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9 years of PM Modi govt : मोदी सरकार के नौ साल, प्रमुख उपलब्धियों पर डालिए नजर - केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के 9 साल पूरे हो गए. पीएम मोदी की सरकार पहली बार 2014 के लोकसभा चुनावों में भारी जनादेश जीतकर सत्ता में आई थी. इन सभी वर्षों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने किसानों और महिलाओं सहित दलितों और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के उत्थान के लिए कई पहल की हैं.

PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : May 26, 2023, 8:37 PM IST

Updated : May 26, 2023, 9:05 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के नौ साल पूरे हो गए. 2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. आम जनता को जिन योजनाओं से लाभ मिला आइए डालते हैं उन पर नजर.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : इस योजना ने एलपीजी क्रांति को हवा दी. भारत ने पिछले नौ वर्षों में एलपीजी उपभोक्ताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल की है. पिछले 9 वर्षों में लगभग 17 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता जोड़े गए हैं. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ता अप्रैल 2014 में 14.52 करोड़ से बढ़कर मार्च 2023 तक 31.36 करोड़ हो गए हैं.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

इसकी वजह है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई), जिसके कारण एलपीजी कवरेज में 2016 में केवल 62 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022 में 104.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

उच्च शिक्षा संस्थानों में वृद्धि : सरकार ने देश भर में विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम और इसी तरह के संस्थानों के निर्माण को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए शिक्षा के द्वार बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए हैं.

देश में विश्वविद्यालयों की संख्या में पिछले 9 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. 2014 में संख्या 723 थी जो 2023 में बढ़कर 1113 तक पहुंच गई है. इसके अलावा, पिछले 9 वर्षों में 5,298 कॉलेज बनाए गए हैं (2014 में 38,498 से 2023 में 43,796), जिससे देश भर में छात्रों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ी है.

उल्लेखनीय है कि 43 प्रतिशत विश्वविद्यालय और 61.4 प्रतिशत कॉलेज ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं. इसके अलावा, पिछले 9 वर्षों में 7 IIT और 7 IIM के निर्माण के साथ, मोदी सरकार ने छात्रों के लिए अवसरों की बेहतरी सुनिश्चित की है.

भारतमाला परियोजना के तहत सड़क अवसंरचना को प्रोत्साहन : भारत में लगभग 63.73 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है. राष्ट्रीय राजमार्ग माल और वाहनों के कुशल आवागमन को सक्षम करने, लोगों को जोड़ने और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में बहुत योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने पिछले 9 वर्षों में कई कदम उठाए हैं. गलियारा आधारित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास दृष्टिकोण के माध्यम से 2014-15 और 2021-22 के बीच निर्माण की गति में लगातार वृद्धि हुई. 2014 में 12 किमी/दिन के निर्माण से 2021-22 में यह बढ़कर 29 किमी/दिन हो गया था.

महिला सशक्तिकरण-मातृ मृत्यु दर में गिरावट : प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया है. परिणामस्वरूप, मातृ मृत्यु दर अनुपात में परिवर्तनकारी गिरावट देखी गई है.

सबके बजट में आने वाली गुणवत्तापरक दवाएं : यह सुनिश्चित करने के लिए कि गुणवत्ता वाली दवाएं सभी वर्गों के लोगों के लिए सस्ती हों, मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिससे गरीबों की वहनीयता में वृद्धि हुई है. आयुष्मान भारत योजना इस दिशा में अग्रणी कदमों में से एक है.

डिजिटल क्रांति: डिजिटल लेनदेन के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को बदलना : पीएम मोदी सरकार ने 'डिजिटल इंडिया' की ध्वजवाहक योजना के साथ डिजिटलीकरण पर विशेष जोर दिया है. इसके परिणामस्वरूप 2014 से 2023 के बीच डिजिटल और यूपीआई लेनदेन की संख्या आसमान छू रही है.

भारत में चिकित्सा शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव : पीएम मोदी सरकार ने भी देश में चिकित्सा शिक्षा में क्रांति लाने पर विशेष जोर दिया है. नतीजतन देश में चिकित्सा संस्थानों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है.

