नई दिल्ली : 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले में हुए हंगामे के दौरान पंजाब के जिन किसानों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से 9 किसान बुधवार रात तिहाड़ जेल से जमानत मिलने के बाद बाहर आ गए. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमेन के अनुसार अब तक 45 लोग बाहर आ चुके हैं.
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली के अंदर घुस आए थे. इस दौरान कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुई. इतना ही नहीं लाल किले के भीतर भी तोड़फोड़ हुई, जिसके आरोप में दिल्ली पुलिस ने अलग-अलग इलाकों के कई किसानों को गिरफ्तार किया था.
सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने की मदद
इन किसानों की जमानत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी दोनों लगातार प्रयास कर रहे थे. इन किसानों के स्वागत के लिए गेट नंबर 4 पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चेयरमेन मनजिंदर सिंह सिरसा और काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
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किसानों ने दी सरकार को चेतावनी
सिरसा ने कहा कि सरकार का ये कदम गलत था, जिसमें बेकसूर किसानों पर कई धाराओं में मामला दर्ज कर जेल भेजा गया था, लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रयास से अब तक 45 लोग बाहर आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि इससे ये किसान डरने वाले नही हैं, वहीं बाहर आये किसानों ने कहा कि सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा.
बाकी किसानों के लिए किए जा रहे प्रयास
जानकारी के अनुसार अभी भी कई किसान तिहाड़ जेल में बंद हैं, जिनकी जमानत के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपने लीगल टीम के साथ मिलकर हरसंभव प्रयास कर रही है, ताकि उनके घर वाले परेशान ना हों.