जोरहाट: 2026 तक कई लोग अपनी नौकरियां खो देंगे. ऐसे कई ट्वीट आपको मिलेंगे, ऐसी कई खबरें आपको देते रहना होगा. ये पुलिसकर्मी हमारे जमाने के पुलिसकर्मी नहीं हैं. साथ ही, पुलिस में 80 प्रतिशत अच्छे लोग हैं लेकिन 20 प्रतिशत अच्छे लोग नहीं हैं. ये शब्द थे राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के जब उन्होंने असम पुलिस के भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर टिप्पणी की.
मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'असम में 50,000 पुलिसकर्मी हैं. हम कह सकते हैं कि इनमें 10,000 ऐसे पुलिसकर्मी हैं जिन पर निगरानी रखने की जरूरत है. अब तक इन 10 हजार में से सिर्फ 4-5 के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस में भी 80 फीसदी अच्छे लोग हैं, नहीं तो आज हम असम में शांति से नहीं रह पाते.' इस दौरान उन्होंने मणिपुर में हिंसा की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि फिलहाल मणिपुर में हालात काफी सामान्य हैं और इसे सामान्य बनाने की कोशिशें जारी हैं.
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वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा के कारण लगभग 150 शरणार्थी असम में प्रवेश कर गये हैं. उन्होंने बताया कि हिंसा के शिकार इन निर्दोष पीड़ितों को धुबरी में रहने की अनुमति दी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि इन लोगों के लिए आवास और भोजन सुविधाओं सहित स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि फिलहाल 133 शरणार्थी ऐसे राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कहा कि ऊपरी असम के चाय बागानों में पैसा मांगने वाले केवल नकली विद्रोही हैं. उन्होंने कहा कि उद्यान अधिकारियों की हालत ऐसी है कि उनसे मांग करने के बजाय उन्हें कुछ दिया जाना चाहिए.