शांति का मार्ग-उत्तर पूर्व भारत की उग्रवाद समाप्त करने की यात्रा : पूर्वोत्तर क्षेत्र में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान शांति स्थापित करने के प्रयास तेज हुए. कई क्षेत्रों में उग्रवाद का सफाया कर दिया गया है, और विद्रोही समूहों को चर्चा की मेज पर लाया गया है जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित हो सके.

हर घर जल योजना
हर घर जल योजना

जल जीवन मिशन-हर घर जल : मोदी सरकार ने पानी की उपलब्धता को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक के रूप में निर्धारित किया था. नतीजतन, पिछले नौ वर्षों में नल के पानी के कनेक्शन वाले घरों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में नल के पानी के कनेक्शन भी शामिल हैं.

भारत में हवाई अड्डों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि : मोदी सरकार के तहत हवाई अड्डों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है. 2014 से 2023 तक यह संख्या कई गुना बढ़ गई है, जिससे लोगों के लिए बेहतर आवागमन और यात्रा सुविधाएं और आर्थिक विकास में सहायता मिली है.

सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क-घरों को ऊर्जावान बनाना : सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CDG), पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और कंप्रेस्ड नेचुरल (CNG) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्राकृतिक गैस पाइपलाइन सतत विकास को बढ़ावा देने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और प्रदूषण को कम करने में मदद करती हैं. वर्ष 2014 में सीडीजी नेटवर्क की पहुंच केवल 66 शहरों में थी. 2023 में यह नेटवर्क 630 जिलों तक पहुंच गया. साथ ही, पीएनजी कनेक्शन की संख्या 2014 में जो सिर्फ 25.40 लाख थी 2023 में बढ़कर 103.93 लाख हो गई है.

भारत की 9 साल की वन्यजीव संरक्षण यात्रा : भारत दुनिया की बाघों की आबादी का 75 प्रतिशत का घर है. हाल ही में, भारत में बाघों की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक 2014 के बाद से बाघों की संख्या में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पहले जो संख्या 2226 थी वह 3167 तक पहुंच गई है. वर्तमान में भारत में तेंदुओं और बाघ की संख्या सबसे अधिक है. 2014 से 2018 तक तेंदुओं की आबादी में 60 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां एशियाई शेर हैं, जिनकी संख्या भी पिछले कुछ सालों में बढ़ी है.

वन्यजीव संरक्षण पर जोर
वन्यजीव संरक्षण पर जोर

भारत का वेटलैंड्स वंडर मल्टीप्लाई : इंडिया के पास एशिया में रामसर साइट्स (Ramsar Sites) का सबसे बड़ा नेटवर्क है. वेटलैंड्स गंभीर रूप से महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र हैं जो जैव विविधता, जलवायु शमन और अनुकूलन, मीठे पानी की उपलब्धता और समग्र मानव कल्याण में योगदान करते हैं. पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करने के लिए समर्पित प्रयासों के हिस्से के रूप में, भारत में अब अंतरराष्ट्रीय महत्व के 75 वेटलैंड्स को रामसर साइटों के रूप में नामित किया गया है, जो देश भर में 1.33 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं.

1982 से 2013 तक कुल 26 स्थलों को रामसर स्थलों की सूची में जोड़ा गया. 2014 से 2023 तक देश ने रामसर साइटों की सूची में 49 नए आर्द्रभूमि जोड़े. मंत्रालय ने कहा कि 2022 के दौरान कुल 28 साइटों को रामसर साइट घोषित किया गया.

विकास और कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त : प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण शुरू किया है. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) लुधियाना (पंजाब) से बिहार के सोननगर तक (1337 किलोमीटर) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के दादरी (1506 किलोमीटर) तक बन रहा है.

2014 में स्क्रैच से शुरू करते हुए, 22 मार्च, 2023 तक EDFC पर 886 किमी (66.27 प्रतिशत) और WDFC पर 863 किमी (57.30 प्रतिशत) काम पूरा हो चुका है. उल्लेखनीय प्रगति का अनुमान 2013-14 में 10,357 करोड़ रुपये से 22 मार्च, 2023 तक 99,872 करोड़ रुपये के व्यय (इन परियोजनाओं के लिए भूमि सहित) में 9.6 गुना वृद्धि से लगाया जा सकता है.

रेलवे विद्युतीकरण: एक सतत भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्तरेल विद्युतीकरण परिवहन का एक टिकाऊ और कुशल मोड प्रदान करता है जो पर्यावरण प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से मुक्त है. भारत की स्वतंत्रता और 2014 के बीच, मंत्रालय के अनुसार केवल 21,413 रूट किलोमीटर (आरकेएम) रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया था.

