नई दिल्ली : जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक बड़ा त्यौहार है और इसे भगवान विष्णु के आठवें अवतार कहे जाने वाले भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में पूरे देश भर में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. अबकी बार जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में 7 सितंबर को मनाया जा रहा है.
आज के दिन लोग दिनभर व्रत रखकर पूजा करते हैं और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को पूजते हैं. साथ ही साथ अपने घर के पूजा स्थलों व मंदिरों में खूबसूरत झांकियां भी सजाई जाती हैं. इसके साथ ही साथ भगवान को तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं और उनका सबसे प्रिय उनका 56 भोग भी इस अवसर पर लगाया जाता है.
छप्पन भोग के पीछे एक कहानी प्रचलित है. कहा जाता है कि एक बार भगवान कृष्ण ने 7 दिनों तक बिना कुछ खाए पिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा रखा था और पूरे ब्रजमंडल की इंद्र के प्रकोप से रक्षा की थी. इसके बाद आठवें दिन मां यशोदा अपने लाल को खाना खिलाने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए थे और बेटे को खूब खिलाया था. इसी बात को गोकुल वासियों ने भी अगले सात दिनों तक किया. हर दिन आठ तरह के पकवान बनाए और कृष्ण को खिलाए गए. इस तरह से 7 दिनों तक अलग-अलग तरह के व्यंजन तैयार हुए तो कुल पकवानों की संख्या 56 हो गयी. इसी तरह से 56 तरह के भोग की परंपरा शुरू हुयी. कहा जाता है कि 56 भोग से भगवान श्रीकृष्ण जल्दी प्रसन्न होते हैं और सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
ये होते हैं 56 भोग के पकवान
गोवर्धन पूजा के दिन के साथ-साथ जन्माष्टमी के दिन भी भगवान कृष्ण को अगर छप्पन भोग लगाया जाता है. अगर आप 56 भोग का प्रसाद चढ़ाना चाहते हैं तो जानिए कि उसमें क्या-क्या शामिल होता है..
1. माखन मिश्री, 2. दूध में बनी चावल या मेवे की खीर, 3. छेने का रसगुल्ला, 4. जीरा लड्डू, 5. जलेबी, 6. रबड़ी, 7. मालपुआ, 8. मोहनभोग, 9. मूंग दाल का हलवा, 10. घेवर, 11. दूध का पेड़ा, 12. काजू, 13. बादाम, 14. पिस्ता, 15. पंचामृत, 16. शक्करपारा, 17. मठरी, 18. चटनी, 19. मुरब्बा, 20. आम, 21. केला, 22. अंगूर, 23. सेब, 24. आलूबुखारा, 25. किशमिश, 26. पकोड़े, 27. साग, 28. दही, 29. चावल, 30 कढ़ी, 31. चीला, 32. पापड़, 33.खिचड़ी, 34. बैंगन की सब्जी, 35. दूधी की सब्जी, 36. टिक्की, 37. दलिया, 38. घी, 39. शहद, 40. क्रीम, 41. कचौरी, 42. रोटी, 43. नारियल पानी, 44. बादाम दूध, 45. शिकंजी, 46. छाछ, 47. चना, 48. मीठे चावल, 49. भुजिया, 50. फेनी, 51. तिक्त, 52. अम्ल, 53. इलायची, 54. सौंफ 55. सुपारी, 56. पान.
कुछ लोग इसमें इन चीजों को शामिल व परभाषित करते हैं...
1. भक्त (चावल या भात), 2. सूप (चने या अरहर की दाल), 3. प्रलेह (लोकल चटनी), 4. सदिका (बेसन की कढ़ी), 5. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी), 6. सिखरिणी (सिखरन), 7. अवलेह (मीठा शरबत), 8. बालका (बाटी), 9. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा), 10. त्रिकोण (शर्करा युक्त), 11. बटक (बड़ा), 12. मधु शीर्षक (मठरी), 13. फेणिका (फेनी), 14. परिष्टश्च (पूरी), 15. शतपत्र (खजला), 16. सधिद्रक (घेवर), 17. चक्राम (मालपुआ), 18. चिल्डिका (चोला), 19. सुधाकुंडलिका (जलेबी), 20. धृतपूर (मेसू), 22. चन्द्रकला (पगी हुई), 23. दधि (महारायता), 24. स्थूली (थूली), 25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी), 26. खंड मंडल (खुरमा), 27. गोधूम (दलिया), 28. परिखा, 29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त), 30. दधिरूप (बिलसारू), 31. मोदक (लड्डू), 32. शाक (साग), 33. सौधान (अधानौ अचार), 34. मंडका (मोठ), 35. पायस (खीर), 36. दधि (दही), 37. गोघृत (गाय का घी), 38. हैयंगपीनम (मक्खन), 39. मंडूरी (मलाई), 40. कूपिका (रबड़ी), 41. पर्पट (पापड़), 42. शक्तिका (सीरा), 43. लसिका (दही की लस्सी), 44. सुवत, 45. संघाय (मोहन), 46. सुफला (सुपारी), 47. सिता (इलायची), 48. फल, 49. तांबूल, 50. मोहन भोग, 51. लवण, 52. कषाय, 53. मधुर, 54. तिक्त, 55. कटु, 56. अम्ल.