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100 पूर्व नौकरशाहों ने पीएम-केयर्स कोष पर उठाए सवाल - 100 पूर्व नौकरशाहों ने पीएम-केयर्स कोष की पारदर्शिता पर उठाए सवाल

सौ पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को लिखे एक खुले पत्र में पीएम-केयर्स निधि में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जवाबदेही के मानकों के पालन के मद्देनजर प्राप्तियों और खर्चों का वित्तीय ब्योरा उपलब्ध कराना जरूरी है.

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Published : Jan 16, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : सौ पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को लिखे एक खुले पत्र में पीएम-केयर्स निधि में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जवाबदेही के मानकों के पालन के मद्देनजर प्राप्तियों और खर्चों का वित्तीय ब्योरा उपलब्ध कराना जरूरी है, ताकि किसी तरह की अनियमितता के संदेह से बचा जा सके.

पूर्व अधिकारियों ने खुले पत्र में लिखा कि हम पीएम-केयर्स या आपात स्थिति में नागरिक सहायता और राहत के बारे में जारी बहस पर करीब से नजर रख रहे हैं. यह कोष कोविड महामारी से प्रभावित लोगों के फायदे के लिए बनाया गया था. जिस उद्देश्य से यह कोष बनाया गया और जिस तरह से इसे संचालित किया गया, दोनों को लेकर कई सवाल अनुत्तरित हैं. उन्होंने कहा कि आवश्यक है कि प्रधानमंत्री से जुड़े सभी लेन-देन में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित करके प्रधानमंत्री के पद और दर्जे को अक्षुण्ण रखा जाए.

यह भी पढ़ें-पहले दिन 1,65,714 लोगों को लगा कोरोना टीका : स्वास्थ्य मंत्रालय

पत्र पर पूर्व आईएएस अधिकारियों अनिता अग्निहोत्री, एसपी अंब्रोसे, शरद बेहार, सज्जाद हासन, हर्ष मंदर, पी जॉय ओमेन, अरुणा रॉय, पूर्व राजनयिक मधु भादुड़ी, केपी फाबियान, देब मुखर्जी, सुजाता सिंह और पूर्व आईपीएस अधिकारियों एएस दुलात, पीजीजे नंबूदरी तथा जूलियो रिबेरो आदि के हस्ताक्षर हैं.

नई दिल्ली : सौ पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को लिखे एक खुले पत्र में पीएम-केयर्स निधि में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जवाबदेही के मानकों के पालन के मद्देनजर प्राप्तियों और खर्चों का वित्तीय ब्योरा उपलब्ध कराना जरूरी है, ताकि किसी तरह की अनियमितता के संदेह से बचा जा सके.

पूर्व अधिकारियों ने खुले पत्र में लिखा कि हम पीएम-केयर्स या आपात स्थिति में नागरिक सहायता और राहत के बारे में जारी बहस पर करीब से नजर रख रहे हैं. यह कोष कोविड महामारी से प्रभावित लोगों के फायदे के लिए बनाया गया था. जिस उद्देश्य से यह कोष बनाया गया और जिस तरह से इसे संचालित किया गया, दोनों को लेकर कई सवाल अनुत्तरित हैं. उन्होंने कहा कि आवश्यक है कि प्रधानमंत्री से जुड़े सभी लेन-देन में पूरी तरह पारदर्शिता सुनिश्चित करके प्रधानमंत्री के पद और दर्जे को अक्षुण्ण रखा जाए.

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पत्र पर पूर्व आईएएस अधिकारियों अनिता अग्निहोत्री, एसपी अंब्रोसे, शरद बेहार, सज्जाद हासन, हर्ष मंदर, पी जॉय ओमेन, अरुणा रॉय, पूर्व राजनयिक मधु भादुड़ी, केपी फाबियान, देब मुखर्जी, सुजाता सिंह और पूर्व आईपीएस अधिकारियों एएस दुलात, पीजीजे नंबूदरी तथा जूलियो रिबेरो आदि के हस्ताक्षर हैं.

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