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एनएमसी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए 40 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द : सूत्र - एनएमसी की मान्यता

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु, गुजरात, असम, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में करीब 100 और मेडिकल कॉलेजों पर भी ऐसी ही कार्रवाई की जा सकती है.

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Published : May 31, 2023, 10:55 AM IST

Updated : May 31, 2023, 1:58 PM IST

नई दिल्ली : देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा स्थापित मानकों का कथित तौर पर पालन न करने के लिए पिछले दो महीनों में करीब 40 मेडिकल कॉलेज मान्यता गंवा चुके हैं. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि तमिलनाडु, गुजरात, असम, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में करीब 100 और मेडिकल कॉलेजों पर भी ऐसी ही कार्रवाई की जा सकती है. सूत्रों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में इन मेडिकल कॉलेजों में से एक एनएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के तहत मान्यता खो चुका है.

डॉक्टरों ने मंत्रालय को लिखा पत्र : बताया जा रहा है कि यह मेडिकल कॉलेज करीब सौ साल पुराना था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इन संस्थानों द्वारा मानदंडों का पालन नहीं करने और फैकल्टी और सुरक्षा (सीसीटीवी) कैमरों से संबंधित खामियों के कारण यह कार्रवाई की गई है. इसके अलावा, कुछ डॉक्टरों ने एनएमसी द्वारा की गई कार्रवाई पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी लिखा है कि इन संस्थानों द्वारा मानकों का पालन न करना संस्थान की खामियां हैं. लेकिन उनकी मान्यता खत्म होने से उनके करियर पर असर पड़ सकता है. क्षेत्र में उनकी विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है.

विशेषज्ञों की राय : एसोसिएशन ऑफ प्रोवेट हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (एपीएचसीपी-इंडिया) के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत से कहा कि एनएमसी हर साल मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करता है. ज्ञानी ने कहा कि हालांकि, यह निरीक्षण कई बिंदुओं पर आधारित होता है. आम तौर पर, मेडिकल कॉलेज मानदंडों का पालन करते हैं, हमें यह देखना होगा कि उनके साथ क्या गलत हुआ है. एक अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द करना ऐसे समय में एक स्वस्थ संकेत नहीं है जब वैश्विक मंच ने भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के योगदान और विकास को मान्यता दी है.

मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी इजाफा : सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने फरवरी में राज्यसभा को बताया था कि 2014 में 387 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब 69 प्रतिशत इजाफे के साथ इनकी संख्या 654 हो चुकी है. इसके अलावा, एमबीबीएस सीट में 94 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो वर्ष 2014 के पहले की 51,348 सीट से बढ़कर अब 99,763 हो गई है. पीजी सीट में 107 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो वर्ष 2014 से पहले की 31,185 सीट से बढ़कर अब 64,559 हो गई है.

(अतिरिक्त इनपुट : एजेंसियां)

नई दिल्ली : देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा स्थापित मानकों का कथित तौर पर पालन न करने के लिए पिछले दो महीनों में करीब 40 मेडिकल कॉलेज मान्यता गंवा चुके हैं. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि तमिलनाडु, गुजरात, असम, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में करीब 100 और मेडिकल कॉलेजों पर भी ऐसी ही कार्रवाई की जा सकती है. सूत्रों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में इन मेडिकल कॉलेजों में से एक एनएमसी द्वारा की गई कार्रवाई के तहत मान्यता खो चुका है.

डॉक्टरों ने मंत्रालय को लिखा पत्र : बताया जा रहा है कि यह मेडिकल कॉलेज करीब सौ साल पुराना था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इन संस्थानों द्वारा मानदंडों का पालन नहीं करने और फैकल्टी और सुरक्षा (सीसीटीवी) कैमरों से संबंधित खामियों के कारण यह कार्रवाई की गई है. इसके अलावा, कुछ डॉक्टरों ने एनएमसी द्वारा की गई कार्रवाई पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी लिखा है कि इन संस्थानों द्वारा मानकों का पालन न करना संस्थान की खामियां हैं. लेकिन उनकी मान्यता खत्म होने से उनके करियर पर असर पड़ सकता है. क्षेत्र में उनकी विश्वसनीयता पर असर पड़ सकता है.

विशेषज्ञों की राय : एसोसिएशन ऑफ प्रोवेट हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स (एपीएचसीपी-इंडिया) के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत से कहा कि एनएमसी हर साल मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करता है. ज्ञानी ने कहा कि हालांकि, यह निरीक्षण कई बिंदुओं पर आधारित होता है. आम तौर पर, मेडिकल कॉलेज मानदंडों का पालन करते हैं, हमें यह देखना होगा कि उनके साथ क्या गलत हुआ है. एक अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द करना ऐसे समय में एक स्वस्थ संकेत नहीं है जब वैश्विक मंच ने भारतीय चिकित्सा क्षेत्र के योगदान और विकास को मान्यता दी है.

मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी इजाफा : सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने फरवरी में राज्यसभा को बताया था कि 2014 में 387 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब 69 प्रतिशत इजाफे के साथ इनकी संख्या 654 हो चुकी है. इसके अलावा, एमबीबीएस सीट में 94 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो वर्ष 2014 के पहले की 51,348 सीट से बढ़कर अब 99,763 हो गई है. पीजी सीट में 107 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो वर्ष 2014 से पहले की 31,185 सीट से बढ़कर अब 64,559 हो गई है.

(अतिरिक्त इनपुट : एजेंसियां)

Last Updated : May 31, 2023, 1:58 PM IST
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