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झुग्गियों में रह रहे 80 परिवार राशन से वंचित, नहीं मिल रही वैक्सीन - परिवार संक्रमण के घेरे में

पलवल शहर के बीचों-बीच स्थित दशहरा ग्राउंड पर बनी झोपड़ियों में करीब 80 परिवार रहते हैं. इन परिवारों को लॉकडाउन में ना तो खाना मिल रहा है और ना कोई ही सुविधा. यहां किसी को भी वैक्सीन नहीं लगी है. इन परिवारों को जहां स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली है. वहीं प्रशासन की तरफ से भी किसी प्रकार की कोई सहायता राशन सामग्री मुहैया नहीं कराई गई है.

दशहरा ग्राउंड
दशहरा ग्राउंड
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Published : May 13, 2021, 9:13 AM IST

पलवल (हरियाणा) : अलावलपुर रोड स्थित दशहरा ग्राउंड में झोपड़ियों में रहने वाले 80 परिवारों का कसूर बस इतना है कि ये लोग गरीब हैं. इन झोपड़ियों में रह रहे रोज कमाने वाले गरीब लोगों का लॉकडाउन लगने की वजह से धंधा पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

इन 80 परिवारों के सामने जहां एक तरफ खाने की बड़ी समस्या है. वहीं दूसरी तरफ अपनी सेहत को लेकर भी चिंता है, झोपड़ियों में रहने वाले इन लोगों के चारों तरफ गंदगी का अंबार है. साथ ही एक दूसरे से लगी झोपड़ियों के होने से यहां कोरोना वायरस के फैलने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग इनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

80 परिवारों को है मदद की आस

पढ़ें- सिर्फ छह मिनट में कोरोना संक्रमित खुद करें निमोनिया की पहचान

इन लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यहां पर ना तो कोई वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया है और उन्हें लॉकडाउन में फ्री राशन देने की व्यवस्था की गई है. यहां किसी को भी वैक्सीन नहीं लगी है. ऐसे में बेहद भीड़भाड़ वाले इन 80 परिवारों में से अगर किसी भी एक इंसान को भी कोरोना हो जाता है तो सभी परिवार संक्रमण के घेरे में आ सकते हैं.

इन परिवारों को जहां स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली है. वहीं प्रशासन की तरफ से भी किसी प्रकार की कोई सहायता राशन सामग्री मुहैया नहीं कराई गई है. लोगों का कहना है कि वे बेहद परेशानियों के बीच दिन गुजार रहे हैं. पिछली बार समाजसेवी संस्थाओं ने उनकी जरूर मदद कर दी थी, लेकिन इस बार ना तो समाजसेवी संस्थाएं हैं और ना ही प्रशासन.

पलवल (हरियाणा) : अलावलपुर रोड स्थित दशहरा ग्राउंड में झोपड़ियों में रहने वाले 80 परिवारों का कसूर बस इतना है कि ये लोग गरीब हैं. इन झोपड़ियों में रह रहे रोज कमाने वाले गरीब लोगों का लॉकडाउन लगने की वजह से धंधा पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

इन 80 परिवारों के सामने जहां एक तरफ खाने की बड़ी समस्या है. वहीं दूसरी तरफ अपनी सेहत को लेकर भी चिंता है, झोपड़ियों में रहने वाले इन लोगों के चारों तरफ गंदगी का अंबार है. साथ ही एक दूसरे से लगी झोपड़ियों के होने से यहां कोरोना वायरस के फैलने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग इनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

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इन लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यहां पर ना तो कोई वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया है और उन्हें लॉकडाउन में फ्री राशन देने की व्यवस्था की गई है. यहां किसी को भी वैक्सीन नहीं लगी है. ऐसे में बेहद भीड़भाड़ वाले इन 80 परिवारों में से अगर किसी भी एक इंसान को भी कोरोना हो जाता है तो सभी परिवार संक्रमण के घेरे में आ सकते हैं.

इन परिवारों को जहां स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली है. वहीं प्रशासन की तरफ से भी किसी प्रकार की कोई सहायता राशन सामग्री मुहैया नहीं कराई गई है. लोगों का कहना है कि वे बेहद परेशानियों के बीच दिन गुजार रहे हैं. पिछली बार समाजसेवी संस्थाओं ने उनकी जरूर मदद कर दी थी, लेकिन इस बार ना तो समाजसेवी संस्थाएं हैं और ना ही प्रशासन.

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