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दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित

देश की राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार की आस्पतालों में आईसीयू बेड आरक्षित करने की अपील को मंजूरी देदी है. बता दें कि राजधानी में 4.6 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और सात हजार से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है.

private hospitals of delhi
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Nov 12, 2020, 4:12 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आप सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने की अनुमति प्रदान कर दी. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामले काफी बढ़ रहे हैं.

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के सरकार के फैसले पर एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी.

उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश द्वारा लगायी गई रोक को हटा लिया और मामले को एकल पीठ के समक्ष 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. उस समय तक 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करेंगे.

पढ़ें-कोरोना की तीसरी लहर का कहर, सरकार ने अस्पतालों में बढ़ाए बेड्स

उच्च न्यायालय दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें अनुरोध किया गया है कि कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कम से कम 15 दिनों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड​​-19 मरीजों की खातिर आरक्षित करने का उसे अधिकार हो.

दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 8,593 नए मामले सामने आए जो किसी एक दिन का सर्वाधिक स्तर है. नगर में संक्रमण के 4.59 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 7,228 मरीजों की मौत हो चुकी है.

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आप सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने की अनुमति प्रदान कर दी. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामले काफी बढ़ रहे हैं.

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के सरकार के फैसले पर एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी.

उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश द्वारा लगायी गई रोक को हटा लिया और मामले को एकल पीठ के समक्ष 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. उस समय तक 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करेंगे.

पढ़ें-कोरोना की तीसरी लहर का कहर, सरकार ने अस्पतालों में बढ़ाए बेड्स

उच्च न्यायालय दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें अनुरोध किया गया है कि कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कम से कम 15 दिनों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड​​-19 मरीजों की खातिर आरक्षित करने का उसे अधिकार हो.

दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस के 8,593 नए मामले सामने आए जो किसी एक दिन का सर्वाधिक स्तर है. नगर में संक्रमण के 4.59 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 7,228 मरीजों की मौत हो चुकी है.

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