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बिहार : मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33% सीटें आरक्षित होंगी

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Published : Jun 2, 2021, 8:29 PM IST

बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय (engineering university) एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय (medical university) स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा. राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए.

लड़कियों के लिए 33% आरक्षण
लड़कियों के लिए 33% आरक्षण

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियंत्रण विश्वविद्यालय (engineering university) तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय (medical university) स्थापित करने के संबंध में प्रस्तावित विधेयक का प्रस्तुतीकरण दिया गया. प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा. साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य को बेहतर ढंग से नियंत्रित भी किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए. इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी. यह यूनिक चीज होगी, इससे छात्राएं उच्च और तकनीकी शिक्षा के प्रति और अधिक प्रेरित होंगी. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में अब से लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था रहेगी.

प्रस्तावित विधेयक के प्रस्तुतीकरण की मुख्य बातेंः

  • राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए.
  • अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विष्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा.
  • सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं.
  • सरकार का प्रयास कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए बिहार से बाहर ना जाना पड़े.

पढ़ेंः नवीन पटनायक ने सभी मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र, कहा केंद्र करे वैक्सीन की खरीद

विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग (Department of Science and Technology) के सचिव लोकेश कुमार सिंह (Lokesh Kumar Singh) ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से 'द बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी एक्ट-2021' तथा 'पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रॉविजन' के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत (Pratyay Amrit) ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से 'बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंज' तथा 'पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रोविजन' के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

पढ़ाई के लिए बच्चों को न जाना पड़े बाहर

नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं, कई मेडिकल काॅलेज भी खोले गये हैं. हम लोगों का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियों को बाहर नहीं जाना पड़े.

बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad), उप मुख्यमंत्री रेणु देवी (Renu Devi), शिक्षा मंत्री (education minister) विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary), स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) मंगल पांडे (Mangal Pandey), विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री (science and technology minister) सुमित कुमार सिंह (Sumit Kumar Singh), मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Tripurari Sharan) और संबंधित विभाग के सभी आला अधिकारी मौजूद थे.

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियंत्रण विश्वविद्यालय (engineering university) तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय (medical university) स्थापित करने के संबंध में प्रस्तावित विधेयक का प्रस्तुतीकरण दिया गया. प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा. साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य को बेहतर ढंग से नियंत्रित भी किया जा सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए. इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी. यह यूनिक चीज होगी, इससे छात्राएं उच्च और तकनीकी शिक्षा के प्रति और अधिक प्रेरित होंगी. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में अब से लड़कियों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था रहेगी.

प्रस्तावित विधेयक के प्रस्तुतीकरण की मुख्य बातेंः

  • राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए.
  • अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विष्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा.
  • सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं.
  • सरकार का प्रयास कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई के लिए बिहार से बाहर ना जाना पड़े.

पढ़ेंः नवीन पटनायक ने सभी मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र, कहा केंद्र करे वैक्सीन की खरीद

विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग (Department of Science and Technology) के सचिव लोकेश कुमार सिंह (Lokesh Kumar Singh) ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से 'द बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी एक्ट-2021' तथा 'पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रॉविजन' के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत (Pratyay Amrit) ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से 'बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंज' तथा 'पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रोविजन' के संबंध में विस्तृत जानकारी दी.

पढ़ाई के लिए बच्चों को न जाना पड़े बाहर

नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं, कई मेडिकल काॅलेज भी खोले गये हैं. हम लोगों का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियों को बाहर नहीं जाना पड़े.

बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad), उप मुख्यमंत्री रेणु देवी (Renu Devi), शिक्षा मंत्री (education minister) विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary), स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) मंगल पांडे (Mangal Pandey), विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री (science and technology minister) सुमित कुमार सिंह (Sumit Kumar Singh), मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण (Tripurari Sharan) और संबंधित विभाग के सभी आला अधिकारी मौजूद थे.

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