नई दिल्ली: अडाणी समूह ने अपनी कंपनियों के शेयरों में जारी उठापटक के बीच बुधवार को निवेशकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उसका बही-खाता ‘बहुत अच्छी’ स्थिति में है और उसकी नजर कारोबार वृद्धि की रफ्तार कायम रखने पर टिकी हुई है. अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों के दाम गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाए जाने के बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इससे निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं.
अडाणी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगशिंदर सिंह ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद एक निवेशक चर्चा में कहा कि समूह अपने आंतरिक नियंत्रण, अनुपालन और कंपनी संचालन को लेकर आश्वस्त हैं. समूह ने अपनी कंपनियों के वित्तीय ब्योरे का सारांश भी अलग से जारी कर यह बताने की कोशिश की कि उसके पास समुचित नकदी है और वह अपने कर्जों को चुकाने की क्षमता रखता है.
जुगशिंदर सिंह ने कहा कि हमारा बही-खाता बहुत अच्छी स्थिति में है. हमारे पास उद्योग की अग्रणी विकास क्षमता, मजबूत कंपनी संचालन, सुरक्षित संपत्तियां एवं सशक्त नकद प्रवाह है. मौजूदा बाजार के स्थिर होते ही हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे लेकिन इस तरह का कारोबार देने की क्षमता को लेकर आश्वस्त हैं जो शेयरधारकों को तगड़ा रिटर्न दे सकें.'
गौतम अडाणी की अगुवाई वाला यह समूह 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से ही लगातार दबाव में है. हालांकि, समूह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को झूठ बताते हुए उन्हें खारिज कर दिया लेकिन निवेशकों का भरोसा इससे प्रभावित हुआ है. पिछले तीन सप्ताह में समूह की कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन 125अरब डॉलर तक गिर चुका है.
ये भी पढ़ें- Adani Row: अडाणी मुद्दे पर अमित शाह के बयान पर मुख्यमंत्री बघेल का पलटवार, बीबीसी के खिलाफ कार्रवाई पर कही ये बात
इस संबंध में जुगशिंदर सिंह ने कहा कि उनका ध्यान बाजार के इस उतार-चढ़ाव भरे माहौल में अपना कारोबारी रफ्तार जारी रखने पर केंद्रित है. हमें अपने आंतरिक नियंत्रण, नियम अनुपालन और कंपनी संचालन को लेकर भरोसा है.' अडाणी समूह पर सितंबर, 2022 की तिमाही के अंत में 2.26 लाख करोड़ रुपये का कुल कर्ज था जबकि उसके पास 31,646 करोड़ रुपये की नकदी थी.
सीएफओ ने कहा कि समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयरधारकों को मूल्य दिलाने के लिए अनुशासित तरीके से पूंजी लगाने का 25 वर्षों का इतिहास रहा है और इस अवधि में समूह की कंपनियां कई क्षेत्रों में अगुवा बनकर उभरी हैं.