हालांकि, पिछले 9 वर्षों में, भारत में विद्युतीकरण की गति में काफी तेजी आई है, अकेले पिछले नौ वर्षों में रिकॉर्ड तोड़ 37,011 रूट किलोमीटर (आरकेएम) पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है. कुल 58,424 आरकेएम का विद्युतीकरण किया गया है, जो भारतीय रेलवे का 90 प्रतिशत है.

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को फिर से जीवंत करना : पीएम मोदी सरकार दुनिया भर से पुरावशेषों और कलाकृतियों को लाने के लिए प्रतिबद्ध है. युगों से, गहरी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाली अनगिनत बेशकीमती कलाकृतियों को चुराया गया और विदेशों में तस्करी की गई. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत को 24 अप्रैल, 2023 तक विभिन्न देशों से भारतीय मूल की 251 बेशकीमती पुरावशेष वापस मिल गए हैं. इनमें से 238 को वापस ले लिया गया है. 2014 से प्रत्यावर्तित किया गया है. इसके अलावा, लगभग 72 वस्तुएं विभिन्न देशों से प्रत्यावर्तित होने की प्रक्रिया में हैं.

आइडिया से इनोवेशन तक: पीएम मोदी सरकार के तहत स्टार्टअप तेजी से विकास के दौर से गुजर रहे हैं. नतीजतन, भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है. स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से, स्टार्टअप इकाइयों की संख्या में 225 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2016 में जहां देश में केवल 442 स्टार्टअप थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 99,371 (14 मई, 2023 तक) हो गई है. मौजूदा समय में देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक स्टार्टअप काम कर रहा है. भारत में भी 100 से अधिक यूनिकॉर्न चल रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से देश में 8.93 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है.

शहरी गतिशीलता में वृद्धि: मोदी सरकार ने तेजी से शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या की समस्याओं से निपटने के लिए मेट्रो रेल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है. 2014 से पहले, भारत के केवल पांच शहरों में 229 किलोमीटर का रेल नेटवर्क था. अप्रैल 2023 तक 20 शहरों में 860 किमी का मेट्रो रेल नेटवर्क चालू हो चुका है. 2014 से पहले मेट्रो लाइन का मासिक औसत 0.68 किमी था, जो बढ़कर 5.6 किमी प्रति माह हो गया है.

कई राज्यों में बढ़ रहा मेट्रो नेटवर्क
कई राज्यों में बढ़ रहा मेट्रो नेटवर्क

भारत की तकनीक, ब्रॉडबैंड सेवाओं का तेजी से विस्तार: मोदी सरकार के तहत पिछले 9 वर्षों में ब्रॉडबैंड सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था और समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, 2014 में भारत में 6.1 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन थे.अब 2023 (31 दिसंबर, 2022 तक) में यह संख्या बढ़कर 83.22 करोड़ हो गई है. इनमें से 79.98 करोड़ कनेक्शन वायरलेस हैं जबकि 3.23 करोड़ वायरलाइन हैं.

ब्रॉडबैंड की संख्या बढ़ी
ब्रॉडबैंड की संख्या बढ़ी

खाद्य सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता: मोदी सरकार अपने लोगों के लिए खाद्यान्न की उपलब्धता और पोषण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भूखा न सोए, केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत राज्यों को रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराती है.

मंत्रालय के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में डीसीपी राज्यों को 4.04 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी की राशि जारी की गई है. जबकि रु.14.48 लाख करोड़ रुपये FCI को जारी किए गए हैं. मोदी सरकार ने 01 जनवरी, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक एक वर्ष के लिए लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को मुफ्त में खाद्यान्न प्रदान करने का भी निर्णय लिया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी बढ़े
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी बढ़े

पीएमएवाई (यू) के परिणामस्वरूप शहरी आवासों में 800 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि : प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था, निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के बीच शहरी आवास की कमी को पूरा कर रही है और पात्र शहरी परिवारों को किफायती आवास प्रदान कर रही है. मंत्रालय के मुताबिक, 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 8.04 लाख घर ही बन पाए थे. जबकि, 2015 के बाद से (24 मई, 2023 तक) 74 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है. केंद्रीय सहायता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2004-2014 की अवधि के दौरान केवल 0.20 लाख रुपये थी, और अब 2.01 लाख करोड़ रुपये है.

