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वेद से विवेकानंद की यात्रा पंडित दीनदयाल के चिंतन में थी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा सांसदों को संबोधित किया पीएम मोदी ने भाजपा मुख्यालय में पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धासुमन अर्पित भी किए. पंडित दीनदयाल की 53वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि पंडितजी ने एकात्म मानववाद का मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि जहां भी मानवता की बात होगी वहां दीनदयाल की बातें प्रासंगिक होंगी.

Address of PM modi to BJP Mps
Address of PM modi to BJP Mps
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Published : Feb 11, 2021, 8:42 AM IST

Updated : Feb 11, 2021, 11:54 AM IST

नई दिल्ली : आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है. इस मौके पर भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पार्टी सांसदों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमें गर्व होता है कि हम अपने महापुरुषों के सपनों को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो निर्णय देश में बहुत कठिन माने जाते थे, उसे हमने पूरा किया. उन्होंने कहा कि राजनीति एक व्यवस्था है लेकिन राष्ट्रनीति सर्वोपरी है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा भाजपा की सरकार में मिला है.

उन्होंने कहा कि पहले भी अनेकों अवसर पर हमें दीनदयाल जी से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का, विचार रखने का और अपने वरिष्ठजनों के विचार सुनने का अवसर मिलता रहा है. भाजपा सांसदों से पीएम मोदी ने कहा कि आप सबने दीनदयाल जी को पढ़ा भी है और उन्हीं के आदर्शों से अपने जीवन को गढ़ा भी है, इसलिए आप सब उनके विचारों से और उनके समर्पण से भलीभांति परिचित हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल कभी भी राजनीतिक अस्पृश्यता में भरोसा नहीं रखते थे.

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पीएम मोदी ने कहा मेरा अनुभव है और आपने भी महसूस किया होगा कि हम जैसे जैसे दीनदयाल जी के बारे में सोचते हैं, बोलते हैं, सुनते हैं, उनके विचारों में हमें हर बार एक नवीनता का अनुभव होता है. एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था.

बकौल पीएम मोदी, सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतन्त्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल जी इसके भी बहुत बड़ा उदाहरण हैं.

उन्होंने कहा कि एक ओर वो भारतीय राजनीति में एक नए विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर, वो हर एक पार्टी, हर एक विचारधारा के नेताओं के साथ भी उतने ही सहज रहते थे. हर किसी से उनके आत्मीय संबंध थे.

पीएम मोदी ने कहा, हमारे शास्त्रों में कहा गया है- 'स्वदेशो भुवनम् त्रयम्' अर्थात, अपना देश ही हमारे लिए सब कुछ है, तीनों लोकों के बराबर है. उन्होंने कहा कि जब हमारा देश समर्थ होगा, तभी तो हम दुनिया की सेवा कर पाएंगे और एकात्म मानव दर्शन को सार्थक कर पाएंगे.

बता दें कि 11 फरवरी, 2021 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 53वीं पुण्यतिथि है. पंडित उपाध्याय भारतीय जनसंघ के सक्रिय सदस्य थे, जिसे आज भारतीय जनता पार्टी के रूप में जाना जाता है.

गौरतलब है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी. बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख गोलवलकर की सलाह पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भी जनसंघ में शामिल किया गया था.

पढ़ें- अमित शाह का असम दौरा, कोच शाही वंशज अनंत राय से करेंगे भेंट

रहस्यमयी मौत

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मौत को रहस्यमयी मानी जाती है. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित एक वेबसाइट में लिखे विवरण के अनुसार, '11 फरवरी, 1968 को तड़के लगभग 3.45 बजे, मुगलसराय स्टेशन के लीवरमैन ने सहायक मास्टर को सूचित किया कि स्टेशन से लगभग 150 गज की दूरी पर, बिजली के पोल नंबर 2727 के पास दक्षिण दिशा में रेलवे लाइन के पास एक शव पड़ा था.'

बाद में इस शव की पहचान भारतीय जनसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रूप में हुई थी. जानकारी के मुताबिक वे लखनऊ से ट्रेन में सवार होकर पटना जा रहे थे.

नई दिल्ली : आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है. इस मौके पर भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पार्टी सांसदों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हमें गर्व होता है कि हम अपने महापुरुषों के सपनों को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो निर्णय देश में बहुत कठिन माने जाते थे, उसे हमने पूरा किया. उन्होंने कहा कि राजनीति एक व्यवस्था है लेकिन राष्ट्रनीति सर्वोपरी है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा भाजपा की सरकार में मिला है.

उन्होंने कहा कि पहले भी अनेकों अवसर पर हमें दीनदयाल जी से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का, विचार रखने का और अपने वरिष्ठजनों के विचार सुनने का अवसर मिलता रहा है. भाजपा सांसदों से पीएम मोदी ने कहा कि आप सबने दीनदयाल जी को पढ़ा भी है और उन्हीं के आदर्शों से अपने जीवन को गढ़ा भी है, इसलिए आप सब उनके विचारों से और उनके समर्पण से भलीभांति परिचित हैं. पीएम मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल कभी भी राजनीतिक अस्पृश्यता में भरोसा नहीं रखते थे.

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पीएम मोदी ने कहा मेरा अनुभव है और आपने भी महसूस किया होगा कि हम जैसे जैसे दीनदयाल जी के बारे में सोचते हैं, बोलते हैं, सुनते हैं, उनके विचारों में हमें हर बार एक नवीनता का अनुभव होता है. एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था.

बकौल पीएम मोदी, सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतन्त्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल जी इसके भी बहुत बड़ा उदाहरण हैं.

उन्होंने कहा कि एक ओर वो भारतीय राजनीति में एक नए विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर, वो हर एक पार्टी, हर एक विचारधारा के नेताओं के साथ भी उतने ही सहज रहते थे. हर किसी से उनके आत्मीय संबंध थे.

पीएम मोदी ने कहा, हमारे शास्त्रों में कहा गया है- 'स्वदेशो भुवनम् त्रयम्' अर्थात, अपना देश ही हमारे लिए सब कुछ है, तीनों लोकों के बराबर है. उन्होंने कहा कि जब हमारा देश समर्थ होगा, तभी तो हम दुनिया की सेवा कर पाएंगे और एकात्म मानव दर्शन को सार्थक कर पाएंगे.

बता दें कि 11 फरवरी, 2021 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 53वीं पुण्यतिथि है. पंडित उपाध्याय भारतीय जनसंघ के सक्रिय सदस्य थे, जिसे आज भारतीय जनता पार्टी के रूप में जाना जाता है.

गौरतलब है कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी. बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख गोलवलकर की सलाह पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को भी जनसंघ में शामिल किया गया था.

पढ़ें- अमित शाह का असम दौरा, कोच शाही वंशज अनंत राय से करेंगे भेंट

रहस्यमयी मौत

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मौत को रहस्यमयी मानी जाती है. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित एक वेबसाइट में लिखे विवरण के अनुसार, '11 फरवरी, 1968 को तड़के लगभग 3.45 बजे, मुगलसराय स्टेशन के लीवरमैन ने सहायक मास्टर को सूचित किया कि स्टेशन से लगभग 150 गज की दूरी पर, बिजली के पोल नंबर 2727 के पास दक्षिण दिशा में रेलवे लाइन के पास एक शव पड़ा था.'

बाद में इस शव की पहचान भारतीय जनसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय के रूप में हुई थी. जानकारी के मुताबिक वे लखनऊ से ट्रेन में सवार होकर पटना जा रहे थे.

Last Updated : Feb 11, 2021, 11:54 AM IST
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