कानपुर: कुछ दिनों पहले मुजफ्फरनगर में एक शिक्षिका ने अपने स्कूल में एक छात्र को दूसरे छात्र से यह कहकर थप्पड़ लगवाए थे, कि वह उसे मारने में असमर्थ थी. इस मामले की चर्चा पूरे देश-दुनिया में हुई. अब ठीक इसी तरह का मामला कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के लाल बंगला में सामने आया है. यहां अपनी बुआ के घर पर रहने वाले लालबंग्ला निवासी दिलजोत को उसके दोस्त से शिव गोदावरी चौकी में दारोगा ने थप्पड़ मरवाए. इस मामले से आहत होकर दिलजोत ने अपनी मां अमरप्रीत कौर संग जाकर पुलिस आयुक्त से शिकायत की है. पुलिस आयुक्त ने एसीपी चकेरी अमरनाथ यादव को जांच के लिए आदेश दिए हैं.
दिलजोत की मां अमरप्रीत ने ईटीवी भारत को बताया कि उनका बेटा चूड़ियों का काम करता है. बर्रा में उसकी दुकान है. दो दिनों पहले रात में दुकान बंद करके वह लाल बंगला स्थित घर जा रहा था. आरोप है कि लाल बंगला के पास ही रास्ते में डायल-100 के सिपाहियों ने दिलजोत को रोक लिया फिर उससे अभद्रता की.
दिलजोत ने कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की फिर क्यों ऐसा व्यवहार कर रहे हैं? अगर कोई नियम तोड़ा है तो चालान करिए. इसके जवाब में सिपाही ने उसे थप्पड़ जड़ा फिर सिपाही दिलजोत व उसके दोस्त को शिवगोदावरी चौकी ले गया. आरोप है कि जहां चौकी इंचार्ज ने दिलजोत को अपशब्द कहे. डरे-सहमे दिलजोत ने जब अपनी मां अमरप्रीत से दारोगा की बात कराई तो फिर आरोप है चौकी इंचार्ज ने कहा कि मैं भी फिरोजाबाद का रहने वाला हूं, तुम्हें देख लूंगा.... इसके बाद चौकी इंचार्ज ने अपने कमरे में दिलजोत को उसके दोस्त से कई थप्पड़ लगवाए. जब दिलजोत वापस घर आया तो उसने इस घटना से आहत होकर खुदकुशी करने की कोशिश की मगर, उसकी बहन ने उसे किसी तरह रोक लिया.
इस पूरे मामले पर एसीपी चकेरी अमरनाथ ने बताया कि चौकी इंचार्ज ने दिलजोत को थप्पड़ नहीं लगवाए. दिलजोत व उसके दोस्त ने सिपाहियों से हूटिंग की थी जिसके जवाब में सिपाहियों ने उन्हें रोका और डांटा था. मारपीट या अभद्रता के आरोप निराधार हैं. वहीं, पुलिस आयुक्त के स्टाफ आफिसर अशोक सिंह ने बताया कि इस मामले में एक शिकायती पत्र मिला था जिसे डीसीपी पूर्वी को फॉरवर्ड किया गया है.