नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों में ऑपरेशन देवी शक्ति, ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन कावेरी के तहत 342 विदेशी नागरिकों के साथ 22,706 भारतीयों को निकाला गया है.
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तालिबान के कब्जे के बाद 2021 में अफगानिस्तान से 669 लोगों को निकाला गया, जिनमें 206 अफगान (अफगान हिंदू/सिख अल्पसंख्यक के सदस्य) शामिल थे. रूसी संघ द्वारा पूर्व सोवियत राज्य पर युद्ध शुरू करने के बाद ऑपरेशन गंगा के तहत 2022 में यूक्रेन से 18,282 भारतीय और 2023 में ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से 4,097 भारतीय आए, जिसमें 136 विदेशी नागरिक शामिल थे, जिससे कुल संख्या 23,048 हो गई.
यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की लिखित प्रतिक्रिया के रूप में सामने आई. पिछले पांच सालों के दौरान विदेश में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों और इस संबंध में देश-वार किए गए बचाव कार्यों का विवरण जानने के लिए सांसदों के एक समूह ने इसे लेकर कुछ सवाल किए थे.
मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशों में भारतीयों की सुरक्षा, सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. COVID-19 के कारण, अंतर्राष्ट्रीय हवाई सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था और एयर बबल और वंदे भारत मिशन के माध्यम से विशेष व्यवस्था की गई थी.
उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार ने मई 2020 से मार्च 2022 के दौरान दुनिया के विभिन्न देशों से एयर बबल व्यवस्था सहित वंदे भारत मिशन के तहत लगभग 3.20 करोड़ लोगों (1.59 करोड़ इनबाउंड और 1.61 करोड़ आउटबाउंड के साथ) की सफलतापूर्वक यात्रा की सुविधा प्रदान की.