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कानपुर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चली गई 6 मरीजों की आंखों की रोशनी

कानपुर से सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक नर्सिंग होम के आई कैम्प में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने वाले 6 मरीजों की आंखों की रोशनी ही चली गई. पढ़िए पूरी खबर.

कानपुर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चली गई 6 मरीजों की आंखों की रोशनी
कानपुर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद चली गई 6 मरीजों की आंखों की रोशनी
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Published : Nov 22, 2022, 10:18 PM IST

कानपुर: जनपद में स्वास्थ विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां कानपुर महानगर के बर्रा बाईपास में स्थित आराध्या नर्सिंग होम के आई कैम्प में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने वाले 6 मरीजों की आंखों की रोशनी ही चली गई. बताया जा रहा है कि उनकी आंख ऐसी खराब हुई कि दिखना ही बंद हो गया. कई दिनों तक हॉस्पिटल के चक्कर लगाने के बाद जब मरीजों की किसी ने मदद नहीं की तो उन्होंने मामले की शिकायत सीएमओ से की. सीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

मरीजों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही उनकी आंख में दर्द होना शुरू हो गया था. उसके बाद धीरे-धीरे आंख से पानी बहने लगा. फिर दिखना ही बंद हो गया. हमारी आंख की रोशनी ही चली गई. इसकी शिकायत अस्पताल जाकर की गई, लेकिन वहां किसी ने एक नहीं सुनी. जिसके बाद मामले की जानकारी सीएमओ को दी गई.

सीएमओ ने दी यह जानकारी.

अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर व विभाग जिसके अंदर से एक कैंप लगा था, आखिरकार इनमें कौन दोषी है. फिलहाल मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की बात कही है. गौरतलब है कि जांच कमेटी में कानपुर मेडिकल कॉलेज समेत कानपुर नगर के 2 बड़े आई सर्जन रखे गए हैं.

इसे भी पढे़ं- आई हॉस्पिटल में 'आंखफोड़वा' कांड, मोतियाबिंद ऑपरेशन में आंख निकालकर लगा दी गोटी

कानपुर: जनपद में स्वास्थ विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां कानपुर महानगर के बर्रा बाईपास में स्थित आराध्या नर्सिंग होम के आई कैम्प में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने वाले 6 मरीजों की आंखों की रोशनी ही चली गई. बताया जा रहा है कि उनकी आंख ऐसी खराब हुई कि दिखना ही बंद हो गया. कई दिनों तक हॉस्पिटल के चक्कर लगाने के बाद जब मरीजों की किसी ने मदद नहीं की तो उन्होंने मामले की शिकायत सीएमओ से की. सीएमओ ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

मरीजों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही उनकी आंख में दर्द होना शुरू हो गया था. उसके बाद धीरे-धीरे आंख से पानी बहने लगा. फिर दिखना ही बंद हो गया. हमारी आंख की रोशनी ही चली गई. इसकी शिकायत अस्पताल जाकर की गई, लेकिन वहां किसी ने एक नहीं सुनी. जिसके बाद मामले की जानकारी सीएमओ को दी गई.

सीएमओ ने दी यह जानकारी.

अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर व विभाग जिसके अंदर से एक कैंप लगा था, आखिरकार इनमें कौन दोषी है. फिलहाल मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की बात कही है. गौरतलब है कि जांच कमेटी में कानपुर मेडिकल कॉलेज समेत कानपुर नगर के 2 बड़े आई सर्जन रखे गए हैं.

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