नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को बताया कि प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने के लिए 422 भारतीयों के पासपोर्ट जब्त किए गए हैं (422 passport seized) जबकि किसी अन्य देश की यात्रा के लिए कोई पासपोर्ट जब्त नहीं किया गया है.
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जयशंकर ने यह भी बताया कि प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने वाले व्यक्तियों के संबंध में सहानुभूति पूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए सरकार ने 169 लोगों के पासपोर्ट लौटा दिए है.
उन्होंने बताया कि यमन में राजनीति और सुरक्षा की नाजुक स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने 26 सितंबर 2017 को एक अधिसूचना के माध्यम से वहां की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा कि यह अधिसूचना अभी तक लागू है.
उन्होंने कहा, 'इस अधिसूचना के प्रावधानों के तहत यात्रा प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने पर भारतीय प्राधिकारियों द्वारा अब तक 422 पासपोर्ट जब्त किए गए हैं. किसी अन्य देश की यात्रा के लिए कोई पासपोर्ट जब्त नहीं किया गया है.'
विदेश मंत्री ने बताया कि रोजगार संबंधी मजबूरियों या अज्ञानता के कारण यमन की यात्रा करने वाले लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए सरकार ने सभी पासपोर्ट जारी करने वाले प्राधिकरणों को मामला दर मामला आधार पर पासपोर्ट वापस करने की प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं.
उन्होंने कहा, 'पासपोर्ट वापस करने का अंतिम निर्णय विदेश मंत्रालय द्वारा लिया जाता है और पासपोर्ट जारी करने वाले प्राधिकरण को सूचित किया जाता है. अब तक 169 पासपोर्ट वापस किए जा चुके हैं.'
उन्होंने कहा कि यात्रा प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने वाला कोई भी भारतीय नागरिक, जिसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है तो वह इसे वापस हासिल करने के लिए पासपोर्ट जारी करने वाले संबंधित प्राधिकरण से संपर्क कर सकता है.
उन्होंने कहा, 'सरकार यात्रा प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने वाले व्यक्तियों के संबंध में सहानुभूति पूर्ण दृष्टिकोण बनाए हुए है.' भारत सरकार ने यमन के कुछ हिस्सों में जीवन के लिए खतरे का हवाला देते हुए, सऊदी अरब की सीमा से सटे इस देश की यात्रा पर रोक लगा दी है.
दुनिया भर की जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित 8,330 भारतीय कैदी बंद : वहीं सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि दुनिया भर की विभिन्न जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित 8,330 भारतीय कैदी बंद हैं. विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में कहा कि सरकार विदेशी जेलों सहित विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है.
उनकी यह टिप्पणी सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम के एक सवाल के जवाब में लिखित प्रतिक्रिया के रूप में आई, जिसमें उन्होंने विदेश में कैद भारतीय नागरिकों की संख्या, विचाराधीन कैदियों की संख्या सहित देश-वार डेटा के बारे में पूछा था.
विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, विदेशी जेलों में बंद 8330 भारतीय कैदियों में से 50% से अधिक खाड़ी देशों में बंद हैं और वहां 4630 भारतीय कैदी बंद हैं. यूएई जैसे खाड़ी देशों में 1611 भारतीय कैदी हैं, इसके बाद सऊदी अरब में 1461, कतर में 696, बहरीन में 277, कुवैत में 446 और ओमान में 139 कैदी हैं.
यूएई जैसे खाड़ी देशों में 1611 भारतीय कैदी हैं, इसके बाद सऊदी अरब में 1461, कतर में 696, बहरीन में 277, कुवैत में 446 और ओमान में 139 कैदी हैं. इसी तरह, यूनाइटेड किंगडम में 249 भारतीय कैदी, अमेरिका में 294, पाकिस्तान में 308, नेपाल में 1222, मलेशिया में 341, चीन में 178, इटली में 157 और अन्य कैदी हैं.
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(एक्ट्रा इनपुट एजेंसी)