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उच्च न्यायालयों में इस साल रिकॉर्ड जजों की नियुक्ति - जजों की नियुक्ति

उच्च न्यायालयों में इस साल सबसे अधिक जजों की नियुक्ति की गई है. यह जानकारी कानून एंव न्याय मंत्रालय ने दी है. इसके अनुसार 165 जजों की नियुक्ति इस साल की गई. टेली-लॉ ने 755 जिलों के एक लाख ग्राम पंचायतों को कवर किया. इसके तहत मुकदमेबाजी से जुड़ी हुई प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाती है.

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सुप्रीम कोर्ट
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Published : Dec 30, 2022, 4:27 PM IST

नई दिल्ली : कानून और न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को अपना ईयर एंड जारी किया. इसके अनुसार इस साल अलग-अलग उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड 165 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई. इससे पहले इतने अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति कभी नहीं की गई है.

मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 13 जजों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में, 14 जजों को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में, 16 जजों को कलकत्ता हाईकोर्ट में, तीन जजों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में, 17 जजों को दिल्ली हाईकोर्ट में, दो जजों को गुवाहाटी हाईकोर्ट में, दो जजों को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में, चार जजों को जम्मू-कश्मीर में और लद्दाख में एक जज की नियुक्ति की गई. इसी तरह से झारखंड में छह, कर्नाटक में एक, केरल में एक, मध्य प्रदेश में छह, उड़ीसा में चार, पटना में 11, पंजाब और हरियाणा में 21, राजस्थान में दो और तेलंगाना में 17 जजों की नियुक्ति की गई.

इलाहाबाद, बंबई, कलकत्ता, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर और मद्रास के उच्च न्यायालयों में 38 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी किया गया. बंबई और मद्रास में दो अतिरिक्त न्यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ाया गया. गुवाहाटी, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मद्रास, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तराखंड के उच्च न्यायालयों में आठ मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए और दो मुख्य न्यायाधीशों को अन्य उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित किया गया. छह जजों का एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में तबादला किया गया.

विज्ञप्ति के अनुसार, टेली-लॉ ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 755 जिलों में एक लाख ग्राम पंचायतों को कवर किया. टेली लॉ मुकदमेबाजी से पहले कई मुद्दों पर सलाह देता है. टेली-लॉ के माध्यम से 4200 जागरूकता सत्रों के माध्यम से 52000 से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचा गया. लगभग 17000 को टेली-लॉ के तहत वीडियो/टेलीकॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं के माध्यम से पैनल वकीलों के समर्पित पूल द्वारा कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान किया गया. आउटरीच को अधिकतम करने के लिए टेली-लॉ ऑन व्हील्स अभियान भी शुरू किया गया. विशेष टेली-लॉ ब्रांडेड मोबाइल वैन ने वीडियो चलाकर, रेडियो जिंगल और टेली-लॉ लीफलेट के वितरण के माध्यम से टेली-लॉ के संदेश को प्रसारित करने का काम किया.

मंत्रालय ने कहा कि ई-न्यायालय मिशन के लिए सरकार ने 1688.43 करोड़ रुपये जारी किए और अब तक 18,735 जिला और अधीनस्थ अदालतों को कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है. रिलीज में बताया गया है कि कोविड लॉकडाउन अवधि से, भारत भर में अदालतों द्वारा दो करोड़ से अधिक वर्जुअल सुनवाई की गई, जिससे भारत वर्चुअल सुनवाई में विश्व नेता बन गया है. गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य में अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो गई है. प्रदेश उच्च न्यायालयों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय इस प्रकार इच्छुक व्यक्तियों को कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देता है.

ये भी पढ़ें : कर्नाटक विधानसभा में एससी एसटी आरक्षण बढ़ाने से जुड़ा विधेयक पारित

नई दिल्ली : कानून और न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को अपना ईयर एंड जारी किया. इसके अनुसार इस साल अलग-अलग उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड 165 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई. इससे पहले इतने अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति कभी नहीं की गई है.

मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 13 जजों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में, 14 जजों को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में, 16 जजों को कलकत्ता हाईकोर्ट में, तीन जजों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में, 17 जजों को दिल्ली हाईकोर्ट में, दो जजों को गुवाहाटी हाईकोर्ट में, दो जजों को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में, चार जजों को जम्मू-कश्मीर में और लद्दाख में एक जज की नियुक्ति की गई. इसी तरह से झारखंड में छह, कर्नाटक में एक, केरल में एक, मध्य प्रदेश में छह, उड़ीसा में चार, पटना में 11, पंजाब और हरियाणा में 21, राजस्थान में दो और तेलंगाना में 17 जजों की नियुक्ति की गई.

इलाहाबाद, बंबई, कलकत्ता, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर और मद्रास के उच्च न्यायालयों में 38 अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी किया गया. बंबई और मद्रास में दो अतिरिक्त न्यायाधीशों का कार्यकाल बढ़ाया गया. गुवाहाटी, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मद्रास, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तराखंड के उच्च न्यायालयों में आठ मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए और दो मुख्य न्यायाधीशों को अन्य उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित किया गया. छह जजों का एक हाईकोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में तबादला किया गया.

विज्ञप्ति के अनुसार, टेली-लॉ ने 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 755 जिलों में एक लाख ग्राम पंचायतों को कवर किया. टेली लॉ मुकदमेबाजी से पहले कई मुद्दों पर सलाह देता है. टेली-लॉ के माध्यम से 4200 जागरूकता सत्रों के माध्यम से 52000 से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचा गया. लगभग 17000 को टेली-लॉ के तहत वीडियो/टेलीकॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं के माध्यम से पैनल वकीलों के समर्पित पूल द्वारा कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान किया गया. आउटरीच को अधिकतम करने के लिए टेली-लॉ ऑन व्हील्स अभियान भी शुरू किया गया. विशेष टेली-लॉ ब्रांडेड मोबाइल वैन ने वीडियो चलाकर, रेडियो जिंगल और टेली-लॉ लीफलेट के वितरण के माध्यम से टेली-लॉ के संदेश को प्रसारित करने का काम किया.

मंत्रालय ने कहा कि ई-न्यायालय मिशन के लिए सरकार ने 1688.43 करोड़ रुपये जारी किए और अब तक 18,735 जिला और अधीनस्थ अदालतों को कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है. रिलीज में बताया गया है कि कोविड लॉकडाउन अवधि से, भारत भर में अदालतों द्वारा दो करोड़ से अधिक वर्जुअल सुनवाई की गई, जिससे भारत वर्चुअल सुनवाई में विश्व नेता बन गया है. गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य में अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो गई है. प्रदेश उच्च न्यायालयों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय इस प्रकार इच्छुक व्यक्तियों को कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देता है.

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