बेंगलुरु : ई-गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, कर्नाटक सरकार ने आगामी 2-3 वर्षों में सभी सरकारी वाहनों में से 50 फीसदी को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) से बदलने का लक्ष्य रखा है. यह बात कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. सी एन अश्वथा नारायण ने कही.
'हावर्ड-इंडिया कॉन्फ्रेंस' के एक हिस्से में टिकाउ गतिशीलता का भविष्य विषय पर एक पैनलिस्ट के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार अमेरिकी ई मोबिलिटी सेक्टर के साथ साझेदारी कर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में सोच रही है.
उन्होंने बताया कि ऊंची इमारतों, मेट्रो स्टेशन, मॉल, आईटी पार्क और अपार्टमेंट में चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए नियामक उपाय किए जाएंगे. राज्य में कुछ महत्वपूर्ण राजमार्गों (जैसे बेंगलुरु-चेन्नई, बेंगलुरु- मायरसुरु) में फास्ट चार्जर्स स्थापित करना और विश्व स्तरीय कर्नाटक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर स्थापित करना भी उनका लक्ष्य है.
अश्वथा नारायण ने कहा, 'चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे की कमी अभी भी एक प्रमुख चिंता का विषय है और राज्य स्थिति में सुधार की दिशा में काम कर रहा है. सरकार ने भी स्थिति का आकलन किया है और सार्वजनिक स्थानों पर रियायती शुल्क, ई-कैब के लिए समर्पित पार्किंग, और राज्य में ईवी इंफ्रा में सुधार के लिए उप-कानूनों के निर्माण में ईवी चार्ज सुविधा को अनिवार्य करने के संबंध में नागरिकों से प्रतिक्रिया प्राप्त की है.'
अनुमान के अनुसार, बिजली से चलने वाले वाहनों (ईवी) की मांग से कम बिजली वाले संयंत्रों के उपयोग में सुधार हो सकता है.
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