सूरजपुरः जिले को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए कई साल से जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. प्रशासन इस अभियान के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
जिला प्रशासन के जागरूकता अभियान के बावजूद दुकान और फुटपाथ व्यापारी बेखौफ धड़ल्ले से प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसे लेकर प्रशासन लोगों में जागरूकता की कमी मान रही है.
जिला प्रशासन का जागरूकता अभियान
ETV भारत ने जब मामले में जानकारी लेने के लिए सूरजपुर जिला पंचायत के सीईओ अश्वनी देवांगन से बात की तो उन्होंने बताया कि प्लासटिक मुक्त जिला बनाने के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाके में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा शहर में SLRM सेंटर बनाए गए हैं. जहां उपयोग में आ रहे प्लास्टिक की छटनी की जाती है. साथ ही समय-समय पर लोगों को प्लास्टिक के उपयोग न करने के लिए और उपयोग से पैदा होने वाले समस्याओं से अवगत कराया जाता है. उन्होंने कहा कि अभियान के बाद भी लोगो में जागरुकता नहीं आने पर सख्ती लाने की बात कही.
ETV भारत की ग्रांउड रिपोर्ट
जिला प्रशासन स्वच्छता को लेकर करोड़ों खर्च कर रही है, लेकिन जिले में प्लास्टिक की वजह से स्वच्छता कहीं देखने को नहीं मिल रही है. प्लास्टिक को ऐसी जगह फेंका जा रहा है, जहां मवेशी प्लास्टिक को खा सकते हैं और उनकी मौत भी हो सकती है. इससे जिला प्रशासन बेखौफ हैं. अब देखना यह है कि प्रशासन इस अभियान को लेकर कब गंभीर होती है और जिले को कब तक प्लास्टिक मुक्त बना पाती है.