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Umesh Pal murder case: धमकी का जवाब देने पर बौखलाए अतीक अहमद ने जारी किया था उमेश पाल की हत्या का फरमान

उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को पता चला है कि धमकी का जवाब देने पर अतीक अहमद ने कहा था कि उमेश पाल को मार दो. चलिए जानते हैं पूरी खबर के बारे में.

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Published : May 7, 2023, 3:10 PM IST

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प्रयागराजः उमेश पाल की हत्या के ढाई महीने बाद पता चला है कि उमेश पाल की हत्या से पहले अतीक अहमद ने फोन करके धमकाया था. उमेश पाल ने डरने की जगह अतीक अहमद से फोन पर तीखी बहस कर ली और बाहुबली की गालियों का जवाब दे दिया था. हमेशा फोन कर लोगों को गालियां और धमकियां देने वाले अतीक को उल्टा जवाब मिला तो वह उसे नागवार गुजरा. अतीक अहमद ने उमेश पाल को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. इसके बाद 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो गनर को बम गोलियों से छलनी कर मौत के घाट के उतार दिया गया था.

सूत्रों की मानें तो बमबाज गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल की हत्या से पहले उसके घर गया था और उसने उमेश पाल की अतीक अहमद से फोन पर बात करवाई थी.अतीक ने फोन पर उमेश पाल को धमकाया था जिसके बाद उमेश पाल ने उल्टा जवाब दिया था. इसके बाद ही उसकी हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी गई थी. पुलिस को इस बात की जानकारी कस्टडी रिमांड के दौरान अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ ने दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जब उमेश पाल ने अतीक अहमद से फोन पर बात करने के दौरान माफिया की बातों को मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद ही अतीक अहमद के कहने पर बेटे असद ने शूटरों और अतीक अशरफ के साथ मिलकर पूरे घटना की साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुंचाया.

अतीक अहमद के सबसे खास वकील खान सौलत हनीफ ने 12 घंटे की कस्टडी रिमांड के दौरान पुलिस को कई चौकानें वाले राज बताए थे. जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद ने उमेश पाल अपहरण कांड का फैसला आने से पहले उमेश को फोन कर केस वापस लेने या गवाही से पलटने या फिर समझौता करने के लिए दबाव बनाया था. बात न मानने पर हत्या की भी धमकी दी थी लेकिन उमेश पाल ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए. इसके बाद अतीक अहमद ने अपने सबसे खास बमबाज गुड्डू मुस्लिम को उमेश पाल के घर भेजा था. गुड्डू ने अपने मोबाइल से अतीक की उमेश पाल से बात करवाई थी. अतीक की इस आखिरी धमकी से भी जब उमेश पाल नहीं डरे और उल्टा जवाब दे दिया. उसी के बाद अतीक के कहने पर असद और अशरफ ने शूटरों को इकठ्ठा करके हत्या की पूरी प्लानिंग कर डाली.

उमेश पाल की गवाही और पैरवी की वजह से कई बार कोशिश करने के बावजूद अतीक को सुप्रीम कोर्ट तक से भी किसी तरह की राहत नहीं मिली थी. इसके बाद ही बाहुबली के खास गुर्गे गुड्डू मुस्लिम को उमेश पाल से मिलने भेजा था.गुड्डू ने जेल में बंद अतीक अहमद को अपने मोबाइल से कॉल करके उमेश पाल से बात कराई थी तो दूसरी तरफ से अतीक अहमद ने धमकी दी थी. फोन पर अतीक से मिली धमकी और गालियों का जवाब देने को अतीक ने अपनी इज्जत से जोड़ लिया और उसी वक्त से अतीक ने उमेश पाल को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली.

उमेश पाल ने जब अतीक अहमद को फोन पर जवाब दिया था उसके बाद ही अतीक ने बेटे और भाई अशरफ को उमेश पाल को मारने का फरमान जारी कर दिया था. अतीक के कहने पर उसका बेटा असद अपने साथ गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अरमान, उस्मान समेत 9 लोगों को लेकर बरेली जेल में अशरफ से मिलने गया. बरेली जेल में ही सारी सेटिंग हुई थी. 12 फरवरी को बरेली से शहर लौटे शूटरों ने साजिश को अंजाम तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था. प्लान को असद लीड करने लगा और उसने शूटरों के साथ मिलकर उमेश पाल की हत्या के लिए कचहरी से लेकर घर तक रेकी भी की.

24 फरवरी से पहले 21 फरवरी को हत्या करने की योजना थी लेकिन उसी वक्त पुलिस की गाड़ी आ जाने की वजह से ऐन मौके पर सबको रुकना पड़ गया था. इसके बाद 24 फरवरी को दोबारा इन सभी ने उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों को मौत के घाट उतार दिया.

ये भी पढ़ेंः आजम खान के करीबी पूर्व सीओ सिटी आले हसन गिरफ्तार, अदालत ने जारी किए थे गैर जमानती वारंट

प्रयागराजः उमेश पाल की हत्या के ढाई महीने बाद पता चला है कि उमेश पाल की हत्या से पहले अतीक अहमद ने फोन करके धमकाया था. उमेश पाल ने डरने की जगह अतीक अहमद से फोन पर तीखी बहस कर ली और बाहुबली की गालियों का जवाब दे दिया था. हमेशा फोन कर लोगों को गालियां और धमकियां देने वाले अतीक को उल्टा जवाब मिला तो वह उसे नागवार गुजरा. अतीक अहमद ने उमेश पाल को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. इसके बाद 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो गनर को बम गोलियों से छलनी कर मौत के घाट के उतार दिया गया था.

सूत्रों की मानें तो बमबाज गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल की हत्या से पहले उसके घर गया था और उसने उमेश पाल की अतीक अहमद से फोन पर बात करवाई थी.अतीक ने फोन पर उमेश पाल को धमकाया था जिसके बाद उमेश पाल ने उल्टा जवाब दिया था. इसके बाद ही उसकी हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी गई थी. पुलिस को इस बात की जानकारी कस्टडी रिमांड के दौरान अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ ने दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जब उमेश पाल ने अतीक अहमद से फोन पर बात करने के दौरान माफिया की बातों को मानने से इंकार कर दिया. इसके बाद ही अतीक अहमद के कहने पर बेटे असद ने शूटरों और अतीक अशरफ के साथ मिलकर पूरे घटना की साजिश रची और उसे अंजाम तक पहुंचाया.

अतीक अहमद के सबसे खास वकील खान सौलत हनीफ ने 12 घंटे की कस्टडी रिमांड के दौरान पुलिस को कई चौकानें वाले राज बताए थे. जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद ने उमेश पाल अपहरण कांड का फैसला आने से पहले उमेश को फोन कर केस वापस लेने या गवाही से पलटने या फिर समझौता करने के लिए दबाव बनाया था. बात न मानने पर हत्या की भी धमकी दी थी लेकिन उमेश पाल ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए. इसके बाद अतीक अहमद ने अपने सबसे खास बमबाज गुड्डू मुस्लिम को उमेश पाल के घर भेजा था. गुड्डू ने अपने मोबाइल से अतीक की उमेश पाल से बात करवाई थी. अतीक की इस आखिरी धमकी से भी जब उमेश पाल नहीं डरे और उल्टा जवाब दे दिया. उसी के बाद अतीक के कहने पर असद और अशरफ ने शूटरों को इकठ्ठा करके हत्या की पूरी प्लानिंग कर डाली.

उमेश पाल की गवाही और पैरवी की वजह से कई बार कोशिश करने के बावजूद अतीक को सुप्रीम कोर्ट तक से भी किसी तरह की राहत नहीं मिली थी. इसके बाद ही बाहुबली के खास गुर्गे गुड्डू मुस्लिम को उमेश पाल से मिलने भेजा था.गुड्डू ने जेल में बंद अतीक अहमद को अपने मोबाइल से कॉल करके उमेश पाल से बात कराई थी तो दूसरी तरफ से अतीक अहमद ने धमकी दी थी. फोन पर अतीक से मिली धमकी और गालियों का जवाब देने को अतीक ने अपनी इज्जत से जोड़ लिया और उसी वक्त से अतीक ने उमेश पाल को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली.

उमेश पाल ने जब अतीक अहमद को फोन पर जवाब दिया था उसके बाद ही अतीक ने बेटे और भाई अशरफ को उमेश पाल को मारने का फरमान जारी कर दिया था. अतीक के कहने पर उसका बेटा असद अपने साथ गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अरमान, उस्मान समेत 9 लोगों को लेकर बरेली जेल में अशरफ से मिलने गया. बरेली जेल में ही सारी सेटिंग हुई थी. 12 फरवरी को बरेली से शहर लौटे शूटरों ने साजिश को अंजाम तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था. प्लान को असद लीड करने लगा और उसने शूटरों के साथ मिलकर उमेश पाल की हत्या के लिए कचहरी से लेकर घर तक रेकी भी की.

24 फरवरी से पहले 21 फरवरी को हत्या करने की योजना थी लेकिन उसी वक्त पुलिस की गाड़ी आ जाने की वजह से ऐन मौके पर सबको रुकना पड़ गया था. इसके बाद 24 फरवरी को दोबारा इन सभी ने उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों को मौत के घाट उतार दिया.

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