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कांग्रेस नेता कर्रा ने बीजेपी को दिया करारा जवाब, बोले-कश्मीर पर उनके सभी दावे हुए 'फेल' - सीडब्ल्यूसी

भाजपा ने कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है. इसके बाद कर्रा ने अपनी टिप्पणी को सही ठहराया है. ईटीवी भारत संवाददाता नियामिका सिंह की रिपोर्ट.

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Published : Oct 18, 2021, 7:45 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 8:05 PM IST

नई दिल्ली : बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि कर्रा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ एकीकृत करने की पहल की थी, जबकि सरदार पटेल ने ऐसा न होने देने की पूरी कोशिश की. भाजपा ने इसे सरदार पटेल का अपमान बताया और कर्रा के बयान को 'पाप' करार दिया था.

इस पर तारिक हामिद कर्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि उन्हें कैसे पता चला? क्या उन्होंने दरवाजे या खिड़कियों पर कान लगाए? बीजेपी मुद्दों से बेहाल हो गई है इसलिए वे एक मुद्दा बनाना चाहते हैं. वे सभी मोर्चों पर फेल हैं, इसलिए एक नया शिगूफा छोड़ा जा रहा है.

पात्रा ने आरोप लगाया कि कर्रा ने सीडब्ल्यूसी में कहा कि पटेल ने जिन्ना के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर को भारत से दूर रखने की साजिश रची थी. इस पर कर्रा ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को कम आंकना अलग है, मैंने जिन्ना का नाम भी नहीं लिया. मैं इसके लिए उन्हें चुनौती देता हूं.

कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा से विशेष बातचीत

मैंने बस इतना कहा कि विभाजन के समय जब जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ मुस्लिम बहुल राज्य होने के कारण विवाद का केंद्र बन गए लेकिन कश्मीर गैर-मुस्लिम शासक राज्य था. इसलिए पटेल जी ने नेहरू जी को सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर के बदले जूनागढ़ और हैदराबाद पर बातचीत की जा सकती है तो उन्होंने इनकार कर दिया.

उन्होंने आगे कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भारत, पाकिस्तान की तरह एक लोकतांत्रिक राज्य बने. नेहरू जी ने कहा कि वह एक समावेशी, बहुलवादी भारत चाहते हैं. इसलिए उनका उस पर एक समझौता था और यह सरदार पटेल जी थे जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर को भारत में मिला लिया गया.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पात्रा के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं ऐसे गैर-गंभीर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई क्यों करूं जो बकवास करता है? यह कांग्रेस कार्यसमिति को तय करना है.

कर्रा ने कहा कि वर्तमान में सब कुछ सरकार के दावों के विपरीत हो रहा है. अनुच्छेद 370 के बात उन्होंने एक उत्साह पैदा किया था कि कोई उग्रवाद नहीं, कोई फंडिंग नहीं, कोई गोलीबारी नहीं, कोई मौत नहीं होगी, बस विकास होगा. आज वे दावे कहां हैं?

कर्रा ने कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं पर भी भाजपा सरकार आलोचना करते हुए कहा कि वे दावा कर रहे हैं कि ये हत्याएं अज्ञात बंदूकधारी द्वारा की जा रही हैं. वह कौन है? हमारी मांग है कि सरकार न्यायिक जांच के लिए एक समिति गठित करे. रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बने जो इस शब्द को डीकोड कर सके.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पटेल के 'अपमान' पर बरसी बीजेपी, बयानबाजी को बताया 'पाप'

कर्रा ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के साथ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की. साथ ही इन मामलों पर एक रिपोर्ट सौंपने की बात भी की क्योंकि कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में कश्मीर में गोलीबारी से मारे गए लोगों के शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की थी.

नई दिल्ली : बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि कर्रा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ एकीकृत करने की पहल की थी, जबकि सरदार पटेल ने ऐसा न होने देने की पूरी कोशिश की. भाजपा ने इसे सरदार पटेल का अपमान बताया और कर्रा के बयान को 'पाप' करार दिया था.

इस पर तारिक हामिद कर्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि उन्हें कैसे पता चला? क्या उन्होंने दरवाजे या खिड़कियों पर कान लगाए? बीजेपी मुद्दों से बेहाल हो गई है इसलिए वे एक मुद्दा बनाना चाहते हैं. वे सभी मोर्चों पर फेल हैं, इसलिए एक नया शिगूफा छोड़ा जा रहा है.

पात्रा ने आरोप लगाया कि कर्रा ने सीडब्ल्यूसी में कहा कि पटेल ने जिन्ना के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर को भारत से दूर रखने की साजिश रची थी. इस पर कर्रा ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को कम आंकना अलग है, मैंने जिन्ना का नाम भी नहीं लिया. मैं इसके लिए उन्हें चुनौती देता हूं.

कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा से विशेष बातचीत

मैंने बस इतना कहा कि विभाजन के समय जब जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ मुस्लिम बहुल राज्य होने के कारण विवाद का केंद्र बन गए लेकिन कश्मीर गैर-मुस्लिम शासक राज्य था. इसलिए पटेल जी ने नेहरू जी को सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर के बदले जूनागढ़ और हैदराबाद पर बातचीत की जा सकती है तो उन्होंने इनकार कर दिया.

उन्होंने आगे कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भारत, पाकिस्तान की तरह एक लोकतांत्रिक राज्य बने. नेहरू जी ने कहा कि वह एक समावेशी, बहुलवादी भारत चाहते हैं. इसलिए उनका उस पर एक समझौता था और यह सरदार पटेल जी थे जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर को भारत में मिला लिया गया.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पात्रा के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं ऐसे गैर-गंभीर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई क्यों करूं जो बकवास करता है? यह कांग्रेस कार्यसमिति को तय करना है.

कर्रा ने कहा कि वर्तमान में सब कुछ सरकार के दावों के विपरीत हो रहा है. अनुच्छेद 370 के बात उन्होंने एक उत्साह पैदा किया था कि कोई उग्रवाद नहीं, कोई फंडिंग नहीं, कोई गोलीबारी नहीं, कोई मौत नहीं होगी, बस विकास होगा. आज वे दावे कहां हैं?

कर्रा ने कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं पर भी भाजपा सरकार आलोचना करते हुए कहा कि वे दावा कर रहे हैं कि ये हत्याएं अज्ञात बंदूकधारी द्वारा की जा रही हैं. वह कौन है? हमारी मांग है कि सरकार न्यायिक जांच के लिए एक समिति गठित करे. रिटायर्ड न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बने जो इस शब्द को डीकोड कर सके.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पटेल के 'अपमान' पर बरसी बीजेपी, बयानबाजी को बताया 'पाप'

कर्रा ने जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल के साथ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की. साथ ही इन मामलों पर एक रिपोर्ट सौंपने की बात भी की क्योंकि कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में कश्मीर में गोलीबारी से मारे गए लोगों के शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की थी.

Last Updated : Oct 18, 2021, 8:05 PM IST
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