नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अखिलेशपति त्रिपाठी को एक कानून के छात्र को पीटने के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट ने त्रिपाठी को मार्च में इस मामले में दोषी ठहराया था. बुधवार को कोर्ट ने त्रिपाठी को कोर्ट में दिनभर खड़े रहने की सजा सुनाते हुए 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही जुर्माना राशि में से 6500 रुपए कोर्ट में जमा कराने और 23,500 रुपए शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया है.
AAP विधायक को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी ठहराया था. जबकि, आईपीसी की धारा 341/506 और धारा 3 (1) के तहत एससी-एसटी एक्ट के तहत लगे आरोपों से यह कहते हुए बरी कर दिया था कि यह घटना राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से उत्पन्न हुई थी. घटना के अगले दिन चुनाव होने थे.
SC-ST एक्ट से बरीः न्यायाधीश ने 25 मार्च को पारित एक आदेश में कहा था कि अभियोजन पक्ष के इस आरोप पर विश्वास करना मुश्किल है कि अभियुक्त ने शिकायतकर्ता के खिलाफ जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था. ऐसा तो बिल्कुल नहीं लगता कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को अनुसूचित जाति का होने की वजह से अपमानित करने या डराने की कोशिश की.
यह था मामलाः 2020 में त्रिपाठी पर एक कानून के छात्र ने जानबूझकर उसको चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था. छात्र ने दावा किया था कि सात फरवरी 2020 को जब वह घर जा रहा था तब आरोपित ने झंडेवालान चौक, लाल बाग में उसकी पिटाई की थी. साथ ही अनुसूचित जाति का होने के चलते विधायक ने उसके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया था.
गौरतलब है कि घटना के अगले दिन ही आठ फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाने थे. त्रिपाठी मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से AAP के तीन बार के विधायक हैं.
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