997 में वह राजा मंडी बाजार से घर लौट रही थी. बीच रास्ते में आरोपी ने आरोपी ने एसिड फेंक दिया था, जिसमें उसका मुंह पूरी तरह से झुलस गया. जब उसके साथ एसिड अटैक (acid attack) हुआ था, उस वक्त पीड़िता नाबालिग थी, लेकिन परिवार ने लोक-लज्जा के डर से पुलिस में जाने से रोक दिया. उस वक्त एसिड अटैक (acid attack) पीड़ितों को लेकर कानून भी सख्त नहीं था, जिसका लाभ आरोपियों को मिलता था.

अब संस्था सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और छांव फाउंडेशन ने एसिड सर्वाइवर को न्याय दिलाने के लिए 25 साल बाद थाना ताजगंज में आरोपी के खिलाफ एसिड अटैक (acid attack) का मुकदमा दर्ज कराया है. दोनों मुकदमे पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर के आदेश पर दर्ज हुए हैं, जिनकी विवेचना जारी है. संस्थाओं का कहना है कि दोनों ही मामले समाज के सामने नजीर पेश करेंगे.

पढ़ेंः यूपी में दलित महिला पर एसिड अटैक, 6 लोगों पर FIR

आगराः जिले में पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद 20 और 25 साल बाद दो थानों में एसिड अटैक (Agra acid attack FIR registered after two decades) के मामले दर्ज हुए हैं. बीते 6 जनवरी को सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा (civil society of agra) और छांव फाउंडेशन (Chhaon Foundation) के सदस्यों ने दोनों पीड़िताओं को लेकर पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह से उनके कार्यलय पर मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों संस्थाओं ने खुले में आसानी से बिकने वाले तेजाब को लेकर भी आपत्ति दर्ज करायी थी. दोनों पीड़िताओं की आपबीती सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने थाना एत्मादौला और ताजगंज पुलिस को एसिड अटैक (acid attack) के मामले दर्ज कर जांच करने के आदेश जारी किये थे.

बहन के देवर ने फेंका था तेजाब
एत्मादौला थाना क्षेत्र में 20 साल बाद एसिड अटैक (acid attack) का मामला दर्ज कराने वाली पीड़िता का कहना है कि 'जब उस पर 2002 में एसिड अटैक (acid attack) हुआ था, तब उसकी उम्र 14 साल थी. अब पीड़िता 34 साल की है. पीड़िता 2002 में अपनी बहन की ससुराल अलीगढ़ गई थी, जहां बहन के देवर आरिफ पुत्र हनीफ ने उस पर एसिड फेंका था. इस एसिड हमले में पीड़िता का मुंह और अन्य अंग बुरी तरह झुलस गए थे, लेकिन परिजनों ने बहन का बसा-बसाया घर उजड़ने की दुहाई देकर पीड़िता को शांत कर दिया. अब संस्थाओं के समझाने पर एसिड सर्वाइवर पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ 20 साल बाद एसिड अटैक का मुकदमा दर्ज कराया है.

लोक-लज्जा के डर से नहीं की थी शिकायत
वहीं, दूसरी पीड़िता का कहना है कि माह जून साल 1997 में वह राजा मंडी बाजार से घर लौट रही थी. बीच रास्ते में आरोपी ने आरोपी ने एसिड फेंक दिया था, जिसमें उसका मुंह पूरी तरह से झुलस गया. जब उसके साथ एसिड अटैक (acid attack) हुआ था, उस वक्त पीड़िता नाबालिग थी, लेकिन परिवार ने लोक-लज्जा के डर से पुलिस में जाने से रोक दिया. उस वक्त एसिड अटैक (acid attack) पीड़ितों को लेकर कानून भी सख्त नहीं था, जिसका लाभ आरोपियों को मिलता था.

अब संस्था सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा और छांव फाउंडेशन ने एसिड सर्वाइवर को न्याय दिलाने के लिए 25 साल बाद थाना ताजगंज में आरोपी के खिलाफ एसिड अटैक (acid attack) का मुकदमा दर्ज कराया है. दोनों मुकदमे पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर के आदेश पर दर्ज हुए हैं, जिनकी विवेचना जारी है. संस्थाओं का कहना है कि दोनों ही मामले समाज के सामने नजीर पेश करेंगे.

पढ़ेंः यूपी में दलित महिला पर एसिड अटैक, 6 लोगों पर FIR

Last Updated : Jan 9, 2023, 11:19 AM IST
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