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80% लोग नहीं पहन रहे मास्क, बाकी जबड़ों पर लगा रहे: सुप्रीम कोर्ट

कोरोना वायरस एक बार फिर लोगों को अपनी जद में ले रहा है. ऐसे में कोरोना को लेकर उठाए गए केंद्र सरकार के कदमों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है.

मास्क न पहनने वाले 80% लोगों में कुछ जबड़ों पर लगा रहे मास्कः सुप्रीम कोर्ट
मास्क न पहनने वाले 80% लोगों में कुछ जबड़ों पर लगा रहे मास्कः सुप्रीम कोर्ट
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Published : Nov 27, 2020, 2:54 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि जुलूस निकाले जा रहे हैं और 80% लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं और उनमें से कुछ मास्क को अपने जबड़े में लटका कर रख रहे हैं.

न्यायमूर्ति एमआर शाह ने टिप्पणी की कि एसओपी और दिशानिर्देश हैं, लेकिन कोई इच्छाशक्ति नहीं है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी राज्य दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें.

केंद्र ने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, हरियाणा और आंध्र प्रदेश समेत 10 राज्यों में कोविड से संबंधित 70% मामले हैं. केंद्र ने कहा कि मामले पर सुनवाई एक दिसंबर को होनी चाहिए.

पढ़ें- युवक बोला- कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है, नहीं पहनूंगा मास्क

एक हलफनामे में, केंद्र ने दिल्ली सरकार को दिल्ली की बिगड़ती स्थिति के लिए दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि कोरोना वायरस को रोकने में उसकी विफलता के कारण संक्रमण में वृद्धि हुई है.

हलफनामे में कहा गया है कि वहां समय पर उपाय नहीं किए गए, आईसीयू बेड और टेस्टिंग क्षमता में कोई वृद्धि नहीं की गई और होम आईसोलेशन में रहने वाले लोगों का सही-सही पता नहीं चला.

आपको बता दें कि अदालत कोविड-19 के समुचित उपचार और शवों की गरिमापूर्ण देखभाल के मामले की सुनवाई कर रही थी. इसे एक दिसंबर को फिर से सुनवाई होगी.

नई दिल्ली : देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा कि जुलूस निकाले जा रहे हैं और 80% लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं और उनमें से कुछ मास्क को अपने जबड़े में लटका कर रख रहे हैं.

न्यायमूर्ति एमआर शाह ने टिप्पणी की कि एसओपी और दिशानिर्देश हैं, लेकिन कोई इच्छाशक्ति नहीं है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी राज्य दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें.

केंद्र ने अदालत को बताया कि महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, हरियाणा और आंध्र प्रदेश समेत 10 राज्यों में कोविड से संबंधित 70% मामले हैं. केंद्र ने कहा कि मामले पर सुनवाई एक दिसंबर को होनी चाहिए.

पढ़ें- युवक बोला- कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है, नहीं पहनूंगा मास्क

एक हलफनामे में, केंद्र ने दिल्ली सरकार को दिल्ली की बिगड़ती स्थिति के लिए दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि कोरोना वायरस को रोकने में उसकी विफलता के कारण संक्रमण में वृद्धि हुई है.

हलफनामे में कहा गया है कि वहां समय पर उपाय नहीं किए गए, आईसीयू बेड और टेस्टिंग क्षमता में कोई वृद्धि नहीं की गई और होम आईसोलेशन में रहने वाले लोगों का सही-सही पता नहीं चला.

आपको बता दें कि अदालत कोविड-19 के समुचित उपचार और शवों की गरिमापूर्ण देखभाल के मामले की सुनवाई कर रही थी. इसे एक दिसंबर को फिर से सुनवाई होगी.

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