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बीजेपी के निलंबित 12 विधायकों ने की राज्यपाल से मुलाकात, सौंपा ज्ञापन - mumbai politics news

महाराष्ट्र विधानसभा के मॉनसून सत्र में हंगामा करने की वजह से बीजेपी के 12 निलंबित विधायकों ने मुंबई में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है. इस दौरान राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए एमवीए के विधायकों पर उनके साथ अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

suspended BJP MLAs met the Governor, Maharastra news
बीजेपी के निलंबित 12 विधायकों ने की राज्यपाल से मुलाकात
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Published : Jul 5, 2021, 10:13 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में मॉनसून सत्र में हंगामे की वजह से भाजपा के निलंबित 12 विधायकों ने सोमवार शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा. इस दौरान विधायकों ने एमवीए सरकार की शिकायत करते हुए राज्यपाल से प्रकरण में हस्तक्षेप करने की मांग की.

मुलाकात के दौरान राज्य विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक आशीष शेलार के नेतृत्व में विधायकों ने पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों से इंकार करते हुए ज्ञापन सौंपा. निलंबित विधायकों ने ज्ञापन में बताया कि एमवीए (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस सहित महा विकास अघाड़ी) के विधायकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और हम पर दोष मढ़ दिया. कहा कि विधानसभा में पेश किए गए ओबीसी प्रस्ताव में कई मुद्दे समुदाय के लिए राजनीतिक कोटा बहाल करने में मदद नहीं करने वाले थे और हम सभी इस मुद्दे पर बोलना चाहते थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई.

निलंबित विधायकों में आशीष शेलार, हरीश पिंपले, संजय कुटे, नारायण कुचे, गिरीज महाजन, अभिमन्यु पवार, बंटी बांगडीया, योगेश सागर और अतुल भातखलकर शामिल हैं. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के सम्बंध में विधानसभा में प्रस्ताव रखा. साथ ही ये बात की गई कि केंद्र सरकार इम्पीरीयल डेटा उपलब्ध कराए.

पढ़ें:महाराष्ट्र : विधानसभा में स्पीकर से बदसलूकी, बीजेपी के 12 विधायक निलंबित

इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवींस ने कहा कि केंद्र सरकार से डाटा मांगने से मसला सुलझने वाला नहीं है, राज्य सरकार हमें पूरी तरह से गुमराह कर रही है. इसके बाद बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. वहीं सत्र के दौरान बीजेपी के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के केबिन में जा पहुंचे और सत्ता पक्ष के विधायकों से भिड़ गए. इस दौरान सत्र की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.

राकांपा नेता ने लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

राकांपा नेता और मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा सदस्यों पर भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. कहा कि भाजपा सदस्यों ने अध्यक्ष के कक्ष में जाधव का घेराव किया और अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका माइक भी तोड़ दिया. पहले राज्य विधानसभा को इस मुद्दे पर चार बार स्थगित कर दिया गया.

पढ़ें:महाराष्ट्र विस में 12 भाजपा विधायकों के निलंबन पर क्या है कानूनी अधिकार, जानें विशेषज्ञ की राय

जाधव की ओर से केंद्र सरकार से आग्रह करने वाले प्रस्ताव पर मतदान करने के बाद ही सदन को शुरू में 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया. कहा कि इसी दौरान गिरीश महाजन और संजय कुटे सहित कुछ भाजपा विधायक अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए और अध्यक्ष के साथ बहस की.

बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद मंत्री नवाब मलिक और शिवसेना सदस्य सुनील प्रभु ने मांग की कि जाधव के साथ उनके व्यवहार के लिए विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके बाद विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने पेश किया और ध्वनि मत से पारित किया गया. जाधव ने विधानसभा को बताया कि आज का दिन मेरे लिए काला दिन है. मुझे अपशब्द कहे गए और कुछ लोग कह रहे हैं कि मैंने अभद्र टिप्पणी की. सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से मामले की जांच कराई जाए. यदि मैंने किसी भी अनुचित भाषा का प्रयोग किया है, तो मैं किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हूं.

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में मॉनसून सत्र में हंगामे की वजह से भाजपा के निलंबित 12 विधायकों ने सोमवार शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा. इस दौरान विधायकों ने एमवीए सरकार की शिकायत करते हुए राज्यपाल से प्रकरण में हस्तक्षेप करने की मांग की.

मुलाकात के दौरान राज्य विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक आशीष शेलार के नेतृत्व में विधायकों ने पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों से इंकार करते हुए ज्ञापन सौंपा. निलंबित विधायकों ने ज्ञापन में बताया कि एमवीए (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस सहित महा विकास अघाड़ी) के विधायकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और हम पर दोष मढ़ दिया. कहा कि विधानसभा में पेश किए गए ओबीसी प्रस्ताव में कई मुद्दे समुदाय के लिए राजनीतिक कोटा बहाल करने में मदद नहीं करने वाले थे और हम सभी इस मुद्दे पर बोलना चाहते थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई.

निलंबित विधायकों में आशीष शेलार, हरीश पिंपले, संजय कुटे, नारायण कुचे, गिरीज महाजन, अभिमन्यु पवार, बंटी बांगडीया, योगेश सागर और अतुल भातखलकर शामिल हैं. दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के सम्बंध में विधानसभा में प्रस्ताव रखा. साथ ही ये बात की गई कि केंद्र सरकार इम्पीरीयल डेटा उपलब्ध कराए.

पढ़ें:महाराष्ट्र : विधानसभा में स्पीकर से बदसलूकी, बीजेपी के 12 विधायक निलंबित

इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवींस ने कहा कि केंद्र सरकार से डाटा मांगने से मसला सुलझने वाला नहीं है, राज्य सरकार हमें पूरी तरह से गुमराह कर रही है. इसके बाद बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. वहीं सत्र के दौरान बीजेपी के विधायक विधानसभा अध्यक्ष के केबिन में जा पहुंचे और सत्ता पक्ष के विधायकों से भिड़ गए. इस दौरान सत्र की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.

राकांपा नेता ने लगाया दुर्व्यवहार का आरोप

राकांपा नेता और मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा सदस्यों पर भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. कहा कि भाजपा सदस्यों ने अध्यक्ष के कक्ष में जाधव का घेराव किया और अपशब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका माइक भी तोड़ दिया. पहले राज्य विधानसभा को इस मुद्दे पर चार बार स्थगित कर दिया गया.

पढ़ें:महाराष्ट्र विस में 12 भाजपा विधायकों के निलंबन पर क्या है कानूनी अधिकार, जानें विशेषज्ञ की राय

जाधव की ओर से केंद्र सरकार से आग्रह करने वाले प्रस्ताव पर मतदान करने के बाद ही सदन को शुरू में 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया. कहा कि इसी दौरान गिरीश महाजन और संजय कुटे सहित कुछ भाजपा विधायक अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए और अध्यक्ष के साथ बहस की.

बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद मंत्री नवाब मलिक और शिवसेना सदस्य सुनील प्रभु ने मांग की कि जाधव के साथ उनके व्यवहार के लिए विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसके बाद विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने पेश किया और ध्वनि मत से पारित किया गया. जाधव ने विधानसभा को बताया कि आज का दिन मेरे लिए काला दिन है. मुझे अपशब्द कहे गए और कुछ लोग कह रहे हैं कि मैंने अभद्र टिप्पणी की. सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से मामले की जांच कराई जाए. यदि मैंने किसी भी अनुचित भाषा का प्रयोग किया है, तो मैं किसी भी सजा का सामना करने के लिए तैयार हूं.

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