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ओडिशा पुलिस ने गंजाम जिले से लापता 115 बच्चों का पता लगाया - 115 लापता बच्चों का पता लगाया गया गंजाम

ओडिशा पुलिस ने गंजाम जिले से लापता बच्चों में से अब तक 115 बच्चों का पता लगाया है. इन बच्चों में से कुछ ने हाल ही में दुकानों और होटलों में काम करना शुरू किया था और कुछ ऐसे भी थे जो बिना बताए अपने घर से चले गए थे.

115 missing children rescued ganjam
115 लापता बच्चों का पता लगाया गया गंजाम
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Published : Jul 5, 2022, 5:45 PM IST

बरहमपुर (ओडिशा): ओडिशा के गंजाम जिले से लापता बच्चों में से कम से कम 115 का जनवरी से अभी तक पता लगाया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन बच्चों में 112 लड़कियां हैं. पुलिस अधीक्षक बृजेश राय ने बताया कि एक विशेष अभियान के तहत आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से 23 लड़कियों को बचाया गया, जबकि जिले के विभिन्न हिस्सों से 14 अन्य लड़कियों का पता चला.

उन्होंने बताया कि कई बच्चों को उन दुकानों और होटलों से छुड़ाया गया, जहां उन्होंने काम शुरू कर दिया था. कुछ बच्चे अपने रिश्तेदारों के यहां भी मिले. कुछ लड़कियां अपने प्रेमियों के साथ मिलीं जिनके साथ वे अपने अभिभावकों को बिना बताए चली गई थीं. उनके माता-पिता ने उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई लड़कियों ने माता-पिता से झगड़ा होने के बाद घर छोड़ दिया था. राय ने कहा, 'हमने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने शादी करने का झांसा देकर लड़कियों को अगवा किया था.' ऐसे ही एक मामले में जिला पुलिस ने सोमवार को भुवनेश्वर से 17 वर्षीय एक लड़की को छुड़ाकर, उसे उसके माता-पिता से मिलवाया.

यह भी पढ़ें-पटना में 3 साल की बच्ची लापता, पिता का आरोप- 'बेटी को 500 में बेचा'

पुरुषोत्तमपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक प्रियाश ने बताया कि लड़की राज्य की राजधानी में किराए के मकान में एक युवक के साथ रह रही थी. व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि बच्चों के लापता होने का एक प्रमुख कारण तस्करी भी है. बाल अधिकार कार्यकर्ता सुधीर सबत ने कहा कि कई मामलों में, तस्कर लड़कियों को अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर राज्य से बाहर ले गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

बरहमपुर (ओडिशा): ओडिशा के गंजाम जिले से लापता बच्चों में से कम से कम 115 का जनवरी से अभी तक पता लगाया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन बच्चों में 112 लड़कियां हैं. पुलिस अधीक्षक बृजेश राय ने बताया कि एक विशेष अभियान के तहत आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से 23 लड़कियों को बचाया गया, जबकि जिले के विभिन्न हिस्सों से 14 अन्य लड़कियों का पता चला.

उन्होंने बताया कि कई बच्चों को उन दुकानों और होटलों से छुड़ाया गया, जहां उन्होंने काम शुरू कर दिया था. कुछ बच्चे अपने रिश्तेदारों के यहां भी मिले. कुछ लड़कियां अपने प्रेमियों के साथ मिलीं जिनके साथ वे अपने अभिभावकों को बिना बताए चली गई थीं. उनके माता-पिता ने उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कई लड़कियों ने माता-पिता से झगड़ा होने के बाद घर छोड़ दिया था. राय ने कहा, 'हमने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, जिन्होंने शादी करने का झांसा देकर लड़कियों को अगवा किया था.' ऐसे ही एक मामले में जिला पुलिस ने सोमवार को भुवनेश्वर से 17 वर्षीय एक लड़की को छुड़ाकर, उसे उसके माता-पिता से मिलवाया.

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पुरुषोत्तमपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक प्रियाश ने बताया कि लड़की राज्य की राजधानी में किराए के मकान में एक युवक के साथ रह रही थी. व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. बाल अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि बच्चों के लापता होने का एक प्रमुख कारण तस्करी भी है. बाल अधिकार कार्यकर्ता सुधीर सबत ने कहा कि कई मामलों में, तस्कर लड़कियों को अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा देकर राज्य से बाहर ले गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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