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ओडिशा: बालासोर फायरिंग रेंज में हॉवित्जर तोप की गोलीबारी देख थर्रा उठा दुश्मन - डीआरडीओ

चीन से जारी विवाद के बीच भारतीय सेना लगातार अपने को शक्तिशाली बनाने में जुटी है. इसी सिलसिले में होवित्जर तोप का प्रशिक्षण किया गया.

Advanced Towed Artillery Gun System
ओडिशा के बालासोर परीक्षण-फायरिंग रेंज में हो रही गोलीबारी
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Published : Dec 19, 2020, 10:46 AM IST

बालासोर: ओडिशा के बालासोर परीक्षण-फायरिंग रेंज में शनिवार को एटीएजीएस (एडवांस टायर्ड आर्टिलरी गन सिस्टम) होवित्जर तोप का प्रशिक्षण किया जा रहा है. बता दें, होवित्जर तोप दुनिया की सबसे अच्छा हथियार माना जाता है. कोई अन्य देश इस तरह की प्रणाली विकसित करने में सक्षम नहीं है. डीआरडीओ के एटीएजीएस परियोजना निदेशक शैलेंद्र गडे ने यह जानकारी दी है.

वहीं, इस मामले पर डीआरडीओ के अनिल मोर्गोकर ने बताया कि इस बंदूक को डिजाइन करने के तीन साल के भीतर परीक्षण के लिए रखा गया था. जल्द ही, इस बंदूक को PSQR परीक्षणों में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि तोपखाने प्रणाली के क्षेत्र में भारत के पास सबसे बड़ी उपलब्धि होगी.

ओडिशा के बालासोर परीक्षण-फायरिंग रेंज में हो रही गोलीबारी

भारतीय सेना लगातार अपनी ताकत को बढ़ाने में लगी है. इसी सिलसिले में भारतीय सेना ने शनिवार को यह प्रशिक्षण किया. मौजूदा समय में भारतीय सेना के तोपखाने को 400 से ज्यादा आर्टिलरी गन की तुरंत जरूरत है. सेना की जरूरत को पूरा करने के लिए डीआरडीओ 18 महीनों में ही 200 से अधिक मेड इन इंडिया एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) होवित्जर तैयार कर सकता है. इनका ट्रायल भी शुरू हो चुका है.

पढ़ें: हैदराबाद : IAF के कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड में शामिल हुए राजनाथ

आपको बता दें, एडवांस टावर आर्टिलरी गन 48 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती है. वहीं इस तोप के ऑपरेशनल पैरामीटर की बात की जाए तो यह खुद से 25 किलोमीटर प्रति घंटा मूव कर सकती है. यह 52 कैलिबर राउंड्स लेगी, जबकि बोफोर्स की क्षमता 39 कैलिबर की है. चीन से निपटने में तो ये तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में भारत चीन से लगती सीमा पर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन तोपों को तैनात किया जा सकता है.

बालासोर: ओडिशा के बालासोर परीक्षण-फायरिंग रेंज में शनिवार को एटीएजीएस (एडवांस टायर्ड आर्टिलरी गन सिस्टम) होवित्जर तोप का प्रशिक्षण किया जा रहा है. बता दें, होवित्जर तोप दुनिया की सबसे अच्छा हथियार माना जाता है. कोई अन्य देश इस तरह की प्रणाली विकसित करने में सक्षम नहीं है. डीआरडीओ के एटीएजीएस परियोजना निदेशक शैलेंद्र गडे ने यह जानकारी दी है.

वहीं, इस मामले पर डीआरडीओ के अनिल मोर्गोकर ने बताया कि इस बंदूक को डिजाइन करने के तीन साल के भीतर परीक्षण के लिए रखा गया था. जल्द ही, इस बंदूक को PSQR परीक्षणों में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि तोपखाने प्रणाली के क्षेत्र में भारत के पास सबसे बड़ी उपलब्धि होगी.

ओडिशा के बालासोर परीक्षण-फायरिंग रेंज में हो रही गोलीबारी

भारतीय सेना लगातार अपनी ताकत को बढ़ाने में लगी है. इसी सिलसिले में भारतीय सेना ने शनिवार को यह प्रशिक्षण किया. मौजूदा समय में भारतीय सेना के तोपखाने को 400 से ज्यादा आर्टिलरी गन की तुरंत जरूरत है. सेना की जरूरत को पूरा करने के लिए डीआरडीओ 18 महीनों में ही 200 से अधिक मेड इन इंडिया एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) होवित्जर तैयार कर सकता है. इनका ट्रायल भी शुरू हो चुका है.

पढ़ें: हैदराबाद : IAF के कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड में शामिल हुए राजनाथ

आपको बता दें, एडवांस टावर आर्टिलरी गन 48 किलोमीटर दूर तक बिल्कुल सटीक तरीके से टारगेट हिट कर सकती है. वहीं इस तोप के ऑपरेशनल पैरामीटर की बात की जाए तो यह खुद से 25 किलोमीटर प्रति घंटा मूव कर सकती है. यह 52 कैलिबर राउंड्स लेगी, जबकि बोफोर्स की क्षमता 39 कैलिबर की है. चीन से निपटने में तो ये तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में भारत चीन से लगती सीमा पर अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन तोपों को तैनात किया जा सकता है.

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