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केरल : दुष्कर्म के आरोपी को मिली 24 साल सश्रम कारावास की सजा - विथुरा दुष्कर्म मामला

तिरुवनंतपुरम के नजदीक विथुरा में नवंबर 1995 से मई 1996 के बीच एक लड़की से दुष्कर्म हुआ था और उसे बेचा भी गया था. इस मामले के मुख्य आरोपी को केरल की एक विशेष अदालत ने 24 साल के कारावास की सजा सुनाई है.

विथुरा दुष्कर्म मामला
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Published : Feb 12, 2021, 10:21 PM IST

कोट्टयम (केरल) : केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के नजदीक विथुरा में वर्ष 1996 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसे बेचने के मामले के मुख्य आरोपी को एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 24 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी सुरेश पर 1.09 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने सुरेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 344 (10 या उससे अधिक दिनों तक अवैध तरीके से बंधक बनाने), 372 (वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग की बिक्री) सहित विभिन्न धाराओं एवं अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम की धारा- 3(1) और 5(1)(जी)(II) के तहत दोषी ठहराया.

सभी आरोपों के तहत मिली सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जिसकी वजह से उसे 10 साल कारावास में रहना होगा. अदालत ने जुर्माना लगाते हुए निर्देश दिया कि यह राशि अगर जारी की जाती है तो यह दुष्कर्म पीड़िता को दी जाए.

अदालत ने आदेश दिया कि राज्य सरकार पीड़ित लड़की को उचित मुआवजा दे और यह राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तय की जाएगी.

पढ़ें - कर्नाटक : महिला की गैंगरेप के बाद हत्या

नाबालिग को देह व्यापार में धकेलने के दोषी सुरेश मामले की सुनवाई के दौरान फरार हो गया था और चार साल बाद वर्ष 2019 में केरल पुलिस की अपराध शाखा ने हैदराबाद से उसे पकड़ा था.

सुरेश ने मामले में अन्य आरोपियों के बरी होने के बाद वर्ष 2014 में आत्मसमर्पण किया था. अदालत ने सुरेश को उसके खिलाफ दर्ज दुष्कर्म से जुड़े कई मामलों में भगोड़ा घोषित कर दिया था.

पीड़ित लड़की से नवंबर 1995 से मई 1996 के बीच कई लोगों ने दुष्कर्म किया था.

कोट्टयम (केरल) : केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के नजदीक विथुरा में वर्ष 1996 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म कर उसे बेचने के मामले के मुख्य आरोपी को एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 24 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषी सुरेश पर 1.09 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने सुरेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 344 (10 या उससे अधिक दिनों तक अवैध तरीके से बंधक बनाने), 372 (वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग की बिक्री) सहित विभिन्न धाराओं एवं अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम की धारा- 3(1) और 5(1)(जी)(II) के तहत दोषी ठहराया.

सभी आरोपों के तहत मिली सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जिसकी वजह से उसे 10 साल कारावास में रहना होगा. अदालत ने जुर्माना लगाते हुए निर्देश दिया कि यह राशि अगर जारी की जाती है तो यह दुष्कर्म पीड़िता को दी जाए.

अदालत ने आदेश दिया कि राज्य सरकार पीड़ित लड़की को उचित मुआवजा दे और यह राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तय की जाएगी.

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नाबालिग को देह व्यापार में धकेलने के दोषी सुरेश मामले की सुनवाई के दौरान फरार हो गया था और चार साल बाद वर्ष 2019 में केरल पुलिस की अपराध शाखा ने हैदराबाद से उसे पकड़ा था.

सुरेश ने मामले में अन्य आरोपियों के बरी होने के बाद वर्ष 2014 में आत्मसमर्पण किया था. अदालत ने सुरेश को उसके खिलाफ दर्ज दुष्कर्म से जुड़े कई मामलों में भगोड़ा घोषित कर दिया था.

पीड़ित लड़की से नवंबर 1995 से मई 1996 के बीच कई लोगों ने दुष्कर्म किया था.

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