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Rajasthan: भीलवाड़ा की यह 4 साल की मासूम मोह रही है सबका मन, शिव तांडव स्तोत्र है कंठस्थ

जिस उम्र में बच्चे एबीसीडी, कखग और वनटू सीखते हैं, उस उम्र में राजस्थान के भीलवाड़ा शहर की तक्शवि को शिव तांडव स्तोत्र और हनुमान चालीसा कंठस्थ हैं. इतना ही नहीं वो 192 देशों के झंडे देखकर पहचान लेती है. आइए जानते हैं 4 साल की तक्शवि के हुनर के बारे में...

Bhilwara Girl Takshvi
Bhilwara Girl Takshvi
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Published : May 27, 2023, 5:18 PM IST

Updated : May 27, 2023, 5:40 PM IST

भीलवाड़ा की 4 साल की तक्शवी के हुनर...

भीलवाड़ा. हुनर किसी उम्र का मोहताज नहीं होता, 4 साल की तक्शवि के लिए ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. राजस्थान के भीलवाड़ा शहर की इस बच्ची को शिव तांडव स्तोत्र, हनुमान चालीसा से लेकर राज्यों की राजधानी तक याद है. तक्शवि 192 देशों के झंडे देखकर पहचान लेती है. इतना ही नहीं स्केटिंग, कैसियो और हुलाहुप में भी तक्शवि निपुण है.

राज्यों से भारत का नक्शा बना लेती है : तक्शवि के परिजनों के अनुसार जब वो डेढ़ वर्ष की थी तभी से उसे हनुमान चालीसा कंठस्थ है. वर्तमान में वह 192 देशों के फ्लैग देखकर, देश का नाम बता देती है. प्रतिदिन भगवान की पूजा अर्चना के दौरान घर में शिव तांडव स्तोत्र सुनती थी, जिसके कारण उसे भी ये कंठस्थ है. तक्शवि की मां ने बताया कि बच्ची प्रत्येक राज्यों को जोड़कर संपूर्ण भारत का नक्शा बना लेती है. साथ ही प्रत्येक राज्यों की राजधानी का नाम भी बता देती है.

पढे़ं. Little Artist : नन्ही काश्वी के कारनामों को जान चौंक जाएंगे आप, 9 साल की उम्र में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

हुलाहुप घुमाने में भी मास्टर : उन्होंने बताया कि तक्शवि बड़ी होती गई और उसने रुचि के अनुसार स्केटिंग, कैसियो बजाना सहित कई चीजे सीख ली हैं. तक्शवी की दिन की शुरुआत ही पूजा-पाठ, हनुमान चालीसा और शिव तांडव स्तोत्र के साथ होती है. इसके साथ ही वो कैसियो में भजनों की धुन भी बजा लेती है. ईटीवी भारत की टीम के सामने भी तक्शवि ने शिव तांडव स्तोत्र सुनाया. साथ ही कैसियो बजाकर, स्केटिंग करके और हुलाहुप भी घुमाकर दिखाया. तक्शवि ने बताया कि शिव तांडव स्तोत्र, हनुमान चालिसा मम्मी ने सिखाया है.

भीलवाड़ा की 4 साल की तक्शवी के हुनर...

भीलवाड़ा. हुनर किसी उम्र का मोहताज नहीं होता, 4 साल की तक्शवि के लिए ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. राजस्थान के भीलवाड़ा शहर की इस बच्ची को शिव तांडव स्तोत्र, हनुमान चालीसा से लेकर राज्यों की राजधानी तक याद है. तक्शवि 192 देशों के झंडे देखकर पहचान लेती है. इतना ही नहीं स्केटिंग, कैसियो और हुलाहुप में भी तक्शवि निपुण है.

राज्यों से भारत का नक्शा बना लेती है : तक्शवि के परिजनों के अनुसार जब वो डेढ़ वर्ष की थी तभी से उसे हनुमान चालीसा कंठस्थ है. वर्तमान में वह 192 देशों के फ्लैग देखकर, देश का नाम बता देती है. प्रतिदिन भगवान की पूजा अर्चना के दौरान घर में शिव तांडव स्तोत्र सुनती थी, जिसके कारण उसे भी ये कंठस्थ है. तक्शवि की मां ने बताया कि बच्ची प्रत्येक राज्यों को जोड़कर संपूर्ण भारत का नक्शा बना लेती है. साथ ही प्रत्येक राज्यों की राजधानी का नाम भी बता देती है.

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हुलाहुप घुमाने में भी मास्टर : उन्होंने बताया कि तक्शवि बड़ी होती गई और उसने रुचि के अनुसार स्केटिंग, कैसियो बजाना सहित कई चीजे सीख ली हैं. तक्शवी की दिन की शुरुआत ही पूजा-पाठ, हनुमान चालीसा और शिव तांडव स्तोत्र के साथ होती है. इसके साथ ही वो कैसियो में भजनों की धुन भी बजा लेती है. ईटीवी भारत की टीम के सामने भी तक्शवि ने शिव तांडव स्तोत्र सुनाया. साथ ही कैसियो बजाकर, स्केटिंग करके और हुलाहुप भी घुमाकर दिखाया. तक्शवि ने बताया कि शिव तांडव स्तोत्र, हनुमान चालिसा मम्मी ने सिखाया है.

Last Updated : May 27, 2023, 5:40 PM IST
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