बेंगलुरु: कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल की खुदकुशी के मामले में सियासत तेज है. सीएम बसवराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai) पर कैबिनेट सहयोगी केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) के इस्तीफे का दबाव है. कर्नाटक की राजनीति में आरोपों से घिरकर इस्तीफा देने का मामला नया नहीं है. पिछले साल मार्च के महीने में आरोपों से घिरे कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली ने बीएसवाई कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था. दक्षिण भारत की एकमात्र भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक साल में भाजपा यह दूसरा झटका है.
ठेकेदार संतोष पाटिल ने कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. 11 अप्रैल को उडुपी शहर के एक लॉज में वह मृत मिले थे. शुरुआती जांच में मौत का कारण आत्महत्या है. विपक्षी कांग्रेस ने मंत्री को हटाने के लिए भाजपा शासन पर दबाव बनाया है. केपीसीसी ने ईश्वरप्पा को कैबिनेट से हटाने की मांग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन किए. गौरतलब है कि संतोष पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए एक महीने पहले पत्र लिखा था, जिसमें आरोप लगाया था कि ईश्वरप्पा ने बकाया विकास कार्यों के बिलों का भुगतान नहीं किया है. उन्होंने भाजपा नेता पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं में लिप्त होने का आरोप लगाया था. ईश्वरप्पा ने आरोपों से इनकार किया और आधारहीन आरोप लगाने के लिए पाटिल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
रमेश जारकीहोली ने दिया था इस्तीफा: पिछले साल कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली ने तत्कालीन बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में जल संसाधन मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा दिया था. उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. रमेश जारकीहोली का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कथित रूप से उन्हें एक युवती के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था.
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