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Chardham Yatra: साढ़े 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका मत्था, यात्रा के दौरान 47 यात्रियों की मौत - साढ़े 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पूरे जोर शोर से चालू है. हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु चार धामों का दर्शन कर रहे हैं. अबतक कुल 6,58,685 यात्री चारधाम का दर्शन कर चुके हैं. वहीं, अत्यधिक ठंड और स्वास्थ्य कारणों के चलते अतबक 47 यात्री अपनी जान गंवा चुके हैं.

Chardham Yatra
साढ़े 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने टेका मत्था
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Published : May 18, 2022, 9:04 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड चारधाम यात्रा पूरी रफ्तार में है. हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु चारधाम पहुंच रहे हैं. आज भी गंगोत्री में 8530, यमुनोत्री में 5825, बदरीनाथ में 10,396 और केदारनाथ में 11,782 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. वहीं, अत्यधिक ठंड और बीमारी की वजह से कई तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. अब तक चारधाम यात्रा 2022 में 47 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं.

वहीं, 3 मई से शुरू हुए चारधाम यात्रा के तहत गंगोत्री धाम में 1,30,855, यमुनोत्री धाम में 1,06,352, बदरीनाथ धाम में 1,89,815 और केदारनाथ धाम में 2,31,663 श्रद्धालुओं अब तक दर्शन कर चुके हैं. अब तक कुल 6,58,685 यात्रियों ने चार धामों का दर्शन किया है. इस दौरान अब तक 47 यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है.

Chardham Yatra
यात्रा के दौरान 47 यात्रियों की मौत

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा में अभी तक 47 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims died in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 15 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 20 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 8 यात्रियों ने जान गंवाई है. वहीं, आज केदारनाथ यात्रा के दौरान 2 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई. इसके साथ ही अब तक केदारनाथ धाम में 20 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. तीर्थयात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग भी तत्परता से यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण जुट हुआ है.

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रियों को CM धामी की नसीहत, 'अस्वस्थ लोग यात्रा पर ना आएं'

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके शुक्ला ने कहा केदारनाथ में श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य खराब होने पर तत्परता से उपचार किया जा रहा है. जिसके लिए यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक डॉक्टरों की तैनाती की गई है. बुधवार को 789 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया गया. जिसमें 610 पुरुष और 179 महिलाएं शामिल हैं. अब तक ओपीडी के माध्यम से 24,057 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया गया है. जिसमें 17,755 पुरुष और 6,302 महिला शामिल है.

वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा कराने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई हैं. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने यात्रा मार्ग से केदारनाथ धाम तक व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए 16 जून तक दो-दो अधिकारियों की तैनाती की है. जिनकी ओर से प्रतिदिन गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक पैदल निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा.

यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए.

इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड चारधाम यात्रा पूरी रफ्तार में है. हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु चारधाम पहुंच रहे हैं. आज भी गंगोत्री में 8530, यमुनोत्री में 5825, बदरीनाथ में 10,396 और केदारनाथ में 11,782 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. वहीं, अत्यधिक ठंड और बीमारी की वजह से कई तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. अब तक चारधाम यात्रा 2022 में 47 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं.

वहीं, 3 मई से शुरू हुए चारधाम यात्रा के तहत गंगोत्री धाम में 1,30,855, यमुनोत्री धाम में 1,06,352, बदरीनाथ धाम में 1,89,815 और केदारनाथ धाम में 2,31,663 श्रद्धालुओं अब तक दर्शन कर चुके हैं. अब तक कुल 6,58,685 यात्रियों ने चार धामों का दर्शन किया है. इस दौरान अब तक 47 यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है.

Chardham Yatra
यात्रा के दौरान 47 यात्रियों की मौत

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा में अभी तक 47 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims died in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 15 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 4 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 20 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 8 यात्रियों ने जान गंवाई है. वहीं, आज केदारनाथ यात्रा के दौरान 2 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई. इसके साथ ही अब तक केदारनाथ धाम में 20 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. तीर्थयात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग भी तत्परता से यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण जुट हुआ है.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके शुक्ला ने कहा केदारनाथ में श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य खराब होने पर तत्परता से उपचार किया जा रहा है. जिसके लिए यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक डॉक्टरों की तैनाती की गई है. बुधवार को 789 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया गया. जिसमें 610 पुरुष और 179 महिलाएं शामिल हैं. अब तक ओपीडी के माध्यम से 24,057 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार किया गया है. जिसमें 17,755 पुरुष और 6,302 महिला शामिल है.

वहीं, गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा कराने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई हैं. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने यात्रा मार्ग से केदारनाथ धाम तक व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए 16 जून तक दो-दो अधिकारियों की तैनाती की है. जिनकी ओर से प्रतिदिन गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक पैदल निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा.

यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए.

इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

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