सूरजपुर: केंद्र सरकार की योजना के तहत सभी मवेशियों की पहचान के लिए बायो डिजिट कोड से मवेशियों को टैग किया जाना है. जिससे मवेशी और उनके मालिक किसान की पहचान हो सके. यहां तक कि मवेशियों को लगने वाले टीके की जानकारी भी पशु विभाग को टैग नंबर से मिलती रहेगी और मवेशियों की देखरेख आसानी से हो सकेगी. लेकिन जिले में 89 किसानों को इस योजना का लाभ अब तक नहीं मिल पाया है.
दरअसल, सूरजपुर जिले के साढ़े चार लाख मवेशियों को टैग किया जाना है जिससे जिले के लाखों किसान लाभान्वित हो सकेंगे. ऐसे में 1 साल में जिले में 16,411 किसानों के 64,853 मवेशियों को ही बायो डिजिट को टैग किया गया है. ऐसे में मवेशी मालिकों के लिए बायो डिजिट कोड के चयन से सही समय पर मवेशियों को टीका लगाने का लाभ मिल सकेगा. साथ ही बीमार मवेशियों की देखरेख भी आसानी से हो सकेगी.
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुधार के क्षेत्र में मवेशियों की अहम भूमिका है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक मवेशी पालन को लेकर कई योजनाएं शुरू कर चुकी है और धरातल पर क्रियान्वयन को लेकर हमेशा ही सवाल खड़े होते रहे हैं. जहां मवेशी के बायो डिजिट कोड टैग प्रक्रिया की धीमी गति से किसानों को परेशानी हो रही है. वहीं अब तक इस योजना का कई किसानों को लाभ नहीं मिल पाया है. फिलहाल जिले के पशु विभाग के उपसंचालक ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक जिले के डेढ़ लाख मवेशियों को यूनिक आधार नंबर ट्रैकिंग से जोड़ लिया जाएगा.