वाराणसी: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा की गई. इसमें वाराणसी के स्वामी शिवानंद बाबा का भी नाम शामिल है. बताते चलें कि इनकी उम्र 125 वर्ष है और यह बिल्कुल स्वस्थ हैं. बाबा जिले के कबीर नगर स्थित एक छोटे से कमरे में रहते हैं. नियमित दिनचर्या ही बाबा के इस उम्र का राज है. स्वामी शिवानंद का जन्म 8 अगस्त 1896 को वर्तमान के बांग्लादेश के सिलेट जिले के हरिपुर गांव में हुआ था. यही उम्र बाबा के आधार कार्ड और वोटर कार्ड पर भी अंकित है. बाबा पूरी तरह स्वस्थ हैं. इसकी वजह प्रतिदिन योग, प्राणायाम और घरेलू औषधियों का सेवन है.
बाबा ब्रम्हचर्य जीवन का पालन करते हैं, वे कभी दूध, चीनी और तेल से बना कोई पदार्थ ग्रहण नहीं करते. उबला हुआ भोजन और सब्जी ही उनका मुख्य आहार है. बाबा भोर में 3 बजे उठकर नित्य कर्म के बाद शिव मंत्र ध्यान और फिर 5 से 6 तक योग आसन करके सुबह 6:30 बजे एक गिलास जल ग्रहण करते हैं. इसके बाद श्री कृष्ण मंत्र साधना गीता पाठ व अन्य साधना करते हैं.
बाबा के आश्रम में आने का नियम भी अनोखा है. यहां पर आपको खाली हाथ आना होता है. बाबा बिना भोजन किए आपको आश्रम से नहीं लौटने देंगे. बाबा स्वयं अपने हाथ से परोस कर आने वाले सभी लोगों को भोजन देते हैं. शिव की अनोखी नगरी में अनोखे बाबा को जानने वाले भी पूरे विश्व में हैं. राजनीतिक हस्तियों की अगर हम बात करें तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, ममता बनर्जी के नाम प्रमुख हैं. वहीं, अगर फिल्म की दुनिया की बात करें तो शिल्पा शेट्टी कुंद्रा भी बाबा की मुरीद हैं.
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कुछ दिन पहले उन्होंने बाबा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए स्वामी शिवानंद बाबा ने कहा कि सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद. उनकी उम्र 125 साल पूर्ण हो गई है और 126 वर्ष चल रही है. सुबह 3 बजे उठता हूं. नित्यक्रम करके योगा करता हूं और बात करता हूं. उबला हुआ भोजन ग्रहण करता हूं. दूध और फल कभी नहीं ग्रहण करते हैं.
सभी को योगा करना चाहिए. योगा करने से किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती है. लोग रोगों से दूर रहेंगे और दवा से दूर रहेंगे. स्वामी शिवानंद बाबा के शिष्य डी के विश्वास ने बताया कि बाबा को पद्मश्री सम्मान मिला है. बहुत ही खुशी हो रही है. पिछले 25 वर्षों से जबसे बाबा को देखा बाबा उसी तरह हैं. बाबा सुबह उठकर योगा करते हैं और टहलते हैं. यही बाबा का रूटीन है. भगवान की आराधना करते हैं.