नई दिल्ली : भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय (WMCC) के लिए 25वीं बैठक शुक्रवार को हुई. इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया. वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और समुद्री विभाग के महानिदेशक ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान मई में दोनों देशों के बीच हुई बैठक के बाद पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पीपी-15 (Gogra-Hotsprings aka Patrol Point 15) से भारत-चीन की सेनाओं (Indian and Chinese troops) के पीछे हटने का स्वागत किया गया.
बैठक में कहा गया कि ये कदम चीन विदेश मंत्री और चीनी स्टेट काउंसलर और भारत के विदेश मंत्री के बीच समझ को दर्शाते हैं, जिसमें जुलाई 2022 में बाली में उनकी हालिया बैठक भी शामिल है. इसमें दोनों पक्ष एलएसी के साथ शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए स्थितियां बनाई जा सकें.
मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, साथ ही वे वरिष्ठ कमांडरों की बैठक के अगले (17वें) दौर को जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमत हुए.
बता दें कि भारत-चीन के बीच 16वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बैठक में बनी सहमति के अनुसार, आठ सितंबर 2022 को गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (पीपी-15) क्षेत्र से भारतीय और चीनी सैनिकों ने समन्वित एवं नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया था जो सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए अच्छा है. इससे पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी)-15 क्षेत्र (Gogra-Hotsprings aka Patrol Point 15) में दो साल से अधिक समय से चला आ रहा गतिरोध खत्म हो जाएगा. इस सफलता से भारत को पूर्वी लद्दाख में लगभग 130 वर्ग किमी घाटी तक पहुंच मिल जाएगी.
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