गुवाहाटी : असम में बाल विवाह के खिलाफ दो दिन से बड़े पैमाने पर कार्रवाई हो रही है. इसी बीच मनकाचर जिले में एक 22 वर्षीय महिला ने बाल विवाह में शामिल माता-पिता के गिरफ्तार होने के डर से आत्महत्या कर ली. उसकी शादी 12 साल की उम्र में हुई थी.
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What'll happen to girls who were married, who'll take care of them? Assam govt booked 4000 cases, why aren't they opening new schools? BJP's govt in Assam is biased against Muslims. They gave land to landless people in Upper Assam but didn't do same in Lower Assam:AIMIM chief pic.twitter.com/ltqVcORpU5
— ANI (@ANI) February 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) February 4, 2023What'll happen to girls who were married, who'll take care of them? Assam govt booked 4000 cases, why aren't they opening new schools? BJP's govt in Assam is biased against Muslims. They gave land to landless people in Upper Assam but didn't do same in Lower Assam:AIMIM chief pic.twitter.com/ltqVcORpU5
— ANI (@ANI) February 4, 2023
पीड़िता की पहचान सीमा खातून उर्फ खुशबू बेगम के रूप में हुई है. घटना मनकाचर के झाउडांग पुबेर गांव में हुई. माता-पिता की गिरफ्तारी के डर से सीमा खातून ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सीमा खातून की शादी के वक्त उम्र महज 12 साल थी. बाद में उसके पति मनोज की मौत कोरोना महामारी के दौरान हो गई थी.
कई माता-पिता ऐसे हैं जिन्हें कम उम्र की लड़कियों से शादी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पीड़िता के माता-पिता को गिरफ्तारी का डर सता रहा था. इसी वजह से उसने ये कदम उठाया.
बाल विवाह में शामिल होने के आरोप में शुक्रवार को राज्य में कुल 2,221 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. कुल आरोपियों की संख्या 8134 है. असम पुलिस ने 3500 और आरोपियों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य रखा है. कई आरोपियों ने अपने घरों से भागकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है. गिरफ्तार किए गए लोगों के परिजनों ने पिछले दो दिनों में राज्य के कई थानों के सामने प्रदर्शन किया है.
इस मामले में गिरफ्तार लोगों की भारी संख्या को लेकर राज्य में मानवता का भी बड़ा मुद्दा है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा जो गृह मंत्रालय भी संभाल रहे हैं, ने शनिवार को कहा कि बाल विवाह के खिलाफ युद्ध में मानवता के आधार पर समझौता नहीं किया जाएगा. बाल विवाह के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. यह अभियान 2026 के विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा.
सीएम ने कहा, 14 साल से अधिक उम्र वालों को मिलेगी जमानत दूसरी ओर, 14 वर्ष से कम आयु वालों को जमानत नहीं मिल पाएगी. सीएम ने यह भी कहा कि कई माता-पिता आरोपियों की सूची में हैं. उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए जिला आयुक्त, काजियों का नियमन करेंगे.
ओवैसी ने साधा निशाना : असम सरकार बाल विवाह पर नकेल कसती जा रही है. इस पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने स्थिति को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार 'मुसलमानों के खिलाफ पक्षपाती' है.
ओवैसी ने कहा कि जिन लड़कियों की शादी हो गई है उनका क्या होगा, उनकी देखभाल कौन करेगा? असम सरकार ने 4000 मामले दर्ज किए, वे नए स्कूल क्यों नहीं खोल रहे हैं? असम में भाजपा की सरकार मुसलमानों के प्रति पक्षपाती है. उन्होंने ऊपरी असम में भूमिहीन लोगों को जमीन दी लेकिन निचले असम में ऐसा नहीं किया.
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