गर्मी के मौसम में कई लोगों में पैरों में सूजन की समस्या देखने में आती है. जिसके चलते पीड़ित के पैरों में दर्द या जल्दी थकने जैसी समस्याएं भी नजर आ सकती हैं. जानकारों का मानना है कि शारीरिक रूप से सक्रिय रह कर तथा खान-पान को दुरुस्त रख कर इस समस्या से राहत पाई जा सकती है. गर्मी के मौसम में पैरों में सूजन क्यों आती है तथा इससे कैसे बचाव किया जा सकता है, इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभव ने लखनऊ की एमडी फिजीशियन डॉ आरिफा शेख से बात की.
क्यों होती है पैरों में सूजन
डॉ आरिफा बताती हैं कि तेज गर्मी के मौसम में पाँव में सूजन आना एक आम समस्या है. यह समस्या अधिकतर प्रौढ़ या बुजुर्ग लोगों में नजर आती है. लेकिन कभी -कभी किसी विशेष रोग या समस्या के चलते यह युवाओं में भी नजर आ सकती है. वह बताती हैं कि हमारा शरीर हर मौसम के अनुरूप खुद को ढालने के लिए कुछ प्रतिक्रिया करता है. वही मौसम का प्रभाव भी उस पर अलग अलग रूप में नजर आता है. विशेषकर गर्मियों की बात करें तो इस मौसम का असर हमारी नसों तथा टिश्यू पर भी पड़ता है. जैसे ज्यादा गर्मी के चलते शरीर में पानी की कमी होने पर या किसी अन्य कारण से इस मौसम में हमारे शरीर की नसें खींचने लग सकती हैं. वही कई बार हमारे शरीर के टिश्यू से तरल पदार्थों (द्रव्यों)के संचारित होने या बाहर निकलने की क्षमता भी कम होने लगती है. परिणामस्वरूप वे तरल पदार्थ हमारे शरीर के निचले हिस्से यानी हमारे पांव में इकट्ठा होने लगते हैं. जो पाँव में सूजन का कारण बनते हैं.
कैसे करें बचाव
वह बताती हैं कि वैसे तो मौसम कोई भी हो, शारीरिक सक्रियता तथा स्वस्थ आहार का सेवन करना हर आयु के व्यक्ति के लिए जरूरी होता है. लेकिन इस समस्या से बचाव के लिए और भी कुछ बातें हैं जिनको नियमित दिनचर्या में शामिल करने से फायदा हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- नियमित व्यायाम जरूरी
शारीरिक सक्रियता बनाये रखने तथा नियमित व्यायाम करने से काफी हद तक इस समस्या में राहत पायी जा सकती है. डॉ आरिफा बताती हैं कि जरूरी नहीं है कि इसके लिए नियमित तौर पर कठोर व्यायाम किया जाए. प्रतिदिन हल्का-फुल्का योग, व्यायाम ,यहां तक कि 30 मिनट तक टहलना भी काफी फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा तैराकी भी इस समस्या में लाभकारी हो सकती है. - कम नमक वाला आहार खाएं
ऐसे लोग जिन्हे यह समस्या हो उन्हें पौष्टिक, सुपाच्य विशेषकर कम नमक वाले आहार का सेवन करना चाहिए. इससे ना सिर्फ पैरों की सूजन बल्कि पाचन, ह्रदय व अन्य कई प्रकार की समस्याओं में भी उन्हें राहत मिल सकती है. इसके अलावा डब्बाबंद तथा प्रोसैस्ड आहार, चिप्स या ऐसे स्नेक्स जिनमें नमक की मात्रा ज्यादा हो उनसे भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि नमक सूजन को बढ़ाने का कार्य करता है. इसके अलावा अपने आहार में ऐसे फल तथा सब्जियां शामिल करें जिनमें विटामिन बी-6, 5 तथा कैल्शियम की मात्रा ज्यादा हो. इससे शरीर में सूजन को राहत मिलती है - शरीर को हाइड्रेट रखें
डॉ आरिफा बताती है कि शरीर का हाइड्रेट रहना अच्छे स्वास्थ्य की मुख्य जरूरतों मे से एक है. इस मौसम में एक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 900 से 1500 मिलीलीटर पानी पीना चाहिए. इसके अलावा ऐसे आहार या पेय पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जो शरीर में निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं, जैसे कैफीनयुक्त पेय पदार्थ तथा अल्कोहल आदि. - सूजन का ध्यान रखें
ऐसे लोग जिन्हे यह समस्या हो उन्हे लंबे समय तक खड़े रहने से बचना चाहिए. इसके अलावा वे लोग जिन्हें दफ्तर में लंबी अवधि तक बैठकर काम करना पड़ता है, यदि संभव हो तो उन्हे अपनी कुर्सी के पास थोड़ी कम ऊंचाई वाला ऐसा स्कूल रखना चाहिए जिस पर वह काम करने के दौरान अपने पांव रख सकें. क्योंकि ज्यादा देर तक पाँव लटका कर रखने से भी पाँव में सूजन बढ़ती है. - ठंडी सिकाई करें
डॉ आरिफा बताती है कि पांव में सूजन होने पर ठंडी सिकाई से भी काफी फायदा होता है. इसके लिए आइसपैक या ठंडे पानी की बोतल की मदद ली जा सकती है.
चिकित्सक से परामर्श जरूरी
डॉ आरिफा बताती हैं कि इन सब सावधानियों के बावजूद यदि सूजन में कमी ना आए या दर्द व अन्य संबंधित समस्याएं बढ़ने लगे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी हो जाता है. क्योंकि कई बार पैरों में सूजन किसी गंभीर बीमारी का लक्षण या संकेत भी हो सकती है. वैसे भी किडनी में समस्या , ह्रदय रोग, लीवर में परेशानी तथा लिंफेडेमा सहित कहीं रोग व समस्याओं में पांव में सूजन को मुख्य लक्षणों में से एक माना जाता है.
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