नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच शनिवार सुबह 10 बजे मोल्दो में 10वीं कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता हो सकती है. सेना के सूत्रों से पता चला है कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों से डिसइंगेजमेंट के बाद भारत और चीन बाकी फ्रिक्शन पॉइंट से डिसइंगेजमेंट पर चर्चा करेंगे. पेंगोंग त्सो में सैनिकों की वापसी के बाद, अब भारत और चीन के बीच इस बैठक में डेपसांग और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र का मुद्दा भी उठने की उम्मीद है. हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि LAC के अन्य क्षेत्रों को लेकर भी चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ये स्पष्ट है कि भारत इन वार्ताओं के दौरान कुछ भी समझौता नहीं होगा. दोनों पक्षों ने 10 वें दौर की वार्ता करने पर भी सहमति व्यक्त की है.
गौरतलब है कि नौ महीनों तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बने रहने के बाद, दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से पीछे हटने के समझौते पर पहुंची हैं. यह समझौता दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के चरणबद्ध , समन्वित और सत्यापित किये जा सकने वाले तरीकों से पीछे हटने का प्रावधान करता है.
भारतीय थल सेना ने मंगलवार को कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी की थी. इनमें पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो (झील) के आसपास के स्थानों से चीनी सेना द्वारा अपने सैनिकों की संख्या में कम किये जाने और उसके द्वारा अपने बंकर, शिविर और अन्य सुविधाओं को नष्ट करते देखा जा सकता है.
वीडियो में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कुछ संरचनाओं को समतल करने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए दिखाया गया है। साथ ही, इसमें चीन के सैनिकों को उपकरणों, वाहनों के साथ पीछे हटने की तैयारी करते भी दिखाया गया है.
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चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया सुगमता से जारी है. साथ ही, उम्मीद जताई कि दोनों देश लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर प्रयास करेंगे.