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Abhishek Banerjees Dharna: राजभवन के सामने डटे अभिषेक बनर्जी, कहा मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा धरना - तीसरे दिन भी धरने पर अभिषेक बनर्जी

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस केंद्र से 100 दिनों के काम सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए बकाया की मांग कर रही है. इसी को लेकर टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की अगुवाई में धरना तीसरे दिन भी जारी रहा (Abhishek Banerjees Dharna).

dharna in front of Raj Bhavan
राजभवन के सामने टीएमसी का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 7, 2023, 3:04 PM IST

कोलकाता: कोलकाता में राजभवन के सामने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) का धरना शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा (Abhishek Banerjees dharna). धरने के तीसरे दिन की शुरुआत युवा नेताओं की मौजूदगी में गीत-संगीत के बीच हुई. तृणमूल प्रतिनिधिमंडल दार्जिलिंग के राजभवन में राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात करेगा.

तृणमूल केंद्र से 100 दिनों के काम सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए बकाया की मांग कर रही है. तृणमूल कांग्रेस के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी पहले दिन से ही धरने का नेतृत्व कर रहे हैं.

धरना मंच पर मनरेगा परियोजना के कर्मी, तृणमूल नेता बैश्वनोर चटर्जी और तृणमूल छात्र परिषद के लड़के-लड़कियों का एक समूह मौजूद हैं. तृणमूल छात्र परिषद के युवा तुर्क विजयी दल के साथ हाथ मिलाकर आंदोलन का स्तर बढ़ा रहे हैं.

इस बीच, दार्जिलिंग में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तृणमूल प्रतिनिधिमंडल को राजभवन में उनसे मिलने की अनुमति दी. तृणमूल की ओर से कल्याण बनर्जी, महुआ मोइत्रा और प्रदीप मजूमदार शनिवार को दार्जिलिंग राजभवन में राज्यपाल से मिलेंगे. वे शिकायत करेंगे कि केंद्र राज्य को 100 दिनों के काम के बकाया भुगतान से वंचित कर रहा है.

जहां दार्जिलिंग में राजभवन में तृणमूल प्रतिनिधि बैठक करेंगे, वहीं कोलकाता में राजभवन के सामने अभिषेक के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा. धरना मंच से अभिषेक ने यह बात साफ कर दी है कि 'यात्रा लंबी हो सकती है, रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन मैं बंगाल के लोगों के साथ मिलकर इस रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध हूं. हमारी आत्मा प्रज्वलित है और हमारा संकल्प अटल है. हमारी एकजुट आवाज से डरकर राज्यपाल भाग गए हैं. क्या उनकी कायरता हमें रोक पाएगी? कभी नहीं. नहीं! हम तब तक यहीं रहेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.'

बहरहाल, शनिवार को दार्जिलिंग राजभवन की बैठक में महुआ मैत्रा एंड कंपनी ने राज्यपाल से जो चर्चा की, वह महत्वपूर्ण है. अभिषेक के कार्यक्रम का अगला चरण इसी पर निर्भर करता है. जरूरत पड़ने पर तृणमूल कांग्रेस आंदोलन कर सकती है.

गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी 100 दिनों के काम के बकाया की मांग के लिए दिल्ली गए थे. आरोप है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने लंबे इंतजार के बाद भी उनसे मिलने से इनकार कर दिया. आरोप है कि जब विरोध प्रदर्शन किया गया तो पुलिस ने तृणमूल नेतृत्व को गिरफ्तार कर लिया.

स्थिति से विचलित न होते हुए, अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में राजभवन अभियान का आह्वान किया. राज्यपाल की अनुपस्थिति में कार्यक्रम करने को लेकर राज्य में सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर आ गया.

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तृणमूल केंद्र से 100 दिनों के काम सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए बकाया की मांग कर रही है. तृणमूल कांग्रेस के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी पहले दिन से ही धरने का नेतृत्व कर रहे हैं.

धरना मंच पर मनरेगा परियोजना के कर्मी, तृणमूल नेता बैश्वनोर चटर्जी और तृणमूल छात्र परिषद के लड़के-लड़कियों का एक समूह मौजूद हैं. तृणमूल छात्र परिषद के युवा तुर्क विजयी दल के साथ हाथ मिलाकर आंदोलन का स्तर बढ़ा रहे हैं.

इस बीच, दार्जिलिंग में राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तृणमूल प्रतिनिधिमंडल को राजभवन में उनसे मिलने की अनुमति दी. तृणमूल की ओर से कल्याण बनर्जी, महुआ मोइत्रा और प्रदीप मजूमदार शनिवार को दार्जिलिंग राजभवन में राज्यपाल से मिलेंगे. वे शिकायत करेंगे कि केंद्र राज्य को 100 दिनों के काम के बकाया भुगतान से वंचित कर रहा है.

जहां दार्जिलिंग में राजभवन में तृणमूल प्रतिनिधि बैठक करेंगे, वहीं कोलकाता में राजभवन के सामने अभिषेक के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा. धरना मंच से अभिषेक ने यह बात साफ कर दी है कि 'यात्रा लंबी हो सकती है, रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन मैं बंगाल के लोगों के साथ मिलकर इस रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध हूं. हमारी आत्मा प्रज्वलित है और हमारा संकल्प अटल है. हमारी एकजुट आवाज से डरकर राज्यपाल भाग गए हैं. क्या उनकी कायरता हमें रोक पाएगी? कभी नहीं. नहीं! हम तब तक यहीं रहेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं.'

बहरहाल, शनिवार को दार्जिलिंग राजभवन की बैठक में महुआ मैत्रा एंड कंपनी ने राज्यपाल से जो चर्चा की, वह महत्वपूर्ण है. अभिषेक के कार्यक्रम का अगला चरण इसी पर निर्भर करता है. जरूरत पड़ने पर तृणमूल कांग्रेस आंदोलन कर सकती है.

गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी 100 दिनों के काम के बकाया की मांग के लिए दिल्ली गए थे. आरोप है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने लंबे इंतजार के बाद भी उनसे मिलने से इनकार कर दिया. आरोप है कि जब विरोध प्रदर्शन किया गया तो पुलिस ने तृणमूल नेतृत्व को गिरफ्तार कर लिया.

स्थिति से विचलित न होते हुए, अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता में राजभवन अभियान का आह्वान किया. राज्यपाल की अनुपस्थिति में कार्यक्रम करने को लेकर राज्य में सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर आ गया.

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