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जम्मू में सेना के जवान की हत्या के मामले में 17 साल बाद कोर्ट ने दिए आगे की जांच के आदेश - बनिहाल कस्बे में एक सैनिक की हत्या

जम्मू-कश्मीर के बनिहाल कस्बे में एक सैनिक की हत्या के मामले में कोर्ट ने पुलिस की जांच से असंतोष जताया है. कोर्ट का कहना है कि पुलिस की जांच से गंभीर संदेह पैदा होता है.

soldier murder case
सैनिक की हत्या का मामला
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Published : Jun 14, 2023, 9:38 PM IST

बनिहाल: जम्मू-कश्मीर के बनिहाल कस्बे में 17 साल पुराने एक सैनिक की हत्या के मामले में यहां की एक अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया. इसके साथ ही पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए कोर्ट ने कहा कि इससे गंभीर संदेह पैदा होता है कि किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है. न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, बनिहाल, मनमोहन कुमार ने भी रामबन एसपी को नए सिरे से जांच की निगरानी करने और तीन महीने की अवधि के भीतर इसे समाप्त करने का निर्देश दिया.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 17 राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही युवराज उत्तम राव 19 मई, 2006 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ बनिहाल में एक शिविर के अंदर संतरी चौकी में मृत पाए गए थे और उनकी छाती पर कई गोलियां लगी थीं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि (पुलिस) जांच में विसंगतियां दिखाई दे रही हैं.

कोर्ट ने कहा कि एक बिंदु पर, जांच अधिकारी (IO) ने देखा कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मृतक की हत्या की थी और साथ ही अधिकारी ने खुद निष्कर्ष निकाला है कि मौत आतंकवादियों का कार्य हो सकता है. हालांकि, जांच अधिकारी ने इस बात का कोई सबूत नहीं जुटाया है कि उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को सेना के शिविर में कोई अतिक्रमण या हमला हुआ था.

आगे कोर्ट ने कहा कि हत्या में आतंकवादियों की भूमिका से भी इंकार किया जाता है, क्योंकि संतरी चौकी की छत में छेद पाए गए थे जो बाहर की बजाय संतरी चौकी के अंदर से दागे गए प्रतीत होते हैं, क्योंकि टिन शेड बाहर की ओर खोला गया था.

बनिहाल: जम्मू-कश्मीर के बनिहाल कस्बे में 17 साल पुराने एक सैनिक की हत्या के मामले में यहां की एक अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया. इसके साथ ही पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए कोर्ट ने कहा कि इससे गंभीर संदेह पैदा होता है कि किसी को बचाने की कोशिश की जा रही है. न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी, बनिहाल, मनमोहन कुमार ने भी रामबन एसपी को नए सिरे से जांच की निगरानी करने और तीन महीने की अवधि के भीतर इसे समाप्त करने का निर्देश दिया.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 17 राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही युवराज उत्तम राव 19 मई, 2006 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ बनिहाल में एक शिविर के अंदर संतरी चौकी में मृत पाए गए थे और उनकी छाती पर कई गोलियां लगी थीं. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि (पुलिस) जांच में विसंगतियां दिखाई दे रही हैं.

कोर्ट ने कहा कि एक बिंदु पर, जांच अधिकारी (IO) ने देखा कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मृतक की हत्या की थी और साथ ही अधिकारी ने खुद निष्कर्ष निकाला है कि मौत आतंकवादियों का कार्य हो सकता है. हालांकि, जांच अधिकारी ने इस बात का कोई सबूत नहीं जुटाया है कि उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को सेना के शिविर में कोई अतिक्रमण या हमला हुआ था.

आगे कोर्ट ने कहा कि हत्या में आतंकवादियों की भूमिका से भी इंकार किया जाता है, क्योंकि संतरी चौकी की छत में छेद पाए गए थे जो बाहर की बजाय संतरी चौकी के अंदर से दागे गए प्रतीत होते हैं, क्योंकि टिन शेड बाहर की ओर खोला गया था.

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