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(ANI)

नई दिल्ली: केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के नौ साल पूरे हो गए. 2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. आम जनता को जिन योजनाओं से लाभ मिला आइए डालते हैं उन पर नजर.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : इस योजना ने एलपीजी क्रांति को हवा दी. भारत ने पिछले नौ वर्षों में एलपीजी उपभोक्ताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल की है. पिछले 9 वर्षों में लगभग 17 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता जोड़े गए हैं. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ता अप्रैल 2014 में 14.52 करोड़ से बढ़कर मार्च 2023 तक 31.36 करोड़ हो गए हैं.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

इसकी वजह है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई), जिसके कारण एलपीजी कवरेज में 2016 में केवल 62 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022 में 104.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

उच्च शिक्षा संस्थानों में वृद्धि : सरकार ने देश भर में विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम और इसी तरह के संस्थानों के निर्माण को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए शिक्षा के द्वार बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए हैं.

देश में विश्वविद्यालयों की संख्या में पिछले 9 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. 2014 में संख्या 723 थी जो 2023 में बढ़कर 1113 तक पहुंच गई है. इसके अलावा, पिछले 9 वर्षों में 5,298 कॉलेज बनाए गए हैं (2014 में 38,498 से 2023 में 43,796), जिससे देश भर में छात्रों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ी है.

उल्लेखनीय है कि 43 प्रतिशत विश्वविद्यालय और 61.4 प्रतिशत कॉलेज ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं. इसके अलावा, पिछले 9 वर्षों में 7 IIT और 7 IIM के निर्माण के साथ, मोदी सरकार ने छात्रों के लिए अवसरों की बेहतरी सुनिश्चित की है.

भारतमाला परियोजना के तहत सड़क अवसंरचना को प्रोत्साहन : भारत में लगभग 63.73 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है. राष्ट्रीय राजमार्ग माल और वाहनों के कुशल आवागमन को सक्षम करने, लोगों को जोड़ने और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में बहुत योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए पीएम मोदी की सरकार ने पिछले 9 वर्षों में कई कदम उठाए हैं. गलियारा आधारित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास दृष्टिकोण के माध्यम से 2014-15 और 2021-22 के बीच निर्माण की गति में लगातार वृद्धि हुई. 2014 में 12 किमी/दिन के निर्माण से 2021-22 में यह बढ़कर 29 किमी/दिन हो गया था.

महिला सशक्तिकरण-मातृ मृत्यु दर में गिरावट : प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया है. परिणामस्वरूप, मातृ मृत्यु दर अनुपात में परिवर्तनकारी गिरावट देखी गई है.

सबके बजट में आने वाली गुणवत्तापरक दवाएं : यह सुनिश्चित करने के लिए कि गुणवत्ता वाली दवाएं सभी वर्गों के लोगों के लिए सस्ती हों, मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिससे गरीबों की वहनीयता में वृद्धि हुई है. आयुष्मान भारत योजना इस दिशा में अग्रणी कदमों में से एक है.

डिजिटल क्रांति: डिजिटल लेनदेन के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को बदलना : पीएम मोदी सरकार ने 'डिजिटल इंडिया' की ध्वजवाहक योजना के साथ डिजिटलीकरण पर विशेष जोर दिया है. इसके परिणामस्वरूप 2014 से 2023 के बीच डिजिटल और यूपीआई लेनदेन की संख्या आसमान छू रही है.

भारत में चिकित्सा शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव : पीएम मोदी सरकार ने भी देश में चिकित्सा शिक्षा में क्रांति लाने पर विशेष जोर दिया है. नतीजतन देश में चिकित्सा संस्थानों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है.

शांति का मार्ग-उत्तर पूर्व भारत की उग्रवाद समाप्त करने की यात्रा : पूर्वोत्तर क्षेत्र में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान शांति स्थापित करने के प्रयास तेज हुए. कई क्षेत्रों में उग्रवाद का सफाया कर दिया गया है, और विद्रोही समूहों को चर्चा की मेज पर लाया गया है जिससे क्षेत्र में शांति स्थापित हो सके.

हर घर जल योजना
हर घर जल योजना

जल जीवन मिशन-हर घर जल : मोदी सरकार ने पानी की उपलब्धता को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक के रूप में निर्धारित किया था. नतीजतन, पिछले नौ वर्षों में नल के पानी के कनेक्शन वाले घरों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में नल के पानी के कनेक्शन भी शामिल हैं.

भारत में हवाई अड्डों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि : मोदी सरकार के तहत हवाई अड्डों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है. 2014 से 2023 तक यह संख्या कई गुना बढ़ गई है, जिससे लोगों के लिए बेहतर आवागमन और यात्रा सुविधाएं और आर्थिक विकास में सहायता मिली है.

सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क-घरों को ऊर्जावान बनाना : सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CDG), पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और कंप्रेस्ड नेचुरल (CNG) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्राकृतिक गैस पाइपलाइन सतत विकास को बढ़ावा देने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और प्रदूषण को कम करने में मदद करती हैं. वर्ष 2014 में सीडीजी नेटवर्क की पहुंच केवल 66 शहरों में थी. 2023 में यह नेटवर्क 630 जिलों तक पहुंच गया. साथ ही, पीएनजी कनेक्शन की संख्या 2014 में जो सिर्फ 25.40 लाख थी 2023 में बढ़कर 103.93 लाख हो गई है.

भारत की 9 साल की वन्यजीव संरक्षण यात्रा : भारत दुनिया की बाघों की आबादी का 75 प्रतिशत का घर है. हाल ही में, भारत में बाघों की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक 2014 के बाद से बाघों की संख्या में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पहले जो संख्या 2226 थी वह 3167 तक पहुंच गई है. वर्तमान में भारत में तेंदुओं और बाघ की संख्या सबसे अधिक है. 2014 से 2018 तक तेंदुओं की आबादी में 60 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां एशियाई शेर हैं, जिनकी संख्या भी पिछले कुछ सालों में बढ़ी है.

वन्यजीव संरक्षण पर जोर
वन्यजीव संरक्षण पर जोर

भारत का वेटलैंड्स वंडर मल्टीप्लाई : इंडिया के पास एशिया में रामसर साइट्स (Ramsar Sites) का सबसे बड़ा नेटवर्क है. वेटलैंड्स गंभीर रूप से महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र हैं जो जैव विविधता, जलवायु शमन और अनुकूलन, मीठे पानी की उपलब्धता और समग्र मानव कल्याण में योगदान करते हैं. पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करने के लिए समर्पित प्रयासों के हिस्से के रूप में, भारत में अब अंतरराष्ट्रीय महत्व के 75 वेटलैंड्स को रामसर साइटों के रूप में नामित किया गया है, जो देश भर में 1.33 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं.

1982 से 2013 तक कुल 26 स्थलों को रामसर स्थलों की सूची में जोड़ा गया. 2014 से 2023 तक देश ने रामसर साइटों की सूची में 49 नए आर्द्रभूमि जोड़े. मंत्रालय ने कहा कि 2022 के दौरान कुल 28 साइटों को रामसर साइट घोषित किया गया.

विकास और कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त : प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का निर्माण शुरू किया है. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) लुधियाना (पंजाब) से बिहार के सोननगर तक (1337 किलोमीटर) और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के दादरी (1506 किलोमीटर) तक बन रहा है.

2014 में स्क्रैच से शुरू करते हुए, 22 मार्च, 2023 तक EDFC पर 886 किमी (66.27 प्रतिशत) और WDFC पर 863 किमी (57.30 प्रतिशत) काम पूरा हो चुका है. उल्लेखनीय प्रगति का अनुमान 2013-14 में 10,357 करोड़ रुपये से 22 मार्च, 2023 तक 99,872 करोड़ रुपये के व्यय (इन परियोजनाओं के लिए भूमि सहित) में 9.6 गुना वृद्धि से लगाया जा सकता है.

रेलवे विद्युतीकरण: एक सतत भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्तरेल विद्युतीकरण परिवहन का एक टिकाऊ और कुशल मोड प्रदान करता है जो पर्यावरण प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से मुक्त है. भारत की स्वतंत्रता और 2014 के बीच, मंत्रालय के अनुसार केवल 21,413 रूट किलोमीटर (आरकेएम) रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया था.

हालांकि, पिछले 9 वर्षों में, भारत में विद्युतीकरण की गति में काफी तेजी आई है, अकेले पिछले नौ वर्षों में रिकॉर्ड तोड़ 37,011 रूट किलोमीटर (आरकेएम) पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है. कुल 58,424 आरकेएम का विद्युतीकरण किया गया है, जो भारतीय रेलवे का 90 प्रतिशत है.

भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को फिर से जीवंत करना : पीएम मोदी सरकार दुनिया भर से पुरावशेषों और कलाकृतियों को लाने के लिए प्रतिबद्ध है. युगों से, गहरी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाली अनगिनत बेशकीमती कलाकृतियों को चुराया गया और विदेशों में तस्करी की गई. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत को 24 अप्रैल, 2023 तक विभिन्न देशों से भारतीय मूल की 251 बेशकीमती पुरावशेष वापस मिल गए हैं. इनमें से 238 को वापस ले लिया गया है. 2014 से प्रत्यावर्तित किया गया है. इसके अलावा, लगभग 72 वस्तुएं विभिन्न देशों से प्रत्यावर्तित होने की प्रक्रिया में हैं.

आइडिया से इनोवेशन तक: पीएम मोदी सरकार के तहत स्टार्टअप तेजी से विकास के दौर से गुजर रहे हैं. नतीजतन, भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है. स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से, स्टार्टअप इकाइयों की संख्या में 225 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2016 में जहां देश में केवल 442 स्टार्टअप थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 99,371 (14 मई, 2023 तक) हो गई है. मौजूदा समय में देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक स्टार्टअप काम कर रहा है. भारत में भी 100 से अधिक यूनिकॉर्न चल रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से देश में 8.93 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है.

शहरी गतिशीलता में वृद्धि: मोदी सरकार ने तेजी से शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या की समस्याओं से निपटने के लिए मेट्रो रेल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है. 2014 से पहले, भारत के केवल पांच शहरों में 229 किलोमीटर का रेल नेटवर्क था. अप्रैल 2023 तक 20 शहरों में 860 किमी का मेट्रो रेल नेटवर्क चालू हो चुका है. 2014 से पहले मेट्रो लाइन का मासिक औसत 0.68 किमी था, जो बढ़कर 5.6 किमी प्रति माह हो गया है.

कई राज्यों में बढ़ रहा मेट्रो नेटवर्क
कई राज्यों में बढ़ रहा मेट्रो नेटवर्क

भारत की तकनीक, ब्रॉडबैंड सेवाओं का तेजी से विस्तार: मोदी सरकार के तहत पिछले 9 वर्षों में ब्रॉडबैंड सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था और समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, 2014 में भारत में 6.1 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन थे.अब 2023 (31 दिसंबर, 2022 तक) में यह संख्या बढ़कर 83.22 करोड़ हो गई है. इनमें से 79.98 करोड़ कनेक्शन वायरलेस हैं जबकि 3.23 करोड़ वायरलाइन हैं.

ब्रॉडबैंड की संख्या बढ़ी
ब्रॉडबैंड की संख्या बढ़ी

खाद्य सुरक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता: मोदी सरकार अपने लोगों के लिए खाद्यान्न की उपलब्धता और पोषण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भूखा न सोए, केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत राज्यों को रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराती है.

मंत्रालय के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में डीसीपी राज्यों को 4.04 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी की राशि जारी की गई है. जबकि रु.14.48 लाख करोड़ रुपये FCI को जारी किए गए हैं. मोदी सरकार ने 01 जनवरी, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक एक वर्ष के लिए लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को मुफ्त में खाद्यान्न प्रदान करने का भी निर्णय लिया है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी बढ़े
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी बढ़े

पीएमएवाई (यू) के परिणामस्वरूप शहरी आवासों में 800 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि : प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था, निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के बीच शहरी आवास की कमी को पूरा कर रही है और पात्र शहरी परिवारों को किफायती आवास प्रदान कर रही है. मंत्रालय के मुताबिक, 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 8.04 लाख घर ही बन पाए थे. जबकि, 2015 के बाद से (24 मई, 2023 तक) 74 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है. केंद्रीय सहायता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2004-2014 की अवधि के दौरान केवल 0.20 लाख रुपये थी, और अब 2.01 लाख करोड़ रुपये है.

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(ANI)

Last Updated : May 26, 2023, 9:05 PM IST
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