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हाथी विचरण क्षेत्र की आड़ में बड़े पैमाने पर सरई पेड़ की कटाई, वीडियो वायरल

हाथी विचरण क्षेत्र हाथियों की मौजूदगी वाले धरमपुर सर्किल में बड़े पैमाने पर सरई पेड़ को काटकर जंगल के अंदर ही चिरान बनाये जाने का वीडियो सामने आया है. वीडियो में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर सरई पेड़ को काटकर बेखौफ इसकी तस्करी की जा रही है. यह प्रतापपुर रेंज में बैठे विभाग के अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है.

Large scale cutting of Sarai tree under the cover of elephant variance area in surajpur
सूरजपुर
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Published : Sep 28, 2020, 2:14 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 8:53 PM IST

सूरजपुर : हाथियों की मौजूदगी वाले धरमपुर सर्किल में बड़े पैमाने पर सरई पेड़ को काटकर जंगल के अंदर ही चिरान बनाये जाने का वीडियो सामने आया है. वीडियो में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर सरई पेड़ को काटकर बेखौफ इसकी तस्करी की जा रही है, ये प्रतापपुर रेंज में बैठे विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहा है. पेड़ कटाई का वीडियो वायरल होने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए CCF एबी मिंज ने भी मामले की जानकारी के साथ ही जांच की बात कही है.

सरई पेड़ की कटाई

यह वीडियो प्रतापपुर रेंज से महज 10-15 किमी के दायरे में धरमपुर सर्किल के अन्तर्गत गर्जनडीह बीट का बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार गर्जनडीह बीट कैराडांड़-सिंघरा के बीच स्थित है, जो ‘एलिफेंट-कॉरिडोर’ का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. इस बीट में प्राय जंगली हाथियों के विचरण के साथ यह उनके रहवास का एक हिस्सा है. हाथी राजपुर रेंज से जब भी प्रतापपुर रेंज में प्रवेश करते है तो इसी मार्ग का उपयोग करते है. यह बीट प्रतापपुर-अंबिकापुर मुख्य मार्ग से 10 किलोमीटर पर स्थित धरमपुर सर्किल का एक हिस्सा है, जो महज सर्किल मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है.

चेकिंग या बैरियर नहीं

इस सर्किल में सरई पेड़ काफी मात्रा में है, जो लकड़ी तस्करी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही है. इस बीट को लेकर हमेशा यह आरोप लगते रहे है कि यह लकड़ी तस्करी को लेकर काफी असुरक्षित होने के साथ यहां से चंद किलोमीटर की दूरी पर ही मुख्य मार्ग होने के कारण यहां से तस्कर लकड़ी को बड़े ही आराम से अम्बिकापुर की ओर ले जाते है, जिसपर किसी भी प्रकार की कोई चेकिंग या बैरियर नहीं है, जिससे लकड़ी बड़े ही आराम से संभाग मुख्यालय में खपा दी जा रही है. इस बीट के अलावा धरमपुर सर्किल के ही बीट में गणेशपुर बीट है, जो कनकनगर से शुरू होकर गोटगवां व सिंघरा तक फैला हुआ है, यहां पर भी समय-समय पर बड़े पैमाने पर सरई पेड़ की कटाई व लकड़ी की तस्करी के मामले सुर्खियों में रहे हैं.

वन विभाग पर आरोप

यह वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इसपर वन विभाग पर सवाल खड़े होना शुरू हो गए है. अब आरोप लग रहे है कि बगैर विभाग के शह के इतने बड़े पैमाने पर इस तरह लकड़ी की कटाई नहीं हो सकती है. साथ ही इस बात पर भी आरोप लग रहे है कि यह कटाई पिछले कई दिनों से चल रही है. इसके बाद भी विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. दरअसल यह क्षेत्र हाथी विचरण क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां पर प्रायः उच्चाधिकारी नहीं जाते है और यही तस्करी की बड़ी वजह मानी जा रही है.

टीम गठित की गई है- CCF
सरगुजा संभाग के सीसीएफ एबी मिंज ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है. उन्होनें इसके लिए टीम का भी गठन कर दिया है. टीम जांच में जाएगी. मामले के परीक्षण के उपरांत जैसी भी स्थिति सामने आएगी, कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सूरजपुर : हाथियों की मौजूदगी वाले धरमपुर सर्किल में बड़े पैमाने पर सरई पेड़ को काटकर जंगल के अंदर ही चिरान बनाये जाने का वीडियो सामने आया है. वीडियो में जिस प्रकार बड़े पैमाने पर सरई पेड़ को काटकर बेखौफ इसकी तस्करी की जा रही है, ये प्रतापपुर रेंज में बैठे विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहा है. पेड़ कटाई का वीडियो वायरल होने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए CCF एबी मिंज ने भी मामले की जानकारी के साथ ही जांच की बात कही है.

सरई पेड़ की कटाई

यह वीडियो प्रतापपुर रेंज से महज 10-15 किमी के दायरे में धरमपुर सर्किल के अन्तर्गत गर्जनडीह बीट का बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार गर्जनडीह बीट कैराडांड़-सिंघरा के बीच स्थित है, जो ‘एलिफेंट-कॉरिडोर’ का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. इस बीट में प्राय जंगली हाथियों के विचरण के साथ यह उनके रहवास का एक हिस्सा है. हाथी राजपुर रेंज से जब भी प्रतापपुर रेंज में प्रवेश करते है तो इसी मार्ग का उपयोग करते है. यह बीट प्रतापपुर-अंबिकापुर मुख्य मार्ग से 10 किलोमीटर पर स्थित धरमपुर सर्किल का एक हिस्सा है, जो महज सर्किल मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है.

चेकिंग या बैरियर नहीं

इस सर्किल में सरई पेड़ काफी मात्रा में है, जो लकड़ी तस्करी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रही है. इस बीट को लेकर हमेशा यह आरोप लगते रहे है कि यह लकड़ी तस्करी को लेकर काफी असुरक्षित होने के साथ यहां से चंद किलोमीटर की दूरी पर ही मुख्य मार्ग होने के कारण यहां से तस्कर लकड़ी को बड़े ही आराम से अम्बिकापुर की ओर ले जाते है, जिसपर किसी भी प्रकार की कोई चेकिंग या बैरियर नहीं है, जिससे लकड़ी बड़े ही आराम से संभाग मुख्यालय में खपा दी जा रही है. इस बीट के अलावा धरमपुर सर्किल के ही बीट में गणेशपुर बीट है, जो कनकनगर से शुरू होकर गोटगवां व सिंघरा तक फैला हुआ है, यहां पर भी समय-समय पर बड़े पैमाने पर सरई पेड़ की कटाई व लकड़ी की तस्करी के मामले सुर्खियों में रहे हैं.

वन विभाग पर आरोप

यह वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इसपर वन विभाग पर सवाल खड़े होना शुरू हो गए है. अब आरोप लग रहे है कि बगैर विभाग के शह के इतने बड़े पैमाने पर इस तरह लकड़ी की कटाई नहीं हो सकती है. साथ ही इस बात पर भी आरोप लग रहे है कि यह कटाई पिछले कई दिनों से चल रही है. इसके बाद भी विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. दरअसल यह क्षेत्र हाथी विचरण क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां पर प्रायः उच्चाधिकारी नहीं जाते है और यही तस्करी की बड़ी वजह मानी जा रही है.

टीम गठित की गई है- CCF
सरगुजा संभाग के सीसीएफ एबी मिंज ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है. उन्होनें इसके लिए टीम का भी गठन कर दिया है. टीम जांच में जाएगी. मामले के परीक्षण के उपरांत जैसी भी स्थिति सामने आएगी, कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Oct 4, 2020, 8:53 PM IST
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