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महाराष्ट्र में कोरोना से 2,290 बच्चों ने माता- पिता में से एक या दोनों को खोया

कोरोना की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सिर्फ महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 2,290 बच्चे अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को गंवा चुके हैं.

महाराष्ट्र में कोरोना
महाराष्ट्र में कोरोना
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Published : May 27, 2021, 8:00 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 2,290 बच्चे अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को गंवा चुके हैं.

महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि 2,183 बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की इस संक्रमण से मौत हुई है जबकि 107 बच्चों के मां-बाप दोनों की ही महामारी से मौत हो गई है.

उन्होंने कहा, '107 बच्चों में 10 को सरकार ने अपने संरक्षण में लिया है, क्योंकि अब उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है.' अनाथ हो गए बच्चों का यह आंकड़ा जिलाधिकारियों के नेतृत्व वाले जिला कार्यबलों से मिली सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया.

पढ़ें - टीकों की कमी से लेकर खरीद और सप्लाई तक, सरकार ने दिया हर 'मिथक' का जवाब

सरकार ने उन बच्चों की पहचान के लिए सभी 36 जिलों में 10 सदस्यीय कार्यबल गठित किया था जो इस महामारी के चलते अनाथ हो गए. कार्यबल इन बच्चों के आश्रय का इंतजाम करेगा और उनके गोद लिए जाने की प्रक्रिया का निरीक्षण करेगा ताकि वे तस्करी एवं शोषण का शिकार न हों.

सरकार ने ऐसे बच्चों के बारे में सूचनाएं जुटाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया है क्योंकि उसे पता चला है कि असामाजिक तत्व मानव तस्करी के वास्ते ऐेसे बच्चों को अवैध रूप से गोद लिये जाने को बढ़ावा दे रहे हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 2,290 बच्चे अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को गंवा चुके हैं.

महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि 2,183 बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की इस संक्रमण से मौत हुई है जबकि 107 बच्चों के मां-बाप दोनों की ही महामारी से मौत हो गई है.

उन्होंने कहा, '107 बच्चों में 10 को सरकार ने अपने संरक्षण में लिया है, क्योंकि अब उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है.' अनाथ हो गए बच्चों का यह आंकड़ा जिलाधिकारियों के नेतृत्व वाले जिला कार्यबलों से मिली सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया.

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सरकार ने उन बच्चों की पहचान के लिए सभी 36 जिलों में 10 सदस्यीय कार्यबल गठित किया था जो इस महामारी के चलते अनाथ हो गए. कार्यबल इन बच्चों के आश्रय का इंतजाम करेगा और उनके गोद लिए जाने की प्रक्रिया का निरीक्षण करेगा ताकि वे तस्करी एवं शोषण का शिकार न हों.

सरकार ने ऐसे बच्चों के बारे में सूचनाएं जुटाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी चालू किया है क्योंकि उसे पता चला है कि असामाजिक तत्व मानव तस्करी के वास्ते ऐेसे बच्चों को अवैध रूप से गोद लिये जाने को बढ़ावा दे रहे हैं.

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