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नए साल के पहले दिन है मासिक शिवरात्रि, सौभाग्य के लिए भगवान शिव-पार्वती की पूजा

नए साल की पहली तारीख को मासिक शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि एक जनवरी 2022 की सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 2 जनवरी 2022 यानी रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. इस तिथि को व्रत रखने और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से अविवाहित युवतियों की शादी होती है जबकि विवाहित महिलाओं की गृहस्थी में शांति बनी रहती है.

paus maas masik shivratri
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Published : Dec 30, 2021, 2:14 PM IST

हैदराबाद : 1 जनवरी 2022 को पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि पौष मास की पहली शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शास्त्रों में पौष मास को भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर पूजा करने से शिवजी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की बाधा, संकट और परेशानियों को दूर करते हैं. इस दिन माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है.

निशित काल में करें शिव की पूजा : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा आधी रात में की जाती है. इसे निशित काल कहा जाता है. मान्यता है कि महा शिवरात्रि की मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. पूजा की शुरुआत भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के अभिषेक से करें. भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भगवान शिव की आरती या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है. शिवरात्रि के व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है. शिवरात्रि व्रत के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करना काफी शुभ माना जाता है. शिवजी की कृपा से मासिक शिवरात्रि व्रत रखने वाले के कठिन काम भी पूरे हो जाते हैं. कहा जाता है कि शिवरात्रि की रात श्रद्धालुओं को जागरण करना चाहिए और आधी रात के वक्त शिव पूजा करनी चाहिए. अविवाहित युवतियां विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि व्रत रखती हैं जबकि विवाहितें शादीशुदा जीवन में शांति के लिए यह व्रत रखती हैं.

21 बेलपत्र शिव को करें अर्पित : शास्त्रों के अनुसार, शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं. रोजाना शिव की पूजा करने से आय के स्रोत में वृद्धि होती हैं. घर में धन समृद्धि आदि में भी बढ़ोतरी होती हैं. पौष मास की शिवरात्रि की पूजा के लिए 21 बेलपत्र पर चंदन से ‘ओम नम: शिवाय’ लिखें और उसे शिव को अर्पित कर दें, इससे इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. इसके अलावा शिवरात्रि के दिन बैल को हरा चारा खिलाएं. मान्यताओं के मुताबिक ऐसा करने से शिव के सेवक नंदी प्रसन्न होते हैं परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि एक जनवरी 2022 की सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 2 जनवरी 2022 यानी रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. मासिक शिवरात्रि का पूजा का शुभ मुहूर्त 1 जनवरी यानी शनिवार को रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.

हैदराबाद : 1 जनवरी 2022 को पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि पौष मास की पहली शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शास्त्रों में पौष मास को भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर पूजा करने से शिवजी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की बाधा, संकट और परेशानियों को दूर करते हैं. इस दिन माता पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व है.

निशित काल में करें शिव की पूजा : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा आधी रात में की जाती है. इसे निशित काल कहा जाता है. मान्यता है कि महा शिवरात्रि की मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे. पूजा की शुरुआत भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के अभिषेक से करें. भोलेनाथ को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, सिंदूर, हल्दी पाउडर, गुलाब जल और बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भगवान शिव की आरती या भजन गाए जाते हैं और शंख बजाया जाता है. शिवरात्रि के व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है. शिवरात्रि व्रत के दौरान ॐ नमः शिवाय का जाप करना काफी शुभ माना जाता है. शिवजी की कृपा से मासिक शिवरात्रि व्रत रखने वाले के कठिन काम भी पूरे हो जाते हैं. कहा जाता है कि शिवरात्रि की रात श्रद्धालुओं को जागरण करना चाहिए और आधी रात के वक्त शिव पूजा करनी चाहिए. अविवाहित युवतियां विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि व्रत रखती हैं जबकि विवाहितें शादीशुदा जीवन में शांति के लिए यह व्रत रखती हैं.

21 बेलपत्र शिव को करें अर्पित : शास्त्रों के अनुसार, शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं. रोजाना शिव की पूजा करने से आय के स्रोत में वृद्धि होती हैं. घर में धन समृद्धि आदि में भी बढ़ोतरी होती हैं. पौष मास की शिवरात्रि की पूजा के लिए 21 बेलपत्र पर चंदन से ‘ओम नम: शिवाय’ लिखें और उसे शिव को अर्पित कर दें, इससे इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. इसके अलावा शिवरात्रि के दिन बैल को हरा चारा खिलाएं. मान्यताओं के मुताबिक ऐसा करने से शिव के सेवक नंदी प्रसन्न होते हैं परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि एक जनवरी 2022 की सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है, जो 2 जनवरी 2022 यानी रविवार को प्रात: 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. मासिक शिवरात्रि का पूजा का शुभ मुहूर्त 1 जनवरी यानी शनिवार को रात 11 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